परमानंद कॉलोनी में नॉनक ग्रुप ने खोली उपभोक्ताओं को लूटने की दुकान
ग्रीन बेल्ट में 11 प्लाट बेचने के लिये बचे शेष,
सिवनी। गोंडवाना समय।
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के प्रभार वाले जिला सिवनी में कॉलोनाईजर के नाम पर जगह-जगह दुकान खुली हुई है। इन दुकानों को चलाने वाले बकायदा प्रचार प्रसार करके प्लाटों को बेचने का काम कर रहे है। उपभोक्ताओं को बैंक के कर्ज में दबाकर या बैंक में जमा पूंजी को अपनी तिजोरी में भरने का खेल बेखौफ होकर कर रहे है।
उपभोक्ताओं को लूटने की दुकान इन्होंने प्रत्येक मोहल्लों व शहरी क्षेत्र से लेकर ग्राम पंचायत क्षेत्र जो कि सिवनी शहर से लगे हुये है वहां पर ग्रीन वेल्ट की भूमि हो या जरूरी अनमुतियों के बिना ही प्लाट का ले आउट डालकर कच्ची पक्की सड़क का मायाजाल बिछाकर उपभोक्ताओं के साथ लूटपाट करने का खेला खुलेआम कर रहे है।
इसमें परमानंद कॉलोनी जो कि नानक ग्रुप के अंतर्गत संचालित है उसने भी उपभोक्ताओं को लूटने की खुली दुकान खोल रखा हुआ है। दिखावा के लिये शासन प्रशासन कार्यवाही करती है लेकिन इन्हें प्लाट बेचने से रोक नहीं पा रही है। शासन प्रशासन की एफआईआर की कार्यवाही भी भूमाफियाओं पर नकेल नहीं कस पा रही है।
बिना वैध अनुमतियों के ही कैसे बेच दिये प्लाट
बींझावाड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में परमांनद कॉलोनी के नाम से बिना किसी बोर्ड लगाकर, मौखिक रूप से बताकर, ले आउट डालकर उपभोक्ताओं को प्लाट बेचने का क्रम निरंतर जारी है। इसके लिये परमानंद कॉलोनी संचालक व नानक ग्रुप के द्वारा वहां पर युवतियों को प्लाट दिखाने व बेचने के लिये जानकारी देने के लिये रखा गया है।
इसके साथ ही इनके द्वारा उपभोक्ताओं को फोन करके लुभावने वायदो का आफर देकर प्लाट बेचने का खेल भी किया जा रहा है। परमानंद कॉलोनी के नाम पर प्लाट बेचने वाले नानक गु्रप के द्वारा प्लाटिंग एरिया में नक्शा बनाकर रखा हुआ है। इस संबंध में जब गोंडवाना समय ने स्पाट में जाकर पूछताछ किया तो वहां पर यह बताया गया कि सिर्फ 11 प्लाट बचे है बाकी सभी बिक गये है। जबकि परमानंद कॉलोनी में टीएनसी सहित अन्य वैध आवश्यक अनुमति नहीं है। इसके बाद भी धड़ल्ले से प्लाट की बिक्री की जा रही है।
नाला की जमीन को भी दबा दिया
परमानंद कॉलोनी जो कि नॉनक ग्रुप के द्वारा संचालित की जा रही है। संचालक के द्वारा शासकीय नाला की जमीन को भी दबा लिया गया है। वहीं नाला में प्लाटिंग ऐरिया तक आने जाने के लिये पुलिया का निर्माण भी कर लिया गया है। नाला का स्वरूप बदलने के लिये नाली की जमीन कोे दबा दी गई है। आने वाले समय में बारिश का पानी नाला का आकार छोटा होने के कारण समीप के रहवासियों के साथ साथ शहरी प्रशासन के लिये परेशानी का कारण बन सकता है।