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गालीबाज डॉक्टर चंद्रप्रताप सिंह राठौर को बर्खास्त कराने का मामला विधानसभा में गूंजा

गालीबाज डॉक्टर चंद्रप्रताप सिंह राठौर को बर्खास्त कराने का मामला विधानसभा में गूंजा 

विधायक को अमर्यादित भाषा शैली का प्रयोग कर गाली देने वाले डॉक्टर को मामला विधानसभा में उठाया 

विधानसभा सदन में विधायक ने बताया कि सामान्य आदिवासियों के साथ हो रहा अन्याय, अत्याचार 


सैलाना/रतलाम। गोंडवाना समय। 

मध्यप्रदेश विधानसभा में सत्र के दौरान शून्यकाल में सैलाना विधानसभा क्षेत्र के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने जिला अस्पताल रतलाम में अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने, मरीजों से मिलने और खुद का इलाज करवाने के दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर चंद्रप्रताप सिंह राठौर द्वारा गाली देने और अभद्र व्यवहार करने का मामला 19 दिसंबर 2024 को विधानसभा में उठाया।

डॉक्टर सी पी एस राठौर ने विधायक को गंदी-गंदी गालियां देकर बाहर जाने का कहा 

विधायक कमलेश्वर डोडियार ने सदन में बताया कि दिनांक 05 दिसंबर 2024 को लगभग रात को 10 बजे मैं स्वयं जनहित के विषयों को लेकर जिला चिकित्सालय रतलाम गया था। जहां पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर चंद्रप्रताप सिंह राठौर द्वारा मुझसे अभद्र व्यवहार किया गया और गंदी-गंदी गालियाँ दी गई एवं मुझे चिल्ला-चिल्लाकर अपमानजनक शब्दों के साथ बाहर जाने को कहा। 

जाति सूचक गालियां देते रहते हैं डॉक्टर चंद्रप्रताप सिंह राठौर 

जिला चिकित्सालय में विगत कई वर्षों से यह चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर चंद्र प्रताप सिंह राठौर पदस्थ है एवं अन्य मरीजों के साथ भी आए दिन अभद्र व्यवहार करते रहते हैं एवं जाति सूचक गालियां देते रहते हैं। जिसकी सूचना मिलने पर ही मैं वहां वस्तुस्थिति देखने और मेरे क्षेत्र के मरीजों से मिलने और व्यवस्थाएं सुविधाए देखने गया था। मैं भी वहां अपना इलाज कराने गया था, मेरा भी इलाज नहीं किया गया। 

एसआईटी के माध्यम से विभागीय जांच कराने की कार्यवाही करें 

सदन में माँग की कि सार्वजनिक रूप से माँ बहन की गालियाँ देने वाले डॉक्टर को तत्काल बर्खास्त करते हुए इनके द्वारा किये गये अभद्र व्यवहार की निष्पक्ष जांच पुलिस मुख्यालय स्तर भोपाल से एसआईटी के माध्यम से कराई जाकर विभागीय जाँच शुरू करने की कार्यवाही करने का कष्ट करें। 

मेरे साथ डॉक्टर चंद्रप्रताप सिंह ठाकुर ने जातिय अत्याचार भी किया 

विधायक कमलेश्वर डोडियार ने विधानसभा सदन में यह भी बताया कि मेरे साथ हुई घटना कोई सामान्य घटना नहीं है बल्कि मेरे साथ में जातीय अत्याचार हुआ है और सरकार ने उल्टा मेरे खिलाफ दो मुकदमें दर्ज कर मुझे ही जेल में डाल दिया था। जब मैं विधायक हूं मेरे साथ इस तरह का अत्याचार, अन्याय हो रहा है इसलिए स्पष्ट है कि सामान्य आदिवासियों के साथ लगातार अन्याय, अत्याचार हो रहा है। सदन के अंदर भी न्यायपूर्ण चर्चा नहीं हो पा रही है।


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