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अंशकालीन भृत्यों और स्थायी कर्मचारियों के मामले में आर्थिक अनियमितता की शिकायत पर जांच के आदेश

अंशकालीन भृत्यों और स्थायी कर्मचारियों के मामले में आर्थिक अनियमितता की शिकायत पर जांच के आदेश 

अवैध रूप से रखे गये कर्मचारियों हटाने और उन्हें भुगतान करने वाले अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही की जावे 

एरियर्स हेतु पैसों की मांग करते है विभाग के अधिकारी कर्मचारी 

धनौरा मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ की शिकायत पर जनजाति कार्य विकास विभाग मध्यप्रदेश ने जारी किया पत्र 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

जनजाति कार्य विकास विभाग सिवनी में अंशकालीन भृत्य की भर्ती में विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों व दलाली करने वालों ने मिलकर 1 लाख से लेकर सवा लाख रूपये तक अंशकालीन भर्ती में शिक्षित बेरोजगारों से लूटकर अपनी तिजोरी भरा है।
                


इसके कारण कई शिक्षित बेरोजगारों ने कर्ज लिया है और रूपया देकर अंशकालीन भृत्य के पद पर भर्ती हुये हैै। वहीं इसके बाद उन्हीं कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी बनाने के लिये लाखों की भेंट चढ़ाई गई है। इसके बाद भी अंशकालीन भृत्य से लेकर स्थायी कर्मचारी वेतन के साथ साथ उन्हें शासन के नियम अनुसार मिलने वाले आर्थिक लाभों को समय पर नहीं दिया जा रहा है।
                जनजाति कार्य विकास विभाग सिवनी के अंतर्गत धनौरा विकासखंड में तो विकासखंड अधिकारी कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों ने मिलकर इस मामले में आर्थिक घोटाला भी किया है। इस तरह अनेक अनियमितताओं की शिकायत मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ, धनौरा जिला सिवनी की शिकायतों की जांच कराये जाने के संबंध में जनजातिय कार्य विभाग मध्यप्रदेश के द्वारा सिवनी कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। जिसमें अपर कलेक्टर व कोषालय अधिकारी की टीम बनाकर 4 बिंदुओं पर जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये है। 

आवंटन कोे निजी उपयोग में ले रहे अधिकारी कर्मचारी 

मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ धनौरा जिला सिवनी के द्वारा 9 दिसंबर 2024 से विकासखण्ड कार्यालय धनौरा में पदस्थ लिपिक एवं अधिकारियों की शिकायत की गयी है। जिसके अनुसार स्थायी कर्मचारियों को निर्धारित वेतन नहीं दिया जाना, मजदूरी मद में प्राप्त आवंटन निजी उपयोग में लेकर मानदेय भुगतान नियमित नहीं किया जाना है। 

अनुपस्थितों का भी मानदेय भुगतान कर रहे अधिकारी 

वहीं शिकायत में यह भी उल्लेख है कि एनपीएस की कटौती उचित प्रकार से नहीं किया जा रहा है। अंशकालीन भृत्यों को लगातार कई माह अनुपस्थित रहने के बाद भी अनुपस्थिति अवधि का मानदेय भुगतान किया जाने की मामला भी शामिल है। एरियर्स हेतु पैसों की मांग किया जाता है आदि गंभीर आरोप लगाये गये है। 

वेतन का भुगतान नहीं किया और राशि व्यय होना संदेहस्पद है 

वहीं इस मामले में सहायक आयुक्त सिवनी द्वारा उनके पत्र दिनांक 25 अक्टूबर 2024 से विकासखण्ड अधिकारी धनौरा के डीडीओ कोड में आश्रम शाला, सीनियर छात्रावास एवं उच्चतर माध्यमिक शाला के लिये जितने भी कर्मचारियों को कार्यरत बताया गया है, उसके मान से पर्याप्त मजदूरी का आवंटन मुख्यालय से माह अक्टूबर तक जारी किया जा चुका है। इसके बाद भी मजदूरी मद में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं होना और राशि व्यय हो जाने की स्थिति अत्यंत संदेहास्पद है।

अपर कलेक्टर व कोषालय अधिकारी 4 बिंदुओं पर करेंगे जांच 

इस मामले में जिला स्तर से अपर कलेक्टर एवं कोषालय अधिकारी को शामिल कर जांच दल गठित करने के लिये कहा गया है। वहीं शिकायत आधारित 4 बिन्दुओं पर तथ्यात्मक जांच कराया जाकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने की बात कही गई है।
            धनौरा विकासखण्ड में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित संस्थाएं छात्रावास, आश्रम, हायर सेकेंडरी स्कूल, हाईस्कूल एवं माध्यमिक शालाओं में स्वीकृत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पद विरूद्ध रखे गये दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन कर्मचारियों की संख्या की वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त करना है। वहीं इन कर्मचारियों को देय मजदूरी के आधार पर योजनावार मदवार वर्ष में लगने वानी आवश्यक राशि के आधार पर जांच करने की बात कहीं गई है। 

स्वीकृत पद संख्या से अधिक कर्मचारियों को किया जा रहा भुगतान 

विकासखण्ड अधिकारी के डीडीओ में इन मदों में प्राप्त आवंटन एवं नियमानुसार भुगतान की स्थिति यदि स्वीकृत पद संख्या से अधिक कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा है तो अवैध रूप से रखे गये कर्मचारियों हटाया जाना उनसे कार्य लेने वाले एवं अवैध रूप से भुगतान करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिये कहा गया है।

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