मुकेश भील हत्याकांड मामले में उच्च स्तरीय जांच के लिए जय आदिवासी युवा संगठन ने डीआईजी को दिया ज्ञापन
रतलाम। गोंडवाना समय।
रतलाम जिले में अनुसूचित क्षेत्र के रावटी अंचल में आडापंथ गांव में जमीन के संबंध में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच प्रायः विवाद होते रहते हैं।
17 जुलाई की रात को रावटी के चेनपुरा में मुकेश मेडा भील की लाश मिलने पर मुकेश के परिजनों सहित आदिवासी समाज ने पुलिस प्रशासन पर हत्या का मामले को दबाने और आदिवासियों की जमीन हड़पने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक मनोज सिंह को राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, गृह विभाग के प्रमुख सचिव सहित डीजीपी और महा निरीक्षक के नाम भोपाल स्तर से मुकेश भील हत्या मामले में डीआईजी स्तर के अधिकारी से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवा ली तथा दबाव धमकी देते हुए नामांतरण की भी कोशिश की
जय आदिवासी युवा संगठन के बैनर तले डीआईजी रतलाम को दिए गए ज्ञापन में बताया कि चेनपुरा निवासी भरत गुर्जर ने मुकेश भील के परिवार में राखी बांध कर रिश्ता बनाते हुए गहरी दोस्ती की तत्पश्चात मुकेश और उसके पिता को शराब पिलाकर नशे का आदि बनाया। शराब के नशे में मुकेश के पिता जालम सिंह के नाम से दर्ज सामलाती भूमि की अवैद्य तरीके से रजिस्ट्री करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय पर जाकर जालम सिंह की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवा ली तथा दबाव धमकी देते हुए नामांतरण की भी कोशिश की।
भरत गुर्जर के खोप के चलते मौके पर जाने की हिम्मत नही की है
ज्ञापन में बताया कि मुकेश और उसके पिता जालम सिंह का भरत गुर्जर के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था मुकेश सैलाना एसडीएम न्यायालय से जमीन के नामांतरण संबंधी केस जित गया था वही भरत गुर्जर ने न्यायालय कलेक्टर रतलाम में अपील की है केस चलने के दौरान ही मुकेश भील की मौत भरत गुर्जर के ढाबे के पास हुई हैं। मुकेश के परिजनों ने भी बताया कि भरत के ढाबे के पास देर रात रोने चीखने तड़पने की आवाजे सुनी है लेकिन भरत गुर्जर के खोप के चलते मौके पर जाने की हिम्मत नही की है।
मामला दबाने के लिए सड़क दुर्घटना में मृत्यु की झूठी खबर लगा दी
विधायक कमलेश्वर डोडियार ने बताया कि मुकेश भील के शरीर पर लठ के चोट के निशान व सिर पर धारदार हथियार के चोटीले निशान मौजूद थे वही डेड बॉडी घटना स्थल से उठाने के पहले ही भरत गुर्जर ने पुलिस से मिलकर मामला दबाने के लिए सड़क दुर्घटना में मृत्यु की झूठी खबर लगा दी।
शासन स्तर पर सामान्य प्रशासन और गृह विभाग के प्रमुख सचिव के साथ डीजीपी को डीआईजी के माध्यम से दिए ज्ञान में मुकेश के परिजनों ने जयस के बैनर तले सरकार से एक करोड़ की आर्थिक सहायता तथा रावटी के स्थानीय पुलिस कर्मियों को हटाकर भोपाल स्तर से डीएसपी स्तर के अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। डीआईजी मनोज कुमार सिंह को ज्ञापन देने के बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम को भी मुख्यमंत्री और गृह विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिवो के नाम ज्ञापन दिया।
ज्ञापन के दौरान जयस कार्यकर्ता मौजूद थे
ज्ञापन के दौरान जय आदिवासी युवा संगठन के सस्थापक अध्यक्ष और सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार, जिला अध्यक्ष विक्रम चारेल, जिला पंचायत सदस्य शरद डोडियार सदस्य प्रतिनिधि राजन मेडा, चंदू मेडा सहित तमाम जयस कार्यकर्ता मौजूद थे।
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