Type Here to Get Search Results !

जनजातीय पारंपरिक खेलों का हुआ आयोजन

जनजातीय पारंपरिक खेलों का हुआ आयोजन 

कुश्ती, कबड्डी, गेड़ी दौड़ खेल का खिलाड़ियों ने दिखाये हुनर 


सुनेश शाह उइके, संवाददाता
परसवाड़ा। गोंडवाना समय 

मध्य प्रदेश शासन के जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था के निदेर्शानुसार विभाग के सहायक आयुक्त पी एन चतुवेर्दी के संरक्षक एवं मार्गदर्शन में दिनांक 21जनवरी 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की 150 वी जयंती के अवसर पर जनजातीय पारंपरिक खेलों में 04 खेल जिसमें कबड्डी , कुश्ती, आर्चरी एवं गेड़ी दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें विभिन्न संस्थाओं एवं ग्रामीण अंचल के खिलाड़ी शामिल हुए। 

50 चयनित खिलाड़ी जिला स्तरीय प्रतियोगिता बैहर में भाग लेंगे 


प्रतियोगिता का उदघाटन विकासखंड अधिकारी डी डी ठाकरे के द्वारा पूजा अर्चना कर किया गया लगभग 50 चयनित खिलाड़ी जिला स्तरीय प्रतियोगिता बैहर में भाग लेंगे। प्रतियोगिता को सम्पन्न कराने में पी टी आई डी के मेश्राम कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय परसवाड़ा, मुकेश बनोटे चन्दना, धीरेन्द नगपुरे उकवा , संतोष नेवारे भिड़ी, खेमेलाल वरकड़े समन्वयक परसवाड़ा, विनय मंडले धुर्वा, पूरन सिंह धुर्वे हाई स्कूल बोदा, सुकरीत दास मझगांव एवं अधिक्षक खुमनलाल पंद्रे आदि का विशेष सहयोग रहा।

खेल से युवाओं में काफी परिवर्तन आएगा 


श्री कुमानसिंह उइके कोच ने बताया कि शिक्षा विभाग के द्वारा पहली बार जनजाति समुदाय के छात्र-छात्राओं को खेल के क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए यह योजना चला रही है वह काबिल तारीफ है। ब्लाक स्तर का जो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कुश्ती, कबड्डी, गेड़ी दौड़, इस प्रकार का खेल आयोजन सम्पन्न हुआ। इस खेल से युवाओं में काफी परिवर्तन आएगा। युवा खेल के क्षेत्रों में अपने माता-पिता एवं अपने गांव का नाम रौशन करेंगे।

ट्राईबल शिक्षा विभाग के माध्यम से इस खेल का आयोजन करवाया जा रहा है 


श्री खेमलाल वरकड़े ब्लाक खेल समन्वय प्रभारी परसवाड़ा ने बताया कि ट्राईबल शिक्षा विभाग के माध्यम से इस खेल का आयोजन करवाया जा रहा है। बालाघाट जिले में ट्राईबल क्षेत्र के अंतर्गत परसवाड़ा, बैहर, बिरसा 3 ब्लाक आते हैं।
            

साथ ही सरकार ने जनजाति के बच्चों को खेल के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए तीन प्रकार की व्यवस्था की है। 14 से 18, 18 से 55 एवं 55 से अधिक उम्र वाले पुरुषों एवं महिलाओं को शामिल किया गया है। इस खेल में चंदना, डोरा, भींडी, मजगांव, ठेमा, परसवाडा़ एवं समस्त क्लबों के जनजातीय समुदाय के बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.