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आंचलिक लेडी फिल्म के लिये प्रथम चरण का हुआ आॅडिशन

आंचलिक लेडी फिल्म के लिये प्रथम चरण का हुआ आॅडिशन 

आॅडिशन में वानी धुर्वे फिल्म प्रोडक्शन के सभी मेंबर का विशेष सहयोग रहा

सिवनी। गोंडवाना समय। 

जिला मुख्यालय सिवनी में दिनाक 19 जनवरी 2025 को आंचालिक लेडी फिल्म का नि:शुल्क आॅडिशन हुआ। जिसमें लगभग 800 लोगो रजिस्ट्रेशन हुआ था। आंचालिक लेडी फिल्म राष्ट्रीय स्तर की फिल्म है जो कि चार भाषा में हिंदी, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ में रिलिज होगी।
            


फिल्म में लीड रोल के लिए साउथ एवं मुंबई के एक्टरों को लिया जाएगा। वहीं फिल्म निमार्ता डॉ. हीरा धुर्वे ने बताया कि आंचलिक लेडी फिल्म के लिए अभी जो आॅडिशन हुआ वह सिवनी में ऐतिहासिक रहेगा यह पहली बार भी हुआ है।

विभिन्न विधाओं में पारंगत 50-60 कलाकारों का चयन किया गया 


राष्ट्रीय स्तर की बनने वाली फिल्म आंचलिक लेडी के निमार्ता डॉ. हीरा धुर्वे के द्वारा नि:शुल्क आॅडिशन किया गया है। सिवनी में लगभग हर प्रदेश के लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। जिसमें लगभग 50-60 विभिन्न विधाओं में पारंगत कलाकारों का चयन किया गया। 

आॅडिशन में इन्होंने निभाया मुख्य भूमिका 


आॅडिशन में वानी धुर्वे फिल्म प्रोडक्शन के सभी मेंबर का विशेष सहयोग रहा और साउथ के कास्टिंग डायरेक्टर हेमंत चौहान, अमृत मकवाना, विराज जादेंन, म्यूजिक संगीतकार आदित्य गौर एवं फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े राइटर, सूर्यवंशम, बाजीगर, बुलंदी, खिलाड़ी ऐसे 300 फिल्मों का ऐतिहासिक अवार्ड और ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी रहा है। ऐसे डायलॉग राइटर आदेश के अर्जुन को वानी धुर्वे फिल्म प्रोडक्शन हाउस के आंचलिक लेडी फिल्म निमार्ता डॉ. हीरा धुर्वे ने आॅडिशन में सिवनी बुलाया गया और अपनी फिल्म आंचलिक लेडी में भी साइन करवाया गया है। 

फिल्म बड़े पर्दों में आसानी से काम करने का मौका भी मिलेगा 


आंचलिक लेडी फिल्म में मध्य प्रदेश की संस्कृति को दशार्या गया है। जिसमें दलित, आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और उनकी जिंदगी में रोशनी डाला जाएगा। ये फिल्म किसी भी जाति धर्म पर आधारित नहीं है। आंचलिक लेडी फिल्म मध्य प्रदेश की इतिहास की पहली फिल्म होगी जो चार भाषा में ही शूटिंग की जाएगी। इस फिल्म के निमार्ता हमारे जिला सिवनी के है।
         क्षेत्र व प्रदेश की बहुत सारे लोगों को मुंबई, दिल्ली ,भोपाल आॅडिशन के लिए भटक पड़ता था और हजारों रुपए खर्च हो जाते थे।  अब उन्हें अपने क्षेत्र में ही अपनी कला को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। जिससे लोगों को राष्ट्रीय स्तर की फिल्म बड़े पर्दों में आसानी से काम करने का मौका भी मिलेगा। 


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