आदिवासी युवक को चाकू मारकर गंभीर रूप से किया घायल, नागपूर में चल रहा उपचार
अवैधानिक गतिविधियों को संचालित करने वालों ने धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया
डूण्डासिवनी पुलिस थाना अंतर्गत बढ़ रही अवैधानिक गतिविधियां
आरक्षक शेखर बघेल ने जिला अस्पताल में आदिवासी युवक को गाली गलौच कर किया अपमानित
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिला मुख्यायल सिवनी शहर से लगे हुये डूण्डासिवनी पुलिस थाना अंतर्गत जनता नगर डोरली छतरपुर में 26 मार्च 2024 को दिन दहाड़े भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में
आदिवासी युवक सतीश उईके जो कि डोरली छतरपुर निवासी है उसके साथ लगभग 5-6 लोगों ने मिलकर मारपीट करते हुये धारदार हथियार चाकू से मारते हुये गंभीर अवस्था में अधमरा करने के बाद छोड़कर भाग गये थे। हालांकि घटना के बाद डूण्डासिवनी पुलिस थाना प्रभारी द्वारा कार्यवाही किया गया है।
सुबह घर पर धमकी देने के बाद बायपास चौक पर दोपहर में चाकू से किया हमला
घटना के संबंध में परिजनों बताया कि उनके घर पर रूपये के लेनदेन को लेकर लगभग 6-7 लोग 26 मार्च 2024 को सुबह के समय आये थे। जहां पर घर में गाली गलौच व धमकी देकर आये थे। वहीं इसके बाद सतीश उईके जब दोपहर में लगभग 3 से 4 बजे के बीच में वायपास चौक जनता नगर गया था।
वहां पर कुछ आरोपीगणों से घर जाने का कारण पूछा, इसके बाद अचानक 6 से 7 लोगों ने मिलकर सतीश उईके को घेर लिया और मारपीट करने लगे। वहीं उनमें से कुछ लोगों ने मारपीट करते हुये धारदार हथियार चाकू से आदिवासी युवक सतीश उईके के शरीर पर बार करते हुये गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
आदिवासी युवक लगभग आधा घंटे से ज्यादा घायल अवस्था में पड़ा रहा
प्रत्यक्षदर्शी व पीड़ित परिवारजनों ने बताया कि घटना के बाद पुलिस को सूचना दी गई थी। वहीं घटना स्थल पर घायल अवस्था में आदिवासी युवक लगभग आधा घंटे से ज्यादा देर तक पड़ा रहा। परिजनों का कहना है कि घायल अवस्था में आदिवासी युवक जेब से रूपये भी मारपीट करने वालों ने निकाल लिये थे।
एंबूलेंस भी घटना स्थल पर नहीं पहुंची तो परिवार के सदस्यों ने लगभग 5 बजे आदिवासी युवक सतीश उईके को आॅटो से जिला अस्पताल लेकर आये थे। सिवनी जिला चिकित्सालय में आदिवासी युवक को गंभीर घायल अवस्था में भर्ती कराया गया था। जिला चिकित्सालय सिवनी में प्राथमिक उपचार के बाद सतीश उईके को रात्रि में लगभग 7 से 8 बजे के बीच नागपूर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।
सतीश उईके का रक्त का बहना बंद नहीं हो रहा
पीड़ित परिजनों ने बताया कि सतीश उईके को नागपूर मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिये भर्ती कराया गया है। जहां पर सतीश उईके का रक्त का बहना बंद नहीं हो रहा है। वहीं उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। परिवारजनों ने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इतने लोगों ने मिलकर चाकू से वार करते हुये गंभीर रूप से घायल कर दिया है।
डूण्डासिवनी थाना अंतर्गत ढाबा से संचालित होती है अवैधानिक गतिविधियां
परिजनों का कहना है कि डूण्डासिवनी पुलिस थाना अंतर्गत जो घटना घटी है और आदिवासी युवक सतीश उईके के साथ चाकूबाजी करते हुये गंभीर रूप से घायल करने वालों में वे लोग शामिल है जो आपराधिक गतिविधियों में सलिप्त है।
डूण्डासिवनी पुलिस थाना के अंतर्गत संचालित ढाबा से अवैधानिक गतिविधियां भी संचालित होती है। उक्त ढाबा से ही डूण्डासिवनी पुलिस थाना अंतर्गत जुआं-सट्टा, शराब सहित अन्य अवैधानिक गतिविधियों को संचालित किया जाता है।
सूत्र बताते है कि डूण्डासिवनी पुलिस थाना के कुछ कर्मचारियों का ढाबा संचालक व अवैधानिक गतिविधियों को अंजाम देने वालों को संरक्षण पूर्व से ही दिया जा रहा है। इसी के चलते अवैधानिक गतिविधि करने वालों के हौंसले बुलंद होते जा रहे है।
आदिवासी पत्रकार का शेखर बघेल ने सार्वजनिक रूप से किया अपमान
आदिवासी युवक के साथ मारपीट कर गंभीर रूप से घायल करने के मामले डूण्डासिवनी पुलिस थाना का रवैया जिला अस्पताल सिवनी में देखने को मिला जहां पर पुलिस कर्मचारी शेखर बघेल आदिवासी समुदाय के सदस्य व पत्रकार को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हुये दिखाई दिये।
वर्दी नहीं हमदर्दी भी है को आईना दिखाते हुये पुलिस कर्मचारी शेखर बघेल ने गाली गलौच के साथ जातिगत रूप से अपमानित करते हुये मिलने और देख लेने की धमकी भी दिया। गंभीर रूप से घायल आदिवासी युवक के उपचार कराने में सहयोग करने गये आदिवासी समाज के पत्रकार महेन्द्र शाह मर्सकोले के साथ अपमानजनक टिप्पणी करते हुये गाली गलौच करते हुये देख लेने की धमकी डूण्डासिवनी पुलिस थाना प्रभारी के समक्ष देते नजर आये।
पुलिस कर्मचारी शेखर बघेल 26 मार्च को होली के रंग में रंगे हुये थे और उनका शारीरिक मिजाज भी कुछ ठीक ठाक नहीं था ऐसा देखने वालों ने बताया है। एससी, एसटी वर्ग के अधिकांश लोगों का जिनका वास्ता डूण्डासिवनी पुलिस थाना में पुलिस विभाग से संबंधित कार्य के लिये जाना होता है तो अक्सर पुलिस कर्मचारी शेखर बघेल के द्वारा पता नहीं क्यों द्वेषवश व्यवहार किया जाता है। इसके पीछे क्या कारण है यह तो शेखर बघेल ही जानते है। हालांकि इस मामले की आदिवासी युवक व पत्रकार महेन्द्र शाह मर्सकोले के द्वारा कोतवाली पुलिस थाना में शिकायत दी गई है।