सुदूर सड़क पहली ही बरसात में उखड़ गई, बाउंड्रीवाल में घटिया निर्माण कार्य
भटमतरा पंचायत सहित छपारा जनपद में ठेकेदारों कर भाजपा सरकार की योजनाआें को मटियामेट
कौन है जितेन्द्र ठेकेदार जो सरपंच सचिव पर बना रहा दबाव
सिवनी। गोंडवाना समय।
जनपद पंचायत छपारा में भाजपा सरकार की योजनाओं को मटियामेट करने का काम कुछ ठेकेदार बेखौफ होकर कर रहे है। इसका प्रमाण आपको ग्राम पंचायत भटमतरा में सुदूर सड़क निर्माण पहली ही बारिश में उखड़ते हुई दिखाई दे रही है।
नियमों को ताक पर रखकर बना दिये सड़क
ग्राम पंचायत निवासियों ने बताया कि उक्त रोड में जीएसबी नही किया गया है। नियमों को ताक में रखकर बनाई गई है, स्थानीय लोगों से जब जानकारी ली गई तो पता चला कि छपारा के किसी प्राइवेट ठेकेदार का हाथ है, जो भुगतान के लिए ग्राम पंचायत के पीछे लगे हुए और रोड का मूल्यांकन करने के लिए दबाव बना रहे हैं!
कलेक्टर को पत्र लिखकर सड़क पुननिर्माण की मांग
जिला पंचायत सदस्य श्रीमति ललिता उइके द्वारा मौके स्थल का जायजा लिया गया, जिसमें रोड पर कमी देखी गई है, उन्होने जांच/कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर को लिए पत्र लिखा है। जिसमें उन्होने पुनर्निर्माण की मांग की है।
पौधारोपण अभियान में शामिल हुई जिला पंचायत सदस्य
वही जिला पंचायत सदस्य श्रीमती ललिता उइके द्वारा ग्राम पंचायत खैरी में वृक्षरोपण कार्य किया है। जिसमें आम, जामुन और जाम के पौधे का रोपण प्राथमिक शाला भवन परिसर में लगाया गया। जिसमे सरपंच, स्कूल के शिक्षक, मेट, पंच एवं ग्राम के नागरिक गण शामिल हुए।
बाउंड्रीवाल का कार्य अपूर्ण और घटिया निर्माण कार्य
स्कूल परिसर में बाउंड्रीबल का निरीक्षण किया गया। जिसमें जिला पंचायत सदस्य द्वारा यह देखा गया की बाउंड्री बाल का कार्य अपूर्ण है और फिलिंग कार्य छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इस काम को भी जितेंद्र नामक ठेकेदार द्वारा बनवाया गया है जो घटिया निर्माण कार्य के लिए जाने जाते है। जिला पंचायत सदस्य द्वारा सीईओ जिला पंचायत सिवनी से मांग की गई है कि इस कार्य की जांच किया जाए।
सरपंच सचिवों पर दबाव बनाने वाले ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की जावे
जनपद पंचायत छपारा क्षेत्र में आदिवासी सरपंच ठेकेदारों की मजबूरी में गुलामी कर रहे है क्योंकि केंद्र या मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा ठेकेदारों को संरक्षण दिया जाता है। वहीं क्षेत्रीय केवलारी व सिवनी के विधायक भी ठेकेदारों को ही संरक्षण देते है। जनपद पंचायत छपारा में प्रशासनिक व तकनीकि अमला भी ठेकेदारों के साथ सांठगांठ करके पार्टनरसिप में ठेकेदारी कर रहे है। ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच पर भी दबाव बनाते हैं। वहीं अघोषित ठेकेदार सत्ता पक्ष का लाभ उठाते हैं, जब सरपंच सचिव उनके अनुसार प्रस्ताव नही देते हैं तो विधायक सांसदों का नाम लेकर पंचायतों में घुसपैठ करते हैं। यह बात लगातार सुनने को मिलती है ऐसे अघोषित ठेकेदारों पर जांच कर एफआईआर कराए जाए।