नीलगाय का विद्युत करेंट से हुये शिकार को क्या छिपा रहा वन विभाग ?
रूखड़ रेंज के वीट दलाल, 151 कक्ष क्रमांक में नीलगाय की मौत का है मामला
सिवनी। गोंडवाना समय।
30 नवंबर व 1 दिसंबर की रात्रि व प्राता:काल के दौरान लगभग 2 बजे से 4 बजे के बीच में रूखड़ रेंज के वीट दलाल, 151 कक्ष क्रमांक में नील गाय का शिकार विद्युत करंट के माध्यम से किया गया है, इसकी सूचना ग्रामीणों के द्वारा चौकीदारों को दी गई थी लेकिन इस मामले को शिकार न किया जाकर साधारण मृत्यू दर्शाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इसकी चर्चा घटना स्थल के ग्रामीण क्षेत्र में चल रही है।
चौकीदार और डिप्टी रेंजर मिलकर मामला दबाकर, शिकारी को बचाया
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रूखड़ रेंज के वीट 151 कक्ष क्रमांक में नील गाय का शिकार, विद्युत करेंट के द्वारा किया जाने की चर्चा ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की पोल खोल कर रख दिया है। हालांकि जहां व जिस ग्राम के पास यह घटना हुई थी इसकी जानकारी ग्रामीणजनों के द्वारा चौकीदारों को दी गई थी
इसके साथ ही चौकीदार हरि मरकाम ने इसकी सूचना डिप्टी रेंजर बनवाले को दिया था। बताया जाता है कि इसके बाद चौकीदार व डिप्टी रेंजर बनवाने ने 151 कंपार्टमेंट में गये थे। वहां पर चौकीदार संतोष और अजय के साथ खूंटी को उखाड़कर निशान और तार को हटा कर नीलगाय को बैलगाड़ी से कुछ दूर ले जाया गया था, उसमें बैलगाड़ी के निशान को मिटाया गया।
साधाहण मृत्यू की रिपोर्ट बनवाकर कर दिया अंतिम संस्कार
सूत्रों की माने तो 1 दिसंबर 2024 को सुबह पशु विभाग के डॉक्टर से साधारण मृत्यू की रिपोर्ट बनवाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस मामले में वन्य प्राणी नीलगाय के विद्युत करेंट के शिकार को छिपाया गया है और शिकार करने वालो को बचाये जाने की चर्चा हो रही है। इसकी यदि सूक्ष्मता से जांच हो तो सारी वास्तविकता सामने आ सकती है।
मुफुड़ बम से जंगली सुअर का हुआ था शिकार
सूत्र तो यह भी बताते है कि लगभग 3 माह पूर्व भी इसी बीट में मुफुड़ बम से जंगली सुअर का शिकार भी किया गया था तब नाकेदार व डिप्टीरेंजर ने मामले को दबा दिया था।