70 हजार ठगी, आशा कार्यकर्ता से करने के मामले में बीपीएम योगेन्द्र सेन को बचाने उच्च अधिकारी सक्रिय
जिला कलेक्टर को तीन बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
प्रमाणित साक्ष्यों के बाद भी पीड़िता को नहीं मिल रहा न्याय
सीएमएचओ की जांच कार्यवाही भी सवाल के घेरे में
छपारा। गोंडवाना समय।
छपारा स्वास्थ्य केंद्र में जन्म से स्थानीय निवासी योगेंद्र सेन जो स्वास्थ्य विभाग में 15 वर्षों से ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर के पद पर आसीन है।
उक्त बीपीएम पर पूर्व में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा चुके हैं और बीते माह एक गरीब आशा कार्यकर्ता जनकपुरी डहेरिया ने दर्जनों आॅडियो रिकॉर्डिंग के सहित बीपीएम द्वारा 70 हजार रुपए ठगने की शिकायत जिला कलेक्टर को किया है। आशा कार्यकर्ता की शिकायत पर सीएमएचओ द्वारा चार सदस्यीय डॉक्टर की टीम से जांच भी करवाई जा चुकी है लेकिन आज दिनांक तक बीपीएम पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
31 मई को जिला कलेक्टर को की गई थी शिकायत
पीड़िता आशा कार्यकर्ता ने 31 मई को जिला कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल को एक लिखित आवेदन एवं दर्जनों आॅडियो रिकॉर्डिंग की सीडी सहित बीपीएम के द्वारा 70 हजार रुपए नौकरी से निकालने व बचाने की धमकी के माध्यम से वसूलने की प्रमाणित शिकायत प्रस्तुत की गई थी।
शिकायत के एक माह बाद 1 जून को सीएमएचओ श्री जयपाल सिंह ठाकुर द्वारा चार सदस्यीय डॉक्टर की जांच टीम से जांच करवाई जा चुकी है लेकिन जांच के पश्चात आज दिनांक तक कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया है। जिसके चलते सीएमएचओ पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं कि उनके द्वारा 70 हजार रुपए ठगने के आरोपी बीपीएम को बचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं
नवागत कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन को भी की गई शिकायत
जब पीड़िता द्वारा पूर्व में प्रस्तुत प्रमाणित साक्ष्य सहित शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पीड़िता ने पुन: जनसुनवाई और और नवागत कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन के समक्ष उपस्थित होकर दोबारा साक्ष्य सहित शिकायत प्रस्तुत किया है लेकिन पीड़िता की शिकायत पर 15 दिवस बीत जाने के बाद भी बीपीएम पर लगे आरोपों की सत्यता की जांच नहीं कराया जाना भी सवाल को जन्म देता है।
सीएमएचओ, डीपीएम, डीसीएम को भी मैनेज करना पड़ता है-बीपीएम
बीपीएम योगेंद्र सेन ने पीड़िता से 70 हजार रुपए कैसे वसूले हैं किस तरह प्रताड़ित किया गया है और किस आधार पर नौकरी से निकालने की धमकी व बचाने के नाम पर 70 हजार की ठगी की गई है। किन-किन उच्च अधिकारियों जिसमें सीएमएचओ, डीसीएम, डीपीएम जिला के उच्च अधिकारियों को मैनेज करना पड़ता है।
यह सब आॅडियो रिकॉर्डिंग में है, इन सब साक्ष्यो के साथ आशा कार्यकर्ता ने दर्जन आॅडियो रिकॉर्डिंग सहित जिला कलेक्टर को 03 बार शिकायत प्रस्तुत कर चुकी हैं लेकिन पीड़िता की शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि जिला में बैठे अधिकारी भी बीपीएम द्वारा लिए गए 70 हजार के लेनदेन में शामिल है।
शायद इसलिए बीपीएम पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। अब देखना यह है कि वर्तमान जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन द्वारा प्राप्त शिकायत पर और प्रस्तुत साक्ष्य पर क्या कार्यवाही की जाती है और पीड़िता द्वारा प्रस्तुत आॅडियो रिकॉर्डिंग पर किस तरह से उच्च अधिकारी पर्दा डालते हैं।