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500 वर्ष पुराने भील विश्रांति गृह में अवैध कब्जा करने वाले भूमाफियाओं पर एफआईआर दर्ज की जावे

500 वर्ष पुराने भील विश्रांति गृह में अवैध कब्जा करने वाले भूमाफियाओं पर एफआईआर दर्ज की जावे 

विधायक कमलेश्वर डोडियार ने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में प्रकरण दर्ज करने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र 

रतलाम। गोंडवाना समय। 

जनजाति बाहुल्य क्षेत्र रतलाम शहर में बाजना रोड पर लगभग 500 वर्ष पुरानी धरोहर बाजना, शिवगढ़, रावटी, सरवन अचंल क्षेत्र के भील जनजाति के मजदूर लोग विश्राम एवं देर-सबेर रात्रि विश्राम बैठक आदि के लिये भील विश्रांति गृह जिसे आादिवासी सामुदायिक संपत्ति भी कहते है।
                    


वहां पर भील जनजाति के अधिकाशंतय: सदस्यगण आराम करते है वह शासकीय भूमि पर बना हुआ है। जिसमें शासकीय धनराशि का भी उपयोग किया गया है साथ सांसद, विधायक निधि का उपयोग भी किया गया है। उक्त भील विश्रांति गृह पर भूमाफियाओं की गिद्ध नजर लगी हुई है। वह इसे बेचकर अपनी आर्थिक स्वार्थ सिद्ध करना चाहते है।
                शासकीय संपत्ति के साथ साथ ऐतिहासिक लगभग 500 वर्ष पुरानी धरोहर भील विश्रांति गृह को भूमाफियाओं को बचाने के लिये सैलाना विधानसभा क्षेत्र के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने अपनी सच्चे जनसेवक होने का फर्ज निभाते हुये मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ईओडब्लयू में भूमाफियाओं पर प्रकरण दर्ज करने की मांग किया है। 

विधायक के पत्र पर मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान 


जिला रतलाम शहर में सैकड़ों वर्षों से भील विश्रांति गृह (आदिवासी सामुदायिक संपत्ति) शासकीय राजस्व भूमि को हड़पने वाले

भू-माफियाओं के विरुद्ध आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो मुख्यालय भोपाल में प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर उच्च स्तरीय जांच के आदेश लोकहित में जारी करने की मांग को लेकर सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा है। जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान में लिया गया है। 

एक हिस्से को बेच दिया और दूसरे हिस्से पर स्कूल का कर रहे संचालन 

जिला रतलाम शहर में बाजना रोड पर लगभग 500 वर्षों से बाजना, शिवगढ़, रावटी, सरवन अंचल के भील जनजाति के मजदूर लोग विश्राम एवं देर-सबेर रात्रि विश्राम बैठक आदि के लिए भील विश्रांति गृह (आदिवासी सामुदायिक संपत्ति) का उपयोग एवं उपभोग कर रहे हैं क्योंकि वह शासकीय भूमि पर बना हुआ है, जिसमें समय-समय पर शासकीय धन राशि एवं विधायक निधि तथा सांसद निधि से भी विभिन्न कार्य कराए गए हैं।                     लेकिन कुछ वर्षों से भील विश्रांति विश्राम गृह की उक्त शासकीय भूमि पर कथित भू-माफियाओं द्वारा समाज सेवा का चोला ओढ़कर अवैध कब्जा कर लिया है तथा उसके एक हिस्से पर पक्का निर्माण कर उसे बेच दिया गया है तथा दूसरे हिस्से पर अवैध तरीके से स्कूल के संचालन में उपयोग किया जा रहा है।

11 करोड़ रुपए में विक्रय करने का सौदा की हो रही चर्चा 

विधायक कमलेश्वर डोडियार ने उल्लेख किया है कि उक्त भील विश्रांति गृह के नाम के नाम की शासकीय भूमि को हड़पने के लिए कुछ तथाकथित न्यायालयीन प्रकरण भू-माफियाओं के इशारे पर ही संबंधित न्यायालय में लगाकर तथा न्यायालय में उक्त प्रकरण में अपना पक्ष कमजोर कर प्रस्तुत करने के लिए कुछ आदिवासियों को भी उक्त प्रकरण में शामिल किया गया है।
                 माननीय न्यायालय से पूर्णत: अवैधानिक रूप से एक तरफा फैसला अपने पक्ष में भू-माफियाओं द्वारा कराया जाकर उसकी अपील, समयावधि समाप्त होने के उपरांत उक्त भील विश्रांति गृह की भूमि को लगभग 11 करोड़ रुपए में विक्रय करने का सौदा भी कर लिया गया है। जिसमें कथित समाज सेवकों ने अपने बच्चों के नाम से ग्राम जुलवानिया में लगभग 55 लाख रुपए की भूमि खरीद कर ली है।

प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जाकर वैधानिक कार्यवाही की जावे 

विधायक कमलेश्वर डोडियार ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से लोकहित में आग्रह है कि उक्त जिला रतलाम की भील विश्रांति गृह की भूमि पर अवैध कब्जा कर उसे विक्रय करने वाले कथित समाज सेवकों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच हेतु आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो मुख्यालय भोपाल में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जाकर वैधानिक कार्यवाही की जावे।

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