पीआईयू सिवनी के अधिकारियों की सांठगांठ की पोल खोल रहा ठेकेदार
बीजादेवरी व लकवाह में हायर सेकेण्ड्री स्कूल में हो रहा गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य
पारदर्शिता का अभाव, निर्माण बोर्ड नहीं लगाकर छिपा रहे हकीकत
छपारा विकासखंड के स्कूल भवन निर्माण में ठेकेदार कर रहे मनमानी
सिवनी। गोंडवाना समय।
आदिवासी विकासखंड छपारा में शैक्षणिक विकास हेतु प्राथमिकता के आधार पर लाखों करोड़ों का बजट प्रदान करते हुये सर्वाधिक आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा अपने गांव, अपने ही क्षेत्र में प्राप्त करने के लिये महत्व देते हुये सकारात्मक दिशा में कदम उठाते हुये आदिवासी बच्चों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये उनकी नींव को मजबूत बनाने के उद्देश्य से सर्वसुविधायुक्त शिक्षा संस्थान के लिये हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवन बनाने के लिये बजट प्रदान किया है।
बीजोदवरी व लकवाह में पुट्टी और रंगाई-पुताई से ढांक रहे घटिया कार्य
इसके तहत आदिवासी विकासखंड छपारा के बीजोदवरी व लकवाह में स्कूल भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। स्कूल भवन को सरकार की मंशा के विपरीत व स्टीमेट के आधार पर नहीं बनाया जा रहा है। अंतिम चरण में तो लोक निर्माण विभाग पीआईयू सिवनी के तकनीकि अधिकारियों के संरक्षण में ठेकेदार पुट्टी और पुताई के सहारे दरारों को भरने की कवायद कर रहा है।
इसके साथ ही डस्ट, दरवाजे, खिड़की, र्इंट, लोहा निर्माण के दौरान जिस तरह से अधिक से अधिक रूपया बचाने के लिये तकनीकि अधिकारियों व ठेकेदार की सांठगांठ हुई है। आदिवासी विकासखंड छपारा के अंतर्गत बीजादेवरी व लकवाह में बन रहे हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवन के निर्माण में पीआईयू सिवनी के तकनीकि अधिकारी व ठेकेदार मिलकर पुट्टी और रंगाई-पुताई से घटिया काम को ढकने का काम जोरो पर कर रहे है। यदि निर्माण स्थल की उच्च स्तरीय जांच हो जाये तो पीआईयू सिवनी के तकनीकि अधिकारियों व ठेकेदार की सांठगांठ की पोल खोल सकती है।
काली करतूते, भ्रष्टाचार व अनियमितता छिपाने कार्य स्थल पर नहीं लगाया बोर्ड
केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री पादर्शिता की बात करते है, वहीं मध्यप्रदेश सरकार सुशासन की बात करती है। वहीं निर्माण स्थलों पर ठेकेदार व तकनीकि अधिकारियों के द्वारा पारदर्शिता को ठेंगा दिखा रहे है। अधिकांश निर्माण स्थलों पर संकेतक बोर्ड गायब रहता है जिससे क्षेत्रिय ग्रामीण व नागरिकगण अंजान रहते है कि किसी योजना व विभाग के तहत निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
पारदर्शिता व सुशासन के लिये पहली प्राथमिकता प्रत्येक निर्माण स्थलों पर निर्माण से संबंधित समस्त जानकारीयुक्त संकेतक बोर्ड का होना अनिवार्य किया जाना चाहिये। हालांकि नियम है परंतु इसे संबंधित विभाग के तकनीकि अधिकारी व ठेकेदार जानबूझकर और अपनी काली करतूते व भ्रष्टाचार व अनियमितता छिपाने के लिये निर्माण स्थलों पर बोर्ड नहीं लगाते है। वहीं कार्य पीआईयू सिवनी के अधिकारियों के संरक्षण में बीजादेवरी व लकवाह में निर्माण एजेंसी ठेकेदार के द्वारा नहीं लगाया गया है।