एक-एक मुठ्ठी चावल प्रतिदिन बचत कर गाँव को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आगे बढ़ना ही होगा
गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी के दिखाए गए रास्तों पर चलना होगा
अर्थ है तो समर्थ है, वरना सब व्यर्थ है-मनोज सिंह कमरो
कोरिया/ छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।
कोया पुनेम गोंडवाना महासभा की बैठक ग्राम पाराडोल तहसील सोनहत जिला कोरिया छत्तीसगढ़ में धनराज सिंह नेटी की अध्यक्षता में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोयतुर मनोज सिंह कमरो के मुख्य अतिथि में महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राय सिंह श्याम के विशिष्ट अतिथि में सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि तिरु कमरो ने कहा कि वास्तव में आप सभी समाज का हित करना चाहते हैं, तो आप सभी को सामाजिक संपदा निर्माण करने के लिए पेनवासी गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी के दिखाए गए रास्तों पर चलकर प्रतिदिन एक-एक मुठ्ठी चावल बचत कर गाँव को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आगे बढ़ना ही होगा।
यदि आप कार्य कल की तरह करेंगे, तो परिणाम भी कल की तरह आएंगे। आप आने वाले कल से बेहतर परिणाम की उम्मीदें करते हैं, तो समय व परिस्थितियों के अनुरूप अपने कार्य करने के तौर तरीकों को बदलना होगा क्योंकि अर्थ है तो समर्थ है, वरना सब व्यर्थ है।
दादा हीरा सिंह मरकाम जी का सपना, महासभा करेंगी साकार
इसलिए कोया पुनेम गोंडवाना महासभा ग्राम कमेटी के माध्यम से अल्प बचत के रूप में एक-एक मुट्ठी चावल की बचत कर प्रत्येक गाँव में सामाजिक संपदा का निर्माण करना है, इसके लिए महासभा अल्प बचत आर्थिक अभियान को प्राथमिकता देते हुए ग्राम कमेटी के माध्यम से क्रियान्वित कर रही है। एक -एक मुट्ठी चावल बचत कर गोंडवाना का महाकल्याण करने का जो सपना दादा मरकाम जी ने जो देखा था, महासभा इसे साकार करेगी।
आगे बढ़ना है, तो आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में थकना मना है
ग्राम कमेटी और एक मुट्ठी चावल बचाने के अभियान को महासभा प्राथमिकता के साथ कार्य करते हुए आगे बढ़ रही है, चूंकि हमारा समाज विशाल है ऐसे में प्रत्येक गाँव में कम समय में पहुँचना मुश्किल है।
इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये महासभा अपने हर एक प्रयासों व कार्यों को प्रभावी तथा समाज के लिए उपयोगी बनाने के उद्देश्य से जिस गाँव/शहर में बैठक आयोजित करती है वहाँ कमेटी बनाना और अल्प बचत कार्य का क्रियान्वयन महासभा महासभा के द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है ताकि महासभा का समाज हित किया गया कोई भी प्रयास निरर्थक न हो।
आगे बढ़ना है तो आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में थकना मना है। उसी प्रकार भावी पीढ़ी को हम स्वाभिमानी, स्वावलंबी, शसक्त समाज के रूप में देखना चाहते हैं, तो आज हमें थकना, रुकना मना है। चलते-बढ़ते जाना है। रास्ते खुद बखुद बनते जाएंगे।
समाज की आधी समस्याएं कम हो जाएगी
हमें समाज को नशामुक्त करने हेतु युवाओं को आगे आना होगा, क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी मदिरा पान में इस कदर डूब चुकी है कि उन्हें अपने जीवन, कैरियर, भविष्य इत्यादि की चिंता छोड़ आज सिर्फ अपने हाल में ही अपने आप में ही मदमस्त हैं, जो नई जनरेशन के लिए खतरनाक संकेत है।
इसलिए इस कुव्यसन से मुक्ति के लिए सबसे पहले सामाजिक कार्यक्रमों पर सार्वजनिक रूप से इसके वितरण पर प्रतिबंध लगाए जाने की आवश्यकता है। इसके बाद ही हम नशामुक्ति की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। हम समाज में प्रचलित शराब की प्रचलन को अगर रोकने में कामयाब हो गए, तो इतने मात्र से ही समाज की आधी समस्याएं कम हो जाएगी।।
समाज को सशक्त बनाना हम सब पढ़े-लिखे लोगों की जिम्मेवारी है
विशिष्ट अतिथि तिरु. राय सिंह श्याम ने कहा कि दादा मरकाम जी ने जो सपने देखे थे। समतामूलक शोषण विहीन समाज की स्थापना, आजीवन नशामुक्त होकर समाज की सेवा करना, आर्थिक रूप से समाज को सशक्त बनाने हमारी भाषा और संस्कृति को समृद्ध बनाना ताकि समय के अनुकूल हमारा समाज पीछे न छूट जाए, इसलिए हमें बुद्धजीवियों के दिखाए रास्तों पर चलकर समाज को सशक्त बनाना हम सब पढ़े-लिखे लोगों की जिम्मेवारी है। उम्मीद करता हूँ की आप सभी हमारी कही गई बातों के भाव को समझ पा रहे होंगे।
ग्राम कमेटी पाराडोल का हुआ गठन
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रदेश कोषाध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह श्याम, एमसीबी जिला अध्यक्ष मोहन सिंह परस्ते, आनंद सिंह मरकाम, तीरथ सिंह नेटी, पूर्व सरपंच रामनारायण सिंह मरकाम, पूर्व सरपंच अरविंद सिंह, नैन प्रताप, हरपाल सिंह, राजकुमार सिंह, श्रीमती-पार्वती, श्रीमती रजंती, मतियारो बाई पच्ची, हरभजन सिंह नेटी, तिलकधारी सिंह कोराम, हरिनंदन पच्ची, राय सिंह नेटी, शिवरतन सिंह चेचाम, नवल सिंह मरकाम, प्रितपाल सिंह मरकाम, शिवनारायण सिंह मरकाम, देवसाय सिंह मरकाम, शिवमंगल सिंह पोर्ते, रघुवीर सिंह मरकाम, उदित सिंह टेकाम, महाबली सिंह टेकाम, कुलदीप सिंह मरकाम, रघुवीर सिंह पोया सहित अन्य लोग मौजूद रहे।