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85 बच्चों को पढ़ा रहे दो शिक्षक, शेष दो प्रभारी जन शिक्षक का कर रहे कार्य

85 बच्चों को पढ़ा रहे दो शिक्षक, शेष दो प्रभारी जन शिक्षक का कर रहे कार्य 

बरघाट बीआरसी दिनेश हनुमंते की कार्यप्रणाली से शैक्षणिक परिणाम होंगे प्रभावित 


बरघाट। गोंडवाना समय। 

मध्य प्रदेश शासन के अलावा जिले की कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन भी शिक्षा के मामले में विशेष ध्यान दे रही है किंतु जनपद शिक्षा केंद्र बरघाट के बीआरसी श्री दिनेश हनुमंते के द्वारा शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को हटाकर प्रभारी जन शिक्षक का अतिरिक्त कार्य सौंप रहे हैं। 

अतिरिक्त कार्य करने हेतु आदेश किया गया है 


हम आपको बता दें कि हाल ही में बीआरसी बरघाट द्वारा विकासखंड के तीन शिक्षकों को प्रभारी जन शिक्षक का अतिरिक्त कार्य सौंपा गया है, जो की 10:30 से 4:30 बजे तक चलता रहता है, जिसमें शासकीय प्राथमिक शाला आष्टा में 04 शिक्षक-शिक्षिकाओं को 85 छात्रों को पढ़ाने का कार्य सौंपा गया है।
             जिसमें 01 अतिशेष शिक्षकों को पूर्व में ही संकुल प्राचार्य द्वारा रिक्त जन शिक्षक के पद के विरुद्ध प्रभारी जनशिक्षक का कार्य सौंपा गया था। शेष तीन शिक्षकों में से एक शिक्षक को नवभारत साक्षर अभियान के तहत संकुल समन्वयक बनाया गया है। जिन्हें बीआरसी बरघाट द्वारा प्रभारी जनशिक्षक का हाल ही में अतिरिक्त कार्य करने हेतु आदेश किया गया है। 

छात्रों का अध्यापन कार्य प्रभावित होने की संभावना 

दो शिक्षक 85 बच्चों को एफएलएन, एनएएस एवं ओलंपियाड के अलावा पाचों कक्षाओं का नियमित अध्यापन करा रहे हैं। अब समझने वाली बात यह है कि दो शिक्षक आखिरकार कक्षा 1 से कक्षा 5 तक का संचालन करेंगे तो शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित होना तय है।
            यहां यह उल्लेखनीय है कि प्राथमिक शाला आष्टा में केवल दो ही शिक्षक अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। जिससे छात्रों का अध्यापन कार्य प्रभावित होता नजर आ रहा है। जिससे ग्रामीण एवं बालकों में असंतोष फैल रहा है। 

दिनेश हनुमंते बीआरसी का फरमान बन रहा असंतोष का कारण 


विभागीय अधिकारियों द्वारा बच्चों की शैक्षणिक व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। वही विकासखंड के जिम्मेदार बीआरसी श्री दिनेश हनुमंते के द्वारा शिक्षकों को अन्यत्र कार्य सौंप रहे हैं। वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय में बच्चों का स्तर घटता जा रहा है। ऐसे में बीआरसी बरघाट का नया फरमान बच्चों, पालको एवं ग्रामीणों में असंतोष का कारण बन रहा है। 

साल्हेखुर्द (केसला) में भी बीआरसी की कार्यप्रणाली से समझ से परे है 

वहीं अब बात करें माध्यमिक ईपीईएस शाला साल्हेखुर्द (केसला) की जिसमें वर्तमान छात्र संख्या 185 है एवं प्राथमिक विभाग में तीन शिक्षक एवं माध्यमिक विभाग में दो शिक्षक कार्यरत है। माध्यमिक विभाग में एक शिक्षक चिकित्सा अवकाश में चल रहे हैं।
            शेष एक शिक्षक शैक्षणिक कार्यों का दायित्व संभाल रहे हैं एवं प्राथमिक विभाग के चार शिक्षकों में से दो शिक्षक अतिशेष हैं, जिन्हें कभी भी अन्य शाला में स्थानांतरित किया जा सकता है। शेष दो शिक्षकों में एक शिक्षक अभी 2 वर्षों से नवभारत साक्षरता अभियान के तहत संकुल समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे है।
            जिन्हें शाला में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी जानी थी लेकिन बीआरसी बरघाट दिनेश हनुमंते द्वारा प्रभारी जन शिक्षक का दायित्व सौप कर उन्हें उपकृत कर छात्र हित में निर्देश नहीं दे रहे है। 

उच्चाधिकारियों से संज्ञान लेने की जनअपेक्षा 

अब समस्या यह है कि पालक कहां जाए किससे बात करें और अपने छात्रों के भविष्य के साथ अध्यापन को पूर्ण करें यह गर्त का विषय है। जिम्मेदार अधिकारी से निवेदन है कि वह शीघ्र इन प्रभारी जन शिक्षकों को शैक्षणिक व्यवस्था के अंतर्गत अध्यापन कार्य की जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दे ताकि पालकों एवं छात्रों की समस्या का समाधान हो सके।

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