आईआईटी और आईआईएम में एससी, एसटी के अल्प प्रतिनिधित्व पर तत्काल कार्यवाही हेतु अजाक्स सिवनी ने सौंपा ज्ञापन
राष्ट्रपति के नाम अजाक्स संघ सिवनी द्वारा सौंपा गया ज्ञापन
सिवनी। गोंडवाना समय।
आईआईटी और आईआईएम जैसे उच्च संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के संकाय सदस्यों के अल्प प्रतिनिधित्व पर तत्काल कार्रवाई हेतु अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी कर्मचारी सिवनी अजाक्स संघ सिवनी के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम सिवनी जिला कलेक्टर के माध्यम से सौंपा गया।
एससी/एसटी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है
देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान एवं भारतीय प्रबंधन संस्थान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के संकाय सदस्यों के अत्यंत अल्प प्रतिनिधित्व का गंभीर मुद्दा प्रस्तुत किया जा रहा हैै। सितंबर 2024 में द हिंदू में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, इन संस्थानों में संकाय सदस्यों की संरचना संविधान द्वारा सुनिश्चित सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। प्राप्त आंकड़े निम्नलिखित हैं 1. आईआईएम और आईआईएम इंदौर 109 में से 106 संकाय सदस्य सामान्य वर्ग के हैं, जबकि एससी/एसटी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
13 आईआईएम में 82.8% संकाय सदस्य सामान्य वर्ग से हैं
वहीं आईआईएम उदयपुर एवं आईआईएम लखनऊ में क्रमश: 90% और 95% से अधिक संकाय सदस्य सामान्य वर्ग से हैं। इसी तरह आईआईएम बेंगलुरु में 85% से अधिक संकाय सदस्य सामान्य वर्ग के हैं। कुल मिलाकर 13 आईआईएम में 82.8% संकाय सदस्य सामान्य वर्ग से हैं। वहीं 5% अनुसूचित जाति से, 1% अनुसूचित जनजाति से है। वहीं 9.6% अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं।
यह स्थिति संविधान के समावेशी, समानता और न्याय के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करती है
आईआईटी मुंबई एवं आईआईटी खड़गपुर, 700 से अधिक संकाय सदस्यों में 90% सामान्य वर्ग से हैं, कुल 21 आईआईटी में, 80% संकाय सदस्य सामान्य वर्ग से हैं, 6% अनुसूचित जाति से, 1.6% अनुसूचित जनजाति से, 11.2% अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं, उपरोक्त आंकड़े स्पष्ट रूप से दशार्ते हैं कि 50% आरक्षण नीति, जो समाज के वंचित वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के लिए अनिवार्य है। इन संस्थानों में प्रभावी ढंग से लागू नहीं की जा रही है। यह स्थिति संविधान के समावेशी, समानता और न्याय के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करती है।
आरक्षित संकाय पदों को भरने हेतु कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए
अत: आपसे विनम्र निवेदन है कि 1. इस मुद्दे का तत्काल संज्ञान लेकर आईआईटीएस और आईआईएमएस में एससी/एसटी वर्गों के लिए आरक्षित संकाय पदों को भरने हेतु कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। 2. संबंधित मंत्रालयों को निर्देश देकर एससी/एसटी वर्गों के रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए। 3. भविष्य में ऐसी असमानताओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी और जवाबदेही तंत्र स्थापित किया जाए। यह मुद्दा त्वरित हस्तक्षेप की माँग करता है ताकि रउ/रळ समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके और इन उच्च संस्थानों में उनका उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
ज्ञापन सौंपते समय प्रमुख रूप से ये रहे मौजूद
अजाक्स संघ सिवनी के पदाधिकारियों व सदस्यों के द्वारा ज्ञापन सौंपते समय प्रमुख रूप से संभागीय उपाध्यक्ष संतकुमार मर्सकोले, जिला अध्यक्ष चित्तौड़ सिंह कुशराम, जिला कार्यवाहक अध्यक्ष कोमल गढ़पाल, सचिव वीरेंद्र डोंगरे, महासचिव सुरेश उईके , कमलेश परिहार, श्वेतांक इनवाती, शिवनंदन उईके, प्रकाश (विक्की) मसराम जिला अध्यक्ष एससी/एसटी युवा छात्र संघ आजक्स जिला सिवनी मध्य प्रदेश, जिला सदस्य प्रियंका उइके, रजनी मर्सकोले, देविका मर्सकोले, सोनम उइके, राजेश पन्द्रे, दुर्गेश उइके, अजित परते, सुमित मंडावी एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे।