आदिवासी विधायक का अभद्रतापूर्वक गाली से अपमान फिर ऊलगुलान के पहले ही पहुंचाया जेल
डॉक्टर सी पी एस ठाकुर ने खुलेआम आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार को मां की गाली बककर किया था अपमानित
रतलाम को पुलिस ने बनाया छावनी, आंदोलन स्थल पर जाने वालों को रास्ते में ही रोका गया
रतलाम/सैलाना। गोंडवाना समय।
आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश में आदिवासी तो प्रताड़ित, अपमानित, शोषित हो ही रहा है। वहीं आदिवासी विधायक जो 70 हजार से अधिक मताधिकार से विजयी होकर विधानसभा सदस्य बना हो उसे भी यदि खुलेआम मां की गाली देकर संबोधित करते हुये अपमानित किया जा रहा है वह भी सरकारी डॉक्टरी के द्वारा तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों की हालत कितनी बुरी स्थिति में है।
वहीं आदिवासी विधायक का अपमान करने वाला डॉक्टर ठस्से से नौकरी रहा है वहीं दूसरी ओर आदिवासी विधायक के समर्थकों ने आदिवासी विधायक के अपमान व उल्टा पुलिस प्रकरण आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार पर ही दर्ज किये जाने को लेकर शांतिपूर्वक 11 दिसंबर 2024 को रतलाम में ऊलगुलान का बिगुल फूंका तो आंदोलन होने के पहले ही आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार सहित उनके कुछ समर्थकों को जेल भेज दिया गया है।
आदिवासी विधायक के साथ जब इस तरह का बर्ताव मध्यप्रदेश में किया जा रहा है तो आम आदिवासी के साथ कैसा व्यवहार होता होगा, इसका अंदाजा आप स्वयं लगा सकते है।
कमलेश्वर डोडियार को जेल भेजने के बाद आदिवासियों में आक्रोश व्याप्त
रतलाम में आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार के समर्थन में होने वाले आंदोलन में मध्यप्रदेश के साथ साथ राजस्थान, महाराष्ट्र और भी अन्य प्रांतों से आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधिगण, आदिवासी सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता पहुंच रहे थे।
उन्हें रास्तें में ही चौपहिया वाहनों से आवागमन के दौरान पुलिस द्वारा रोक लिया गया है। रतलाम तक नहीं पहुंच पाये इसके लिये पुलिस ने जगह-जगह नाकेबंदी किया हुआ था। इसके बाद भी आदिवासी समाज के युवा वर्ग पगडंडियों के सहारे खेतों के सहारे आंदोलन स्थल रतलाम तक पहुंचते रहे। रतलाम में दिन भर 11 दिसंबर को पुलिस छावनी बना रहा वहीं आदिवाासी समाज के सदस्यगण भी पैदल ही कार्यक्रम स्थल तक पहुंचते रहे।
वहीं आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार को जेल में डालने के बाद देश भर के आदिवासी समाज में आक्रोश भी व्याप्त है जो कि सोशल मीडिया में अलग ही नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में यही प्रतिक्रिया दे रहे है कि आदिवासी विधायक कोे पहले तो गाली बककर डॉक्टर सी पी एस ठाकुर ने अपमानित किया। इसके बाद डॉक्टर की शिकायत पर ही आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार पर ही प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
इन सब कार्यप्रणाली से नाराज होकर आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार के समर्थकों ने रतलाम मुख्यालय में शांतिपूर्वक आंदोलन 11 दिसंबर को करने का एलान किया था। वहीं 11 दिसंबर कोे आंदोलन के पूर्व ही विधायक कमलेश्वर डोडियार को पुलिस ने गिरफतार कर जेल भेज दिया।