नींबू, नारियल और पत्थर फैंकने पर महामाया परिवार पर लगाया आरोप
पीड़ित आदिवासी परिवार के घर में आधी रात में बरसे पत्थर
बरघाट पुलिस थाना में दी शिकायत, भयभीत, डरा-सहमा है पीड़ित परिवार
बरघाट। गोंडवाना समय।
आदिवासी परिवार के घर में पथराव करने के साथ साथ नारियल, नींबू फैंके जाने के मामले में महामाया परिवार बरघाट पर संदेह जताते हुये बरघाट पुलिस थाना में शिकायत देते हुये कार्यवाही की मांग की गई है।
जमानत पर बाहर है महामाया परिवार के सदस्यगण
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुष्पा तेकाम मढ़िया वार्ड बरघाट में निवास करते है। आदिवासी परिवार के सदस्य संतोष काकोड़िया के साथ में महामाया परिवार बरघाट के कुछ सदस्यों के द्वारा बेरहमी से मारपीट किया था जिसका वीडियों सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।
वहीं पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई थी और जेल भी हुई थी। वहीं इसके बाद जमानत मिलने पर बाहर है। अब वहीं आदिवासी परिवार ने बरघाट पुलिस थाना में महामाया परिवार पर अपने घर पर पत्थर बरसाने के साथ ही नारियल, नींबू, तंत्र-मंत्र का आरोप लगाते हुये भयभीत करने की शिकायत की है।
घर की छत आंगन में बड़े-बड़े पत्थर फैंके गये थे
आदिवासी महिला ने शिकायत करते हुये उल्लेख किया है कि 26 अक्टूबर 2024 की रात्रि में लगभग 1.30 बजे से 2 बजे के बीच में अज्ञात लोगों के द्वारा घर के छप्पर एवं दरवाजे में पथराव किया गया है। जिसकी आवाज सुनकर हम लोगों को चिल्लाना शुरू किया। कौन है क्यों पत्थर फैंक रहे हो, पीड़िÞता ने बेटे को चिल्लाई थाना फोन लगा कोई कुछ फैंक रहा है।
आजू-बाजू वाले को फोन लगाया और कहा कि हमारे घर में कोई कुछ फैंक रहा है, इसके बाद चिल्लाने शोर की आवाज के बाद पत्थर फैंकने की आवाज बंद हो गई। हिम्मत करके जब पीड़ित परिवार बाहर निकले तो देखा कि घर की छत आंगन में बड़े-बड़े पत्थर फैंके गये थे। इसके साथ में नारियल व नींबू भी साथ में फैंका गया है। आसपास देखने पर कोई भी दिखाई नहीं दिया। इसके बाद पीड़ित आदिवासी परिवार ने बरघाट थाना में सूचना दिये और 100 नंबर पर भी सूचना दिया।
डर और भय के साथ जीवन यापन कर रहे है
आदिवासी पीड़ित महिला पुष्पा तेकाम ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि हमारे परिवार 1984-85 से बरघाट में निवासरत है। आज तक हमारे साथ कोई किसी प्रकार की घटना घटित नहीं हुई है लेकिन जब से महामाया परिवार के द्वारा हमारे साथ दिनदहाड़े अन्याय, अत्याचार किया गया है। इसके बाद से मैं और मेरा परिवार डर और भय के साथ जीवन यापन कर रहे हे। दिसंबर 2023 में जो घटना दिनदहाड़े घटी थी उसके बाद 26 अक्टूबर 2024 को रात्रि में दूसरी बार घटना घटी है।
बरघाट में सिर्फ महामाया परिवार के अलावा किसी से कोई दुश्मनी नहीं है
पीड़ित आदिवासी परिवार का कहना है कि हम लोगों की बरघाट में सिर्फ महामाया परिवार के अलावा किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और न ही किसी से कोई विवाद है। आगे मेरे व मेरे परिवार के साथ अगर कुछ भी अनहोनी होती है तो उसके जवाबदार महामाया परिवार होगा। वहीं 26 अक्टूबर की रात्रि की घटन से मेरा परिवार भयभीत हो गया है। आदिवासी पीड़िता ने उचित कार्यवाही करने की मांग किया है।