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गोंडवाना राज्य बनाने के लिए हम अपना पूरा योगदान देंगे-राजकुमार रोत

गोंडवाना राज्य बनाने के लिए हम अपना पूरा योगदान देंगे-राजकुमार रोत 

आदिवासी सांसद राजकुमार रोत का बैहर में हुआ भव्य स्वागत

आदिवासियों की आवाज लोकसभा में उठाने के लिए लोगों ने की खुलकर तारीफ


सुनेश शाह उइके, संवाददाता
बैहर। गोंडवाना समय।

क्रांतिकारी वे लोग होते हैं जो अत्याचार और उपनिवेशवाद के खिलाफ आंदोलन में शामिल होते हैं उनमें से एक है सांसद राजकुमार रोत आदिवासी, भारत देश के समूचे आदिवासियों के आजादी के लिए बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाकर लगातार बगावत और आंदोलन कर रहे है।
                    


आदिवासी सांसद राजकुमार रोत जी करोड़ों शोषित पीड़ित वर्ग समुदाय एवं आदिवासियों के युवाओं के दिलों की धड़कन है। 21 वी सदी में राजस्थान के गांव/ मोहल्ले/ जिला/ ब्लाक में सांसद राजकुमार रोत जी आदिवासी, धरती आबा क्रांति सुर्य बिरसा मुंडा, गोंडवाना के वीर सपूत महाराणा शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह मंडावी एवं राबिन हुड टंट्या मामा भील की तरह क्रांति लेकर आ रहे हैं। आज के समय में हर युवा सांसद राजकुमार रोत जी की तरह बनना चाहता है। सांसद राजकुमार रोत जी गोंडवाना प्रदेश बनाने के लिए अपना पूर्ण समर्थन पहुंचा रहे हैं। 

आदिवासियों ने राजकुमार रौत सांसद का भव्य स्वागत किया 


राजस्थान के चौरासी विधानसभा से दो बार के विधायक रहे एक क्रांतिकारी युवा के रूप में उभरकर देश की सत्ता की हिला देने वाले राजकुमार रोत जी भारत देश के पहले आदिवासी युवा हैं जो कि 32 साल की उम्र में राजस्थान के बांसवाड़ा से वर्तमान सांसद है वे भारत आदिवासी पार्टी के संस्थापक है।
                27 सितम्बर 2024  दिन शुक्रवार को शाम 7 बजे मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले अंतर्गत कान्हा नेशनल पार्क के समीप बैहर तहसील मुख्यालय के गोंडवाना सामुदायिक भवन में सांसद राजकुमार रोत जी का आगमन हुआ।  जहाँ पर स्थानीय आदिवासी समुदाय के अधिकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि सामाजिक वरिष्ठ जनों, युवा साथियों व शुभचिन्तकों द्वारा गर्म जोशी के साथ भव्य रूप से स्वागत किया गया।

एक तीर, एक कमान से गूंज उठा बैहर 


गोंडवाना सामुदायिक भवन बैहर के सामने देखो देखो कौन आया गोंडवाना के शेर राजकुमार रोत जी आया, देखो देखो कौन आया आदिवासी शेर आय एक तीर एक कमान, सारे आदिवासी एक समान के नारों से बैहर गूंज उठा। और वहीं फटाखों की आवाज से बैहर जय जोहार के नारों से गूंज उठा।
                गोंडवाना सामुदायिक भवन के अंदर बैठक आयोजित की गयी, कार्यक्रम की शुरूआत होने के पूर्व सभी लोगों ने सामूहिक रूप से बडा़देव स्मृति चिन्ह देकर, गोंडवाना की शान, और गौरव सम्मान ''पीला गमछा से सांसद राजकुमार रोत जी के सिर पर पीला पगड़ी बांधा गया।
                फिर मौजूदा लोगों के व्दारा बारी बारी कर गोंडी रीति रिवाज अनुसार हल्दी चावल का तिलक लगाकर जोहार सम्मान किया गया। भवन के अंदर भी अनुसूचित जनजाति स्वदेशी के लोगों के तालियों की आवाज से गूंज उठा। 

आदिवासी समाज को एकता के सूत्र में बांधना है 


फिर सांसद राजकुमार रोत ने सभी लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा समाज बिखरा हुआ है इन्हें कैसे एक करना है? हमारा समाज बंटा हुआ है गैरराजनीतिक पार्टियों में,अन्य धार्मिक आस्थाओं में, अलग - अलग विचार धाराओं में लेकिन व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए और भी समाज के लोग बंटे है परन्तु अपने सामाजिक स्वार्थ के लिए समाज का पढ़ा़ लिखा और अधिकारी-कर्मचारी वर्ग डरा हुआ है क्योंकि उनके संरक्षण में कोई नहीं है। समाज का प्रतिनिधित्व कर्ता ईमानदार और सहासी होना चाहिए। 

हमें उन्हें सांसद, विधायक बनाना है जो हमारी बात सदन में उठा सकें 

पूर्ण बहुमत से बनी सरकार तानाशाही पर उतर जाती है और रिजर्व सीट से चुने गैर राजनीतिक पाटीर्यों के विधायकों एवं सासद़ों को संविधान एवं हक अधिकार की बात करने से मना किया जाता है। इसलिए लोकसभा और विधानसभा में निर्दलीय एवं क्षेत्रीय पाटीर्यों के प्रत्याशीयों को भेजना चाहिए जो हमारी बात रख सके। आप हजार लोग मिलकर आंदोलन करेंगे,धरना देंगे, ज्ञापन देंगे आपकी कोई नही सुनेगा। लेकिन हजार लोग मिलकर एक आदमी को लोकसभा-विधानसभा भेजिए फिर आप जो चाहोगे वो होगा। 

समाज के लिए राजनीति में आना बहुत जरूरी है 

यदि आप समाज के लिए कुछ अच्छा काम करोगे तो सबसे पहले समाज का व्यक्ति ही आपका पैर पकड़कर खींचेगा। राजनीति गंदी नही है समाज के लिए राजनीति में आना बहुत जरूरी है। भारत के कोई भी राज्य की सरकार पेशा एक्ट को वोट बैकिंग के लिए लेकर आती है परन्तु धरातल पर लागू कभी नहीं करती। सरकार आदिवासियों को सदियों से अलग-अलग प्रोजेक्ट के नाम पर विस्थापन कर रही है और जो आवाज उठाता है उसे नक्सलवाद का थप्पा लगाकर फर्जी एनकाउंटर में मार दिया जाता है।

ये रहें उपस्थित

तिरूमाल मंशाराम मंडावी अध्यक्ष अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद बैहर, तिरू हरनाम सिंह मेरावी गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन परसवाड़ा, तिरु. सुकसिंह नेताम अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद सचिव बैहर, तिरू. हरेसिंह पुषाम, तिरू डी.एस. मेरावी, तिरू. लक्ष्मण सिंह तिलगाम, पी.के.ताराम, तिरु. डी.एस. धुर्वे, तिरु.अंकेश मेंरावी, तिरू. कन्हैया धुर्वे, तिरू. अरविंद मरकाम, तिरू. रोशन सिंह ताराम, तिरू. हीरासिंह पुषाम, तिरू. श्याम मरकाम, तिरू. डॉ फडिश कुशरे, तिरू. पूरन कुशरे, तिरू तुराप पंद्रे, तिरू कौशिकी उइके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन इंडिया, तिरू. नंदकिशोर तेकाम, तिरू.प्रकाश धुर्वे, तिरू. चंद्रपाल तेकाम, तिरू. प्रकाश मरकाम, तिरू. रामस्वरूप कमलेश, तिरू.केवल मेरावी, तिरू. आयसिंह मेरावी, तिरू. शैलेन्द्र मेरावी, डॉ महेश धुर्वे, तिरू. सतीश मार्को, योगेश अरमो, भूपेन्द्र उइके, रमेश मेरावी, परसवाड़ा से सुनेश शाह उइके युवा पत्रकार एवं जीएसयू अध्यक्ष रानी दुर्गावती महाविद्यालय कालेज परसवाड़ा, सुरज वायाम, सहित बालाघाट जिले के बैहर, परसवाड़ा, बिरसा के लोग उपस्थित रहे।

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