आत्महत्या का प्रयास, आदिवासी कन्या परिसर की छात्रा ने पिया हार्पिक
आदिवासी छात्रवासों की व्यवस्थाओं पर खड़े हुए सवाल
सिवनी। गोंडवाना समय।
नवागत कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने कुछ ही दिनों पहले छात्रावासों में गुणात्मक सुधार एवं अन्य व्यवस्थाओं को लेकर विशेष बैठक लेते हुये जनजाति कार्य विकास विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये गये थे।
वहीं कुछ ही दिनों के बाद ही आदिवासी कन्या परिसर कुरई जो सिवनी मुख्यालय के बोरदई में संचालित हो रहा है वहां से छात्रा के द्वारा अधीक्षिका व शिक्षक के प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने की खबर आई है जो सरकार, शासन, प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारियों के लिये चिंता का गंभीर चिंता का विषय है।
आदिवासी छात्रा ने अधिक्षिका और शिक्षक पर लगाये प्रताड़ना के आरोप
प्राप्त जानकारी के अुनसार जिला मुख्यालय सिवनी के बोरदई आदिवासी कन्या परीसर की कक्षा 12 वी की छात्रा ने अचानक हार्पिक पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया है। आत्महत्या का प्रयास करने वाली आदिवासी छात्रा ने छात्रावास की अधिक्षिका और एक शिक्षक पर प्रताड़ना के गम्भीर आरोप लगाए है। छात्रा ने बताया है कि उसके पास गलती से उसके चाचा का मोबाईल चार्जर और छात्रावास की बेड शीट रह गई थी। इस बात को लेकर अधिक्षिका और शिक्षक ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
जनजाति कार्य विकास विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी
जिससे आहत होकर छात्रा ने छात्रावास में टॉयलेट क्लींनर हार्पिक का सेवन कर लिया। छात्रा की हालत गम्भीर बताई जा रही है। छात्रा का जिला अस्पताल में ईलाज जारी है। वही इस गम्भीर मामले को लेकर छात्रावास प्रबंधन और जनजाति कार्य विकास विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। वही इस घटना ने आदिवासी छात्रवास की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिये है।
पुलिस बयान के आधार पर सूक्ष्मता से कर रही जांच
जिससे आहत होकर आदिवासी छात्रा ने छात्रावास में टॉयलेट क्लींनर हार्पिक का सेवन कर लिया। छात्रा की हालत अब ठीक है छात्रा का जिला अस्पताल में ईलाज जारी है। वही इस गम्भीर मामले को लेकर छात्रावास प्रबंधन और जनजाति कार्य विकास विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। वही इस घटना ने आदिवासी छात्रवास की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिये है। इसके साथ ही घटना के संबंध में पुलिस भी सूक्ष्मता से जांच कर रही है। संस्थान में लगे सीसीटीव्ही कैमरा के साथ साथ घटना के संबंध में हर पहलू पर एवं आदिवासी छात्रा के बयान के आधार पर जांच कर रही है।
पिता के द्वारा अपरिचित व्यक्ति के साथ घर भेजने के लिये किया गया था इंकार
वहीं इस संबंध में गोंडवान समय से चर्चा में छात्रावास अधीक्षिका संतोषी उईके ने बताया कि कुछ ही दिन पहले छात्रावास प्रारंभ हुआ है। वहीं मैं भी वहां पर कुछ दिनों पूर्व पदस्थ हुई हूं। वहीं शासन एवं विभाग के नियमानुसार मेरे द्वारा कर्तव्य व जिम्मेदारी निभाई जा रही है।
आदिवासी छात्रा छुट्टी लेकर अपने घर जाना चाहती थी। इस संबंध में मेरे द्वारा जब छात्रावास में छात्रा से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई तो जिस व्यक्ति के साथ घर जाने के लिये वह कह रही थी। उक्त व्यक्ति की फोटो आदिवासी छात्रा के दस्तावेजों में उपलब्ध नहीं थी। इसीलिये नियमानुसार अपरिचित व्यक्ति के साथ आदिवासी छात्रा को घर नहीं भेज सकते थे।
वहीं इसी दौरान छात्रावास में समीति बनी हुई है उनसे मेरे संपर्क किया गया तो शिक्षक भी आये उन्होंने भी देखा तो उन्होंने भी अपरिचित व्यक्ति के साथ आदिवासी छात्रा को घर जाने से मना कर दिया था। वहीं छात्रा के पिता से मोबाईल पर करने पर उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति हमारे परिचित का नहीं है आप उनके साथ घर नहीं भेजे, छात्रा के पिता से बात हो जाने के बाद छात्रा को घर नहीं भेजा।
बैग में संस्थान की बैडसीट और चार्जर मिलने पर शिक्षक ने लगाई थी डांट
इसके बाद जब छात्रा के बैग को वह खोलकर देख रही थी तो उस दौरान मोबाईल का चार्जर दिखाई दिया क्योंकि छात्रावास में मोबाईल रखना और उपयोग करने पर मनाही है। जिस पर छात्रा से पूछा गया और बैग में छात्रावास की 3 बैडसीट भी मिली इस संबंध में भी पूछा गया कि छात्रावास की बैडसीट बैग में भरकर कहां ले जा रही हो, तो छात्रा ने कहा कि वह धोखे से बैग में आ गई थी। इस पर शिक्षक द्वारा डांटा गया था। वहीं छात्रा की हालत अच्छी है और अस्पताल में इलाज चल रहा है। संस्थान के सीसीटीव्ही में घटना की सारी सत्यता मौजूद है।
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