गोंडी धर्म भाषा को मान्यता मिलने के प्रश्न का जनजातिय मंत्री दुर्गादास उईके नहीं दे पाये जवाब
हीरा सूका लिंगो एवं पहांदी पारी कुपार लिंगो प्रतिमा स्थापना भूमिपूजन जनजातिय मंत्री दुर्गादास उईके ने किया
सिवनी जिले में आयोजित धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम शामिल हुये जनजातिय मंत्री
गोंडवाना समय संपादक के प्रश्न का केंद्रीय जनजातिय मंत्री नहीं दे पाये जवाब
अपने उद्बोधन में गोंडी भाषा बोलने, गोंडी धर्म, संस्कृति को मानने समाज को दिया संदेश
सिवनी। गोंडवाना समय।
मैं हमेशा गोंडी भाषा बोलता हूं, मेरी पत्नि भी गोंडी भाषा बोलती है, आप लोग भी गोंडी भाषा जरूर बोले, इसका प्रयोग करें। वहीं जिस समाज की बोली भाषा नहीं होती, जिस समाज की संस्कृति नहीं होती उस समाज की पहचान नहीं होती है।
हिन्दी के साथ साथ गोंडी भाषा में सगा समाज को संदेश देने वाले केंद्रीय जनजातिय मंत्री श्री दुर्गादास उईके से
जब गोंडवाना समय संपादक ने गोंडी धर्म भाषा को मान्यता कब मिलेगी यह प्रश्न पूछने पर कोई जवाब नहीं दे पाये, वह प्रश्न से दूर भागते हुये नजर आये।
हीरा सूका लिंगो एवं पहांदी पारी कुपार लिंगों प्रतिमा स्थापना हेतु संपन्न भूमिपूजन
हम आपको बता दे कि 18 सितंबर 2024 को सिवनी जिले के निकट ग्राम बींझावाड़ा में हीरा सकूा आदिवासी परिधान महासंघ जिला शाखा सिवनी के तत्वाधान में हीरा सूका लिंगो एवं पहांदी पारी कुपार लिंगों प्रतिमा स्थापना हेतु भ्ूामिपूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय जनजातिय मंत्री श्री दुर्गादास उईके सहित सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन, बरघाट विधायक कमल मर्सकोले सहित अन्य भाजपा, कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी व पंचायत के जनप्रतिनिधिगण व सगा समाज की उपस्थिति में शामिल हुये।
जिस समाज की अपनी भाषा, बोली और संस्कृति नहीं होती है उस समाज की अपनी पहचान नहीं होती है
भूूमिपूजन कार्यक्रम में गोंगो मुठवा श्री के पी प्रधान राष्ट्रीय अध्यक्ष परधान समाज राष्ट्रीय मुठवा आदिवासी समाज व अन्य मुठवा के द्वारा कराया गया। इस दौरान सिवनी जिले के सगाजन मौजूद रहे। भूमिपूजन कार्यक्रम के पश्चात सगाजनों को संबोधित करते हुये केंद्रीय जनजातिय मंत्री श्री दुर्गादास उईके ने कहा कि गोंडी भाषा में मैं और पत्नि बात करते है। गोंडी भाषा में ही मैं सगाजनों से बात करता हूं, वहीं आप लोगों को भी गोंडी भाषा में बात करना चाहिये और बोलना चाहिये। इस दौरान केंद्रीय जनजातिय मंत्री श्री दुर्गादास उईके ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि जिस समाज की अपनी भाषा, बोली और संस्कृति नहीं होती है उस समाज की अपनी पहचान नहीं होती है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मुझे यज्ञ, पूजन आदि भी आते है इसके लिये उन्होंने सस्कृत में मंत्र बोलकर भी बताया लेकिन उन्होंने स्पष्ट भी यह कहा कि मैं अपनी संस्कृति, धर्म के अनुसार ही पूजन पाठ करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातिय वर्ग का हो रहा निरंतर विकास
केंद्रीय जनजातिय मंत्री श्री दुर्गादास उईके ने जनजातिय वर्ग को शिक्षा के साथ साथ समस्त क्षेत्रों में विकास करने के लिये सतत प्रयास करने के लिये कहा। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद जनजातिय वर्ग के वीरनायकों के इतिहास व उनके स्मारक बनाये जाने की पहल करने के लिये जानकारी दिया।
जनजातिय वर्ग का विकास भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने जनजातिय वर्ग के रामायण व महाभारत और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान योगदान की जानकारी भी दिया। इन संबोधन के दौरान जनजातिय मंत्री गोंडी भाषा, धर्म को मान्यता को लेकर एक शब्द नहीं बोल पाये जबकि श्री के पी प्रधान द्वारा ज्ञापन में गोंडी भाषा को आठवी अनुसूचि में शामिल करने की मांग का वाचन भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष किया गया था।