अभिषेक त्रिपाठी दीमक की तरह जनजाति कार्य विकास विभाग को कर रहा खोखला
गैर आदिवासी अभिषेक त्रिपाठी आदिवासियों की योजनाआें में कर रहा लूटपाट
सिवनी। गोंडवाना समय।
जनजाति कार्य विकास विभाग सिवनी में कुछ ऐसे कर्मचारी है जो गैर आदिवासी है लेकिन आदिवासी के उत्थान, कल्याण, विकास के साथ साथ आदिवासी वर्ग के लिये संचालित योजनाओं में आने वाली धनराशि को लूटपाट करने के लिये वर्षों से जमे हुये है।
जनजाति कार्य विभाग सिवनी में ऐसा ही एक नाम है अभिषेक त्रिपाठी जो सहायक आयुक्त को अपनी अंगुली में नचाने का प्रयास करने में माहिर समझता है। जनजाति कार्य विभाग सिवनी में ठेकेदारों से सांठगांठ कर लूटपाट कैसे करना है इसकी योजना को सफल बनाने में अपने आपको मास्टर मार्इंड बताता है। राजनैतिक रसूख के दम पर अभिषेक त्रिपाठी जनजाति कार्य विभाग सिवनी को दीमक बनकर वर्षों से खोखला कर रहा है। अभिषेक त्रिपाठी हालांकि सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं को अपने करीबी रिश्तेदारी बताकर आदिवासी योजनाओं को वर्षों से मटियामेट करने पर तुला हुआ है। हालांकि गोंडवाना समय अभिषेक त्रिपाठी के शातिरपन और उसकी करतूतों की परत दर परत खोलकर विशेषकर जनजातियों के बीच में और सत्ता, शासन, सरकार के नुमार्इंदो तक पहुंचायेगा कि कैसे यह जनजाति कार्य विभाग में मठाधीश बनने की कोशिश कर रहा है।
लूटेरों और डकैतों को अवसर दुंगा और उसमें दलाली कर कमीशन भी खाऊंगा
जनजाति कार्य विकास विभाग सिवनी में अभिषेक त्रिपाठी वो कर्मचारी है जो अपने आपको होशीयार के साथ साथ शातिर समझता है। अभिषेक त्रिपाठी के विषय में जनजाति कार्य विकास विभाग सिवनी में यही जनचर्चा है कि वह कहता है कि मैं अपने हिसाब से नियम कानून बनाकर ठेकेदारी करवाऊंगा, मैं ही सरकार हूं, मैं ही कैबीनेट हूं, मैं जैसा चाहूं वैसी नीति नियम बनाकर ठेकेदारी करवाकर आदिवासियों की योजनाओं में लूटेरों और डकैतों को अवसर दुंगा और उसमें दलाली कर कमीशन भी खाऊंगा।
राजनैतिक रसूखदारी बताकर बात करने वाला बातुनी अभिषेक त्रिपाठी ने भाजपा के नेताओं से रिश्तेदारी होने का फायदा उठाने की पूरी कोशिश करने में लगा हुआ है। जनजाति कार्य विभाग सिवनी के कर्मचारियों के स्थानांतरण, पोस्टिंग में तक जिस तरह लूटपाट किया है इसका खुलासा शीघ्र ही किया जायेगा।
आदिवासी बच्चों के निवाले में भी कर रहा दलाली
जनजाति कार्य विकास विभाग सिवनी में पदस्थ अभिषेक त्रिपाठी के कारनामें यही नहीं रूकते है। अभिषेक त्रिपाठी जनजाति कार्य विकास विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों में बच्चों के भोजन के निवाले में दलाली व कमीशनखोरी में अपना शातिर दिमाग वर्षों से चला रहा है।
गैर आदिवासी ठेकेदारों के साथ मिलकर जो खेल खेलने का प्रयास अभिषेक त्रिपाठी कर रहा है उसकी सांठगांठ व पूराने कारनामों का खुलासा किया जायेगा। सरकार, सत्ता, शासन तक भाजपा के राज में आदिवासियों की योजनाओं में हो रही लूटपाट को अभिषेक त्रिपाठी जैसे कर्मचारी किस तरह अंजाम दे रहे है। इसकी प्रमाणित जानकारी जल्द ही प्रकाशित कर जनता व पाठकों तक पहुंचायेंगे।