रामलला और मोदी के सहारे आदिवासी बाहुल्य लोकसभा क्षेत्र बालाघाट में भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी
लुभावने वायदों में उलझाकर विकास का एजेंडा जनता व मतदाता से कोसो दूर रख रहे भाजपाई
बालाघाट/सिवनी। गोंडवाना समय।
भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2024 को लोकसभा चुनाव अयोध्या में विराजमान प्रभु श्रीराम लला के मंदिर के सहारे जीतने का प्लान बीते जनवरी माह में बना चुकी है। हालांकि जन-जन की मनोकामना और इच्छा को भी भाजपा के रहते ही पूर्ण किया गया है और अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला का भव्य मंदिर स्थापित किया गया है।
भाजपा के जनप्रतिनिधि, संगठन के नेता व लोकसभा के प्रत्याशी, कार्यकर्ता अपने भाषण व संदेश में अयोध्या में प्रभु श्रीराम लला के मंदिर की भव्य स्थापना का उल्लेख चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान स्पष्ट रूप से कर रहे है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी कोई भी हो उसे जिताने के लिये भाजपाई अयोध्या का मंदिर व प्रधानमंत्री मोदी का सहारा लेकर कवायद सर्वाधिक कर रहे है। बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में भाजपा ने भारती पारधी को अधिकृत उम्मीदवार बनाया है।
बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में विकास का क्या पैमाना होगा ?
सिवनी में चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान जो जनसंपर्क हो रहा है। वहीं कार्यकर्ताओं की बैठके हो रही है उसमें प्रत्याशी के समर्थन में अयोध्या में स्थापित श्रीरामलला के मंदिर का जिक्र जरूर हो रहा है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी के कार्यप्रणाली व जनहितेषी योजनाओं की चर्चा जरूर हो रही है।
लोकसभा प्रत्याशी भारती पारधी सहित संगठन के नेता बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में विकास का क्या पैमाना होगा, विकास का क्या एजेण्डा होगा इस पर कम ही चर्चा हो रही है। आगामी योजनाएं और विकास के लिये क्या कार्ययोजना होगी इस पर जनता के बीच संदेश पहुंचाने में भाजपाई बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में कमजोर साबित हो रहे है।
अंतिम पंक्ति के व्यक्ति व आदिवासी समुदाय के लिये भारती पारधी की मंशा स्पष्ट नहीं नजर आ रही
आदिवासी बाहुल्य मतदाता वाला लोकसभा क्षेत्र बालाघाट में सांसद रहे ढाल सिंह बिसेन ने अपने संसदीय कार्यकाल में कभी भी आदिवासी समाज के हित अधिकारों व कल्याण विकास को लेकर कोई प्रश्न नहीं उठाया और न ही कोई विशेष उपलब्धी हासिल किया है।
सासंद ढाल सिंह बिसेन ने आदिवासी बाहुल्य लोकसभा क्षेत्र बालाघाट में आदिवासी समुदाय के उत्थान को लेकर कोई प्रयास नहीं किया। अब भाजपा ने जनता व मतदाता के बीच में ढाल सिंह बिसेन की सही छबी नहीं होने के कारण वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बालाघाट लोकसभा चुनाव में भारती पारधी को चुनाव में अधिकृत उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है।
भारती पारधी भी चुनावी जनसंपर्क के दौरान अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के साथ साथ आदिवासी मतदाताओं को लेकर विशेष योजनाएं या आगे की रणनीति को लेकर स्पष्ट मंशा के साथ सामने नहीं आ रही है। भाजपाईयों की भांति लोकसभा चुनाव जीतने के लिये श्रीराम लला व मोदी के सहारे ही नजर आ रही है।