बाल पकड़कर आदिवासी छात्रा को मारने वाले शिक्षक पर मुकदमा दर्ज
कन्या शिक्षा परिसर में हारपिक पीकर आत्महत्या का प्रयास करने वाली छात्रा का उपचार जारी
कन्या शिक्षा परिसर के मामले में उपायुक्त कार्यालय जबलपुर की टीम भी जांच करने पहुंची
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिला मुख्यालय सिवनी के बोरदई आदिवासी कन्या परीसर कुरई की कक्षा 12 वी की छात्रा ने शिक्षक के द्वारा मारपीट किये जाने के बाद मानसिक रूप से परेशान होकर हार्पिक पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था इसके बाद छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर उपचार के बाद फिलहाल छात्रा स्वस्थ्य बताई जा रही है।
आत्महत्या का प्रयास करने वाली आदिवासी छात्रा के मामले में डूण्डासिवनी पुलिस ने गंभीरता व सूक्ष्मता के साथ जांच पड़ताल किया है। डूण्डासिवनी पुलिस छात्रा के बयान के साथ प्रबंधन के बयानों के साथ साथ सीसीटीव्ही कैमरा के मदद से छानबीन करने के बाद उक्त मामले में नाबालिग छात्रा के साथ मारपीट करने के मामले में उमा प्रसाद मेश्राम शिक्षक पर प्रकरण भी दर्ज किया है। वहीं यह जानकारी मिली है कि कन्या शिक्षा परिसर के मामले में उपायुक्त कार्यालय जबलपुर की टीम भी जांच करने पहुंची थी।
घटना चिंतन-मंथन का विषय है
कन्या शिक्षा परिसर कुरई में आदिवासी छात्रा के साथ यह घटना क्यों हुई या फिर उसने हार्पिक क्यों पिया, इसके पीछे मूल कारण क्या थे, इसकी हकीकत आदिवासी छात्रा और उसके साथ सहपाठी सहेली भी जानती है। वहीं आदिवासी छात्रा के बैग से बैडसीट मिलने का आखिर क्या कारण है, और यदि बैडशीट मिली थी तो शाला प्रबंधन समिति के सदस्य शिक्षक उमाशंकर मेश्राम को क्या आदिवासी छात्रा के साथ बाल पकड़कर मारपीट करना चाहिये था।
परिस्थिति जो हुई वह चिंतन का विषय है क्योंकि शिक्षक के द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ मारपीट करना और आदिवासी छात्रा के बैग में बैडशीट मिलना और फिर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाना यह दोनो बातें गंभीर चिंतन का विषय है। इस मामले में विभागीय उच्चाधिकारियों और कन्या शिक्षा परिसर प्रबंधन को विचार मंथन कर व्यवस्था में सुधार लाना चाहिये।
डूण्डासिवनी पुलिस ने जांच के दौरान, सीसीटीव्ही की मदद से खंगाला सच
आदिवासी छात्रा ने छात्रावास में टॉयलेट क्लींनर हार्पिक का सेवन कर लिया था। आदिवासी छात्रा की हालत अब ठीक है छात्रा का जिला अस्पताल में ईलाज जारी है। वहीं कन्या शिक्षा परिसर संस्थान में लगे सीसीटीव्ही कैमरा के साथ साथ घटना के संबंध में हर पहलू पर एवं आदिवासी छात्रा के बयान के आधार पर डूण्डासिवनी पुलिस ने जांच किया है।
वहीं डूण्डासिवनी पुलिस थाना प्रभारी श्री किशोर बामनकर ने जानकारी देते हुये बताया कि घटना के हर बिंदु पर जांच किया है। घटना के संबंध में नाबालिग आदिवासी छात्रा के साथ मारपीट करने वाले शिक्षक उमा प्रसाद मेश्राम पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
आदिवासी छात्रा के बैग में बैडसीट और चार्जर मिलने पर शिक्षक उमा प्रसाद मेश्राम ने किया पिटाई
घटना के बाद यह बात भी सामने आई है कि आदिवासी छात्रा छुट्टी लेकर अपने घर जाना चाहती थी। जब छात्रावास में छात्रा से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई तो जिस व्यक्ति के साथ घर जाने के लिये वह कह रही थी। उक्त व्यक्ति की फोटो आदिवासी छात्रा के दस्तावेजों में उपलब्ध नहीं थी।
इसीलिये नियमानुसार अपरिचित व्यक्ति के साथ आदिवासी छात्रा को घर नहीं जाने दिया गया था। वहीं इसी दौरान कन्या शिक्षा परिसर की शाला प्रबंधन समीति के सदस्य ने भी आदिवासी छात्रा के पिता से चर्चा किया था उन्होंने भी अपरिचित व्यक्ति के साथ अपनी बेटी को घर भेजने के लिये मना कर दिया था।
इसके बाद जब छात्रा के बैग को वह खोलकर देख रही थी तो उस दौरान मोबाईल का चार्जर दिखाई दिया क्योंकि छात्रावास में मोबाईल रखना और उपयोग करने पर मनाही है। जिस पर छात्रा से पूछा गया और बैग में छात्रावास की बैडसीट भी मिली थी।
इस संबंध में भी जब शाला प्रबंधन समिति के सदस्य शिक्षक उमा प्रसाद मेश्राम के द्वारा छात्रा से पूछा गया कि छात्रावास की बैडसीट बैग में भरकर कहां ले जा रही हो, तो छात्रा ने कहा कि वह धोखे से बैग में आ गई थी। इस पर शिक्षक उमा प्रसाद मेश्राम के द्वारा डांटा गया था। इसके साथ आदिवासी नाबालिग छात्रा के बाल पकड़कर पीटा भी था जो कि संस्थान के सीसीटीव्ही में घटना की सारी सत्यता मौजूद है।