बैगा आदिवासी की गोली से मृत्यू पर मण्डला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग
गोंगपा प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तेकाम ने घटना को दु:खद बताकर, पुलिस की कार्यवाही पर उठाये सवाल
पुलिस व नक्सली मुठभेड़ में बैगा आदिवासी हीरन सिंह परते की मृत्यू से आदिवासी समाज में आक्रोश
बैगा समाज संगठन मुखिया ने कहा अब होगी आर-पार की लड़ाई
न्यायायिक जांच में सेवानिृत्त जजों के साथ आदिवासी जनप्रतिनिधी व बैगा समाज संगठन के मुखियाओं को शाामिल करने की मांग
मण्डला। गोंडवाना समय।
मेरी पति की हत्या हुई है, किसने गोली से मार दिया यह बात और आरोप अस्पताल में कहने व लगाने वाली पत्नि का अब आखिर शांत क्यों हो गई है। परिवार को प्रशासन से बैगा आदिवासी की मौत का मरहम लगाने का वायदा कर दिया है यही कारण से अब मृतक परिवार शांत हो गया है लेकिन बैगा समाज के मुखिया सोन सिंह बैगा अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है।
वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इंजिनियर कमलेश तेकाम तो बैगा आदिवासी की मृत्यू के मामले में सड़क से लेकर माननीय न्यायालय की चौखट तक का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे है।
मण्डला जिले के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को हटाने के साथ ही गोंगपा प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तेकाम ने न्यायायिक जांच में सत्ता से जुड़े हुये आदिवासी जनप्रतिनिधियों को छोड़कर विपक्ष के आदिवासी जनप्रतिनिधियों व आदिवासी समाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने की मांग किया है।
घटना को लेकर पुलिसिया कार्यवाही पर लग रहे आरोप प्रत्यारोप
जनजाति बाहुल्य जिला मण्डला के अंतर्गत कान्हा नेशनल पार्क के वन क्षेत्र में पुलिस और नक्सली मुठभेड़ में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले, राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्राप्त बैगा जनजाति के सदस्य कान्हा गेट से लगा हुआ ग्राम लसरी टोला का निवासी हिरन परते की पुलिस की गोली की मृत्यू हो गई है।
बम्हनी बंजर में पोस्ट मार्टम कराने के दौरान वहां पर मृतक की पत्नि ने जो बयान व आरोप पुलिसिया कार्यवाही को लेकर दिये थे व लगाये थे। प्रशासन के मरहम के बाद अब शांत होने के साथ साथ मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
बिछिया विधानसभा क्षेत्र में हुई बैगा जनजाति सदस्य की मृत्यू की घटना के बाद और मृतक के अंतिम संस्कार के बाद लसरी टोला गांव में राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों का हुजुम लग रहा है। निवास विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ अशोक मर्सकोले सहित गोंगपा के प्रदेश अध्यक्ष इंजिनियर कमलेश तेकाम ने पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी हिम्मत बढ़ाने में भूमिका निभाया है तो वहीं घटना को लेकर आरोप प्रत्यारोप भी लगाया है।
मृतक के भाईयों ने कहा हमें इंसाफ चाहिये
मृतक परिवार के सदस्यों में उनके भाईयों का कहना है कि हमने जंगल में जन्म लिये है और जल, जंगल, जमीन ही हमारा जीवन है। एक भाई जो कि रिसोर्ट में काम करता है उनका कहना है कि जिस दिन घटना हुई उस दिन मैं ड्यूटी में था। हमारे भाई बीते दिनों घर से कहीं चले गये थे जिसकी हमने गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी,
वहीं मृतक के एक ओर भाई नन्हें सिंह बैगा का कहना है कि हमारे भाई मजदूरी का कार्य करते थे। वहीं झाडू बनाने का काम भी कभी कभी करते थे। वे बीते रविवार से गायब थे। घर नहीं आने पर हमने सोमवार को उनको ढूढ़ने गये थे। हमने बुधवार के दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराये थे।
जिस तरह से पुलिस बता रही है कि नक्सली व पुलिस की फायरिंग के बीच में आने से हमारे भाई की गोली लगने से मृत्यू हो गई है। यदि हम भी ढूढ़ने के दौरान या और कोई भी बीच में या सामने आता तो पुलिस उन्हें भी गोली से मार देते है। पुलिस हमारे घर में आई थी कागजों में दस्तखत करने के लिये बोल रहे थे। हमारे भाई की पुलिस की गोली से मृत्यू हुई है हमें इंसाफ चाहिये।
सरकार बैगा आदिवासी के लिये योजनाओं के साथ उन पर गोली भी चला रही है-सोन सिंह बैगा
वहीं पुलिस की गोली से मृत हुये हीरन सिंह बैगा की मृत्यू की घटना के मामले में बैगा समाज के मुखिया सोन सिंह बेगा का कहना है कि सरकार आखिर आदिवासी के ऊपर गोली क्यों चला रही है। बैगा आदिवासी राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्राप्त है, शासन को ध्यान रखना चाहिये।
वहीं जब एक टाईगर मरता है तो पूरा शासन एकत्र होगर उसकी सुरक्षा में जुट जाता है लेकिन एक आदिवासी मरता है तो कोई ध्यान नहीं देता है। सरकार, शासन प्रशासन परिवार कोे क्या सहायता करेंगे यह जानकारी नहीं दिया गया है। इस मामले में बेगा समाज आंदोलन करेगा और अब आखिरी बार लड़ाई रहेगी। हमारा क्षेत्र बिछिया विधानसभा क्षेत्र में आता है।
बैगा समाज के मुखिया सोन सिंह बैगा ने मांग किया है कि गोली चलाने वालों पर कार्यवाही होना चाहिये। घटना को लेकर दु:ख जताने के साथ साथ उन्होंने आक्रोश जताते हुये यह भी कहा है कि अब आर-पार की लड़ाई होगी। बैगा के लिये सरकार इतनी योजनाएं चला रही है लेकिन साथ में गोली भी चला रही है।
प्रशासन के दबाव में वास्तविकता नहीं बता पा रहे पीड़ित परिवार के सदस्य-कमलेश तेकाम
वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इंजिनियर कमलेश तेकाम ने मृतक परिवार के घर व गांव पहुंचकर घटना को दु:ख व्यक्त किया। परिवार को साहस व हिम्मत दिया। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में बताया कि कान्हा किसली क्षेत्र में पुलिस व नक्सली मुठभेड़ की जानकारी मीडिया के माध्यम से मुझे मिली थी।
वहीं मीडिया के माध्यम से ही यह जानकारी भी सामने आई की लसरी टोला निवासी बैगा आदिवासी हीरन सिंह परते की पुलिस की गोली चालन के दौरान मृत्यू हो गई है जो कि दु:खद घटना है। बैगा आदिवासी अधिकांशतय: जंगल क्षेत्र में ही निवास करते है। वहीं वे जंगल के संसाधन पर ही निर्भर है और जंगल किनारे रहते है।
मृतक का परिवार भी जंगल के संसाधन से शहद निकालने का कार्य करते थे वहीं मृतक स्वयं झाड़ू बनाने का कार्य करते थे व मजदूरी भी करते थे। जंगल के संसाधन से अपने परिवार का पालन पोषण परिवार के सदस्य करते है। मुझे जानकारी मिली है कि खटिया पुलिस थाना में 8 मार्च से गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
मृतक के परिवारजन व मृतक की पत्नि प्रशासन के दबाव में और उनका परिवार भी घटना के संबंध में वास्तविकता को नहीं बता पा रहे है। मैं गोंगपा की ओर से राष्ट्रपति से उच्च स्तरीय जांच कराने के लिये पत्र लिखुंगा।
आदिवासी समुदाय की राष्ट्रपति पालक है, बैगा जनजाति राष्ट्रीय मानव घोषित है, विशेष संरक्षित जनजाति है। मंडला जिले में जिस तरह से बैगा आदिवासी को कोे नक्सालाईट बताकर गोली चलाकर हत्या कर दी गई है। गोंगपा इस मामले में पूरे मध्यप्रदेश में आंदोलन करेगी।
न्यायिक जांच पर उठ रहे सवाल
न्यायिक जांच के मामले में गोंगपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि पूर्व में भी मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़ में पुलिस की गोली से आदिवासियों की मृत्यू होने के मामले में न्यायिक जांचे हुई है लेकिन अधिकांशतय: पुलिस के पक्ष में ही नजर आई है और जांच कमेटी व निर्णय का क्या हुआ इस संबंध में किसी को जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। सरकार, शासन प्रशासन के द्वारा कराई जाने वाली अधिकांशतय: जांचे पीड़ित परिवारों को अपने पक्ष में करने तक सीमित रह जाती है। जिससे न्यायिक जांच पर सवाल उठ रहे है।
माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे
वहीं गोंगपा प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तेकाम ने कहा कि इस मामले में हम न्यायिक जांच की मांग के साथ साथ यह भी मांग करते है कि मण्डला जिले के पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाया जावे। न्यायिक जांच में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के साथ साथ सत्ता पक्ष के आदिवासी जनप्रतिनिधियों को छोड़कर विपक्ष के आदिवासी जनप्रतिनिधियों को न्यायायिक जांच टीम में शामिल किया जावे।
इसके साथ ही बैगा आदिवासी समाज संगठन के मुखियाओं को भी शामिल किया जावे। हमने यह भी निर्णय लिया है कि आदिवासियों की हत्या नक्सली मुवमेंट के नाम पर फर्जी मुठभेड़ के नाम पर की जा रही है। इस तरह के मामलों को लेकर हम माननीय न्यायालय का दरवाजा भी खटखटायेंगे।