धर्म परिवर्तन के लिये तो नहीं की जा रही आदिवासियों की भीड़ जुटाकर ईसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा ?
छपारा थाना क्षेत्र के ग्राम गौरखपुर में ईसाई धर्म प्रचारकों ने सैकड़ों आदिवासियों के बीच में की प्रार्थना सभा
छपारा। गोंडवाना समय।
पुलिस थाना छपारा क्षेत्र के अंतर्गत भीमगढ़ रोड में स्थित ग्राम गौरखपुर में 29 दिसंबर दिन रविवार को नागपूर व अन्य स्थानों से आये ईसाई धर्म प्रचारकों के द्वारा सैकड़ों की संख्या में उपस्थित आदिवासी समुदाय की उपस्थिति में प्रार्थना सभा का आयोजन किया।
गौरखपुर ग्राम में आयोजित प्र्रार्थना सभा में छपारा ब्लॉक सहित अन्य ग्रामों के आदिवासी समुदाय के लोग व अन्य समाज के लोग भी फोरव्हीलर वाहनों में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे और प्रार्थना सभा कार्यक्रम में शामिल हुये।
हालांकि अधिकांश लोगों से जब पूछा गया कि आप यहां पर कौन से कार्यक्रम में आये है तो अधिकांश लोगों ने कहा कि हमें गाड़ी में बैठालकर कार्यक्रम में चलना है यह कहकर लाया गया है इसलिये हम लोग साथ में आ गये है।
प्रार्थना सभा में विश्वास है इसलिये सैकड़ों की संख्या में आये है आदिवासी समाज के लोग- सुधीर पास्टर
ग्राम गौरखपुर में आयोजित प्रार्थना सभा कार्यक्रम में छपारा ब्लॉक से सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोगों के शामिल होने की जानकारी जब क्षेत्रिय लोगों को मिली तो वहां पर उन्होंने कार्यक्र्रम के संबंध में जानकारी लेकर छपारा पुलिस थाना में सूचना भी दिया था।
प्रार्थना सभा में मौजूद नागपुर से आये सुधीर पास्टर ने बताया कि हम यहां पर यीशू मसीह जी का जन्म दिवस मना रहे है और प्रार्थना सभा कार्यक्रम का आयोजन कर रहे है। सभी लोग यहां पर अपनी मर्जी से आये है उन्हें यीशू मसीह पर विश्वास है, उन्हें हमारे द्वारा कराई जाने वाली प्रार्थना सभा में भरोसा व विश्वास है।
इसलिये यहां पर सैकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुये है।
वहीं हमारे द्वारा प्रार्थना सभा कार्यक्रम की अनुमति भी ली गई है, प्रार्थना व कार्यक्रम के संबंध में सूचना भी दी गई है।
आदिवासियों की जमीन खरीदी बिक्री बढ़ रहा गौरखधंधा
सिवनी जिले में आदिवासियों की जमीनों को खरीदने बेचने का गौरखधंधा भी बहुतायत हो रहा है। इसके लिये भी गैर आदिवासी वर्ग के लोगों के द्वारा आदिवासी समाज की महिलाओं व पुरूष वर्र्ग का उपयोग भी किया जा रहा है।
वहीं आदिवासी बाहुल्य जिला सिवनी में ईसाई धर्म प्रचारक जो कि बाहर से आते है और प्रार्थना सभा कार्यक्रम के नाम पर लोगों की भीड़ जुटाकर उन्हें लालच देने का काम भी करते है। आदिवासी समाज की जमीनों को खरीदने के लिये इस तरह का षड़यंत्र भी किया जा रहा है। वहीं आदिवासी समाज के कुछ लोग ईसाई धर्म को भी अपना रहे है। इसके बाद उनके नाम से जमीन खरीदी बिक्री को गौरखधंधा भी किया जा रहा है।