जनजाति महिला की किडनी निकाले जाने के मामले की सीबीआई जांच कराने लिखा पत्र
डॉ. श्याम सिंह कुमरे आईएएस ने राष्ट्रपति,राज्यपाल,प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं को लिखा पत्र
तहसीलदार को स्वतंत्र रूप से अकेले में वेरिफिकेशन के पूर्व पीड़ित परिवार से चर्चा कर वीडियोग्राफी कर कथन अंकित करने चाहिये थे
स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र निश्चित उद्देश्य के लिए दिया जा सकता है, किडनी दान देने के लिए नहीं
संगठित गिरोह बनाकर ऐसे अपराध हो रहे हैं, इन सब तथ्यों का अन्वेषण सीबीआई ही कर सकती है
जनजाति महिला है, संवेदनशील मामला है, फिर भी धीमी गति से अन्वेषण चल रहा है
पुलिस एवं प्रशासन द्वारा न्याय नहीं मिलने पर हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना की जायेगी
संध्या इनवाती व उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा भी दिलाई जाये
बरघाट/सिवनी। गोंडवाना समय।
किडनी निकाले जाने के मामले में पीड़ित जनजाति महिला ने समय पर वैधानिक कार्रवाई नहीं होने पर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग किया था। पीड़ित आदिवासी महिला ने डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.), से.नि. सचिव मध्यप्रदेश शासन ग्राम जावरकाठी बरघाट, जिला सिवनी से न्याय के लिये गुहार लगाते हुए आवेदन सौंपा था।
वहीं इसके बाद डॉ.श्याम सिंह कुमरे ने भी पीड़ित आदिवासी महिला को किडनी निकाले जाने के मामले में कानूनी मदद के साथ कार्यवाही कराने का आश्वासन दिया था ओर महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल मध्य प्रदेश, प्रधान मंत्री, गृह मंत्री भारत, मुख्य मंत्री मध्य प्रदेश, डायरेक्टर सी.बी.आई. भारत सरकार नई दिल्ली, माननीय अध्यक्ष राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत नई दिल्ली, माननीय अध्यक्ष मानव अधिकार आयोग मध्य प्रदेश भोपाल, माननीय अध्यक्ष राष्ट्रीय जनजाति आयोग भारत नई दिल्ली, माननीय अध्यक्ष जनजाति आयोग मध्य प्रदेश भोपाल, महानिदेशक पुलिस मध्य प्रदेश भोपाल, महानिदेश पुलिस अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मध्यप्रदेश को पत्र प्रेषित करते हुये डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.), से.नि. सचिव मध्यप्रदेश शासन ग्राम जावरकाठी बरघाट, जिला सिवनी ने संध्या इनवाती आदिवासी महिला की किडनी कलकत्ता पश्चिम बंगाल में दबाव डालकर निकालने की जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग कि या है।
पूरा परिवार दहशत में है, मानसिक दबाव व चिंता तथा भय के कारण बीमार हो रहे हैं
संध्या इनवाती पति राजीव इनवाती जाति गोंड, अनुसूचित जनजाति ग्राम मगरकठा थाना व तहसील बरघाट जिला सिवनी मध्यप्रदेश जो कि मजदूरी करने नागपुर गये थी की किडनी निकालने की सहमति संबंधी दस्तावेज आरोपियों के साथ सांठगांठ कर धोखे से दबाव डालकर संध्या इनवाती व राजीव इनवाती के हस्ताक्षर लेकर तहसीलदार बरघाट जिला सिवनी मध्यप्रदेश एवं थाना प्रभारी बरघाट जिला सिवनी मध्यप्रदेश द्वारा तैयार कराये गये।
दिनांक 16/01/2024 को अपोलो अस्पताल कलकत्ता में संध्या इनवाती की किडनी निकालकर अब्दुल कलाम की बेटी अल्फा जूली को लगा दी गई। संध्या इनवाती दर-दर भटक रही है, बीमार रहती है, नागपुर में ईलाज कराती है, ईलाज के लिए पैसे नहीं हैं, पूरा परिवार दहशत में है। मानसिक दबाव व चिंता तथा भय के कारण बीमार हो रहे हैं।
कॉल डिटेल्स की जांच कराई जाकर इनकी संलिप्तता स्पष्ट हो जायेगी
डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.), से.नि. सचिव मध्यप्रदेश शासन ग्राम जावरकाठी बरघाट, ने निम्नांकित कार्यवाही करने का सादर अनुरोध करते हुये लिखा है कि जाहिद खान बरघाट जिला सिवनी मध्यप्रदेश, सबीना बेगम वर्धमान पश्चिम बंगाल, अब्दुल कलाम टाकीपुर पोस्ट गुराप जिला हुगली पश्चिम बंगाल, शाहिद मंडल पिता अब्दुल कलाम टाकीपुर पोस्ट गुराप जिला हुगली पश्चिम बंगाल, अताउल्लाह खान मोमिनपुरा नागपुर महाराष्ट्र, मोहसिन खान मोमिनिपुरा नागपुर महाराष्ट्र, वकील सईद अहमद कुरैशी, निवासी सुकतरा जिला सिवनी मध्यप्रदेश, तहसीलदार बरघाट जिला सिवनी मध्यप्रदेश, थाना प्रभारी बरघाट जिला सिवनी मध्यप्रदेश, एसडीओ पुलिस बरघाट जिला सिवनी मध्यप्रदेश के कॉल डिटेल्स की जांच कराई जाकर इनकी संलिप्तता स्पष्ट हो जायेगी। तत्समय इनकी लोकेशन कहां-कहां रही इसकी भी तकनीकि जांच की जा सकती है। उक्त सभी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
वर्तमान में पीड़ित जो तथ्य दे रहे हैं उन पर आधारित अन्वेषण होना चाहिए
डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.) कार्यवाही करने का सादर अनुरोध करते हुये आगे लिखा है कि यह सही है कि किडनी निकालने के लिए आवश्यक दस्तावेज बने होंगे तभी अपोलो अस्पताल कलकत्ता द्वारा किडनी निकालकर अंग प्रत्यारोपण कराया गया है।
पुलिस यदि इन दस्तावेजों को सही मानेगी तो कोई कार्यवाही नही हो सकेगी। वर्तमान में पीड़ित जो तथ्य दे रहे हैं उन पर आधारित अन्वेषण होना चाहिए। अंग प्रत्यारोपण के दस्तावेज गरीब आदिवासी महिला और उसके पति पर दबाव, प्रलोभन देकर तैयार किये गये हैं, लगभग एक वर्ष तक पीड़ितों को बंधक बनाकर कलकत्ता में रखा गया था, उनके अनुसार कलकत्ता से भागने का भी प्रयास किया गया।
कहां-कहां रोजगार दिया गया, उस अवधि का कितनी मजदूरी पीड़ितों को दी गई, किडनी के बदले क्या पर्याप्त राशि दी गई, क्या इतनी राशि पीड़िता के जीवन भर के ईलाज के लिए पर्याप्त होगी। वर्तमान में भी पीड़ित का ईलाज चल रहा है।
यही जांच का विषय है और यही नहीं अन्य अनेक गरीब लोगों के अंग दान इसी प्रकार से कलकत्ता में हो रहे हैं, यह जानकारी पीड़ित संध्या द्वारा दी गई, इसकी भी जांच होना आवश्यक है। तहसीलदार को इस प्रकार का वेरिफिकेशन करके प्रतिवेदन अन्य प्रदेश की सरकार को भेजने का अधिकार किसी विधि में नहीं दिया गया है। स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र निश्चित उद्देश्य के लिए दिया जा सकता है, किडनी दान देने के लिए नहीं।
इनका कोई रक्त संबंध भी अल्फा जूली से नहीं है
डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.) कार्यवाही करने का सादर अनुरोध करते हुये आगे लिखा है कि संध्या इनवाती और उसका पति कलकत्ता कैसे पहुंचे। इनका कोई रक्त संबंध भी अल्फा जूली से नहीं है। फिर स्वेच्छा से बिना किसी दबाव, डर या प्रलोभन के किडनी देने कैसे तैयार हो सकती है, यह गहन अन्वेषण का विषय है।
अन्य अधिनियमों के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट के अंतर्गत भी तत्काल एफआईआर दर्ज कर अन्वेषण होना चाहिए। तहसीलदार को स्वतंत्र रूप से अकेले में वेरिफिकेशन के पूर्व पीड़ित परिवार से चर्चा कर वीडियोग्राफी कर कथन अंकित करने चाहिये थे, क्योकि यह अत्यंत ही संवेदनशील विषय है।
अभी तक दर्ज नहीं हुई एफआईआर
डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.) कार्यवाही करने का सादर अनुरोध करते हुये आगे लिखा है कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होना चाहिये, क्योंकि राशि का आदान-प्रदान हुआ है, पीड़ित मध्य प्रदेश के निवासी हैं कुछ घटनायें मध्य प्रदेश, कुछ महाराष्ट्र एवं कुछ पश्चिम बंगाल में घटित हुई हैं, तीन-चार प्रदेशों के अपराधी इसमें शामिल हैं। संगठित गिरोह बनाकर ऐसे अपराध हो रहे हैं।
इन सब तथ्यों का अन्वेषण सीबीआई ही कर सकती है। चूँकि पुलिस और प्रशासन दोनों की भूमिका भी संदिग्ध है, तहसीलदार कोर्ट में सैकड़ो प्रकरण लम्बे समय से लंबित हैं, किन्तु इस प्रकरण में तत्परता दिखाई गई। अत: इनसे निष्पक्ष जांच की अपेक्षा नहीं की जा सकती।
अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, पीड़िता से अलग-अलग दिनांक में कथन लिये जा रहे हैं, वीडियो रिकार्डिंग भी नहीं कर रहे हैं, यदि सीबीआई जांच नहीं कराना है तो कम से कम आईपीएस अधिकारी अनुराधा शंकर सिंह जैसी निष्पक्ष महिला के निर्देशन में एसटीएफ गठित कर अन्वेषण कराना चाहिए। जनजाति महिला है, संवेदनशील मामला है, फिर भी धीमी गति से अन्वेषण चल रहा है।
पुलिस पूर्व में तैयार प्रकरण को ही सही मान रही है. पीड़िता जो अब कह रही है इस आधार पर अन्वेषण संभवत: नहीं कर रही है। इसलिए भी सीबीआई जांच अथवा एसटीएफ जांच ही निष्पक्ष रूप से हो सकती है। पश्चिम बंगाल में संदेश खाली जैसी घटनायें भी हो रही हैं इससे देश का आदिवासी समाज डरा हुआ है और पश्चिम बंगाल में आदिवासियों के विरूद्ध हो रहे सभी घटनाओं की निष्पक्ष जांच चाहता है।
15 लाख रुपए चिकित्सा एवं जीविकोपार्जन हेतु दिये जाये
डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.) कार्यवाही करने का सादर अनुरोध करते हुये आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान से 15 लाख रुपए चिकित्सा एवं जीविकोपार्जन हेतु दिये जाये तथा एम्स नागपुर में चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की जाये। सीबीआई जांच के साथ-साथ लीगल एड दिलाया जाकर उपभोक्ता फोरम या सक्षम न्यायालय में भी प्रकरण प्रस्तुत कराया जाकर संध्या को राहत राशि दिलाई जाये। संध्या इनवाती व उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा भी दिलाई जाये।
जीवित आदिवासी द्वारा अन्य वर्ग को अंगदान देना भी प्रतिबंधित किया जाये
डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.) कार्यवाही करने का सादर अनुरोध करते हुये आगे लिखा है कि जिस प्रकार आदिवासी की जमीन बेचना प्रतिबंधित है इसी प्रकार जीवित आदिवासी द्वारा अन्य वर्ग को अंगदान देना भी प्रतिबंधित किया जाये। मृतक के अंगदान किसी को भी करने की अनुमति होना चाहिये।
एफ.आई.आर. मध्यप्रदेश में विधि अनुसार दर्ज नहीं हो सकती तो पीड़िता को उचित विधिक सलाह लिखित में दी जाये, वैसे पीड़िता बरघाट क्षेत्र की रहने वाली है और कुछ कार्यवाही बरघाट में भी हुई है, पश्चिम बंगाल में सुरक्षित नहीं रह पायेगी। पीड़िता जनजाति महिला है, अत: सुरक्षा की दृष्टि से बरघाट में ही एफ.आई.आर. होना चाहिये।
कोर्ट की निगरानी में अन्वेषण की जाने की प्रार्थना की जायेगी
डॉ. श्याम सिंह कुमरे (आई.ए.एस.) कार्यवाही करने का सादर अनुरोध करते हुये आगे लिखा है कि पुलिस एवं प्रशासन द्वारा न्याय नहीं मिलने पर हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना की जायेगी एवं कोर्ट की निगरानी में अन्वेषण की जाने की प्रार्थना की जायेगी। तहसीलदार को अन्यंत्र स्थानान्तरित करने पर ही अन्वेषण में सही तथ्य सामने आ पायेंगे। पीड़िता द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं तथ्यात्मक टीप पृथक से संलग्न है। वहीं प्रतिलिपि-जिला अध्यक्ष भाजपा जिला सिवनी की ओर प्रकरण में समुचित संज्ञान लेने हेतु प्रेषित कि या है।