संजय तिवारी अरबपति बनकर सेवानिवृत्त भी कैशीयर पद से सिवनी सीएमएचओ कार्यालय से होंगे
स्वास्थ्य विभाग सिवनी को दीमक बनकर खोखला करने की राह पर चल रहे संजय तिवारी
सिवनी। गोंडवाना समय।
स्वास्थ्य विभाग को दीमक बनकर खोखला करने वाला संजय तिवारी भ्रष्टाचार करने में भी पारंगत है। इसके साथ साथ शासन, प्रशासन, सरकार के नियमों को कुचलने के साथ माननीय न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाने में माहिर नहीं शातिर की रूप में अपनी पहचान रखता है।
करोड़पति बनने की राह पर चलते हुये अब अरबपति बनने की कोशिश में कैशियर की कुर्सी से मोह संजय तिवारी का छूट नहीं रहा है। जीपीएफ में प्रत्येक कर्मचारियों से लूट की राशि फिक्स करने वाले संजय तिवारी से परेशान अनेक कर्मचारी है और प्रताड़ित भी है।
स्वास्थ्य विभाग को लूट व डकैती का अड्डा बनाने वाला संजय तिवारी स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ही नहीं सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन को भी गुमराह कर पत्र लिखवाने में शातिर है। स्वास्थ्य विभाग सिवनी को अपनी जागिर समझकर जागिरदारी करने वाले संजय तिवारी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सिवनी के अफसर लगभग 30-31 वर्षों से झेलते आ रहे है।
इस दौरान संजय तिवारी ने लखपति बनने की शुरूआत का सफर, करोड़पति बनने की राह पर चलते हुये अरबपति बनने का मजबूत इरादा लेकर चल रहे है। जिस तरह से संजय तिवारी की मनमानी पर जिला प्रशासन सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सिवनी के अफसरों का संरक्षण रहा है उससे तो यही लगता है कि अरबपति बनकर सेवानिवृत्त भी कैशीयर के पद से सिवनी सीएमएचओ कार्यालय से होंगे।
जीपीएफ के मामले में संजय तिवारी का रेट है फिक्स
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सिवनी में संजय तिवारी वो नाम है जिससे विभाग के वे कर्मचारी जिन्हें अपने पारिवारिक व अन्य आवश्यक कार्यों के लिये यदि जीपीएफ से संबंधित कार्य कराने होते है जो कि उनका हक, कर्तव्य का रूपया होता है उसे निकलवाने के लिये संजय तिवारी के फिक्स रेट के अनुसार राशि चढ़ौत्तरी चढ़ाना अनिवार्य होता है नहीं तो उनका काम नहीं होता है। सीएमएचओ कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिन भी कर्मचारियों ने जीपीएफ निकलवाया होगा वह अपना दर्द अच्छे से जानते है लेकिन बयां नहीं कर सकते है।
माननीय न्यायालय के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहे संजय तिवारी
संजय तिवारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सिवनी में वर्ष 1991 में सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ हुये थे। तब से लेकर वर्तमान तक की स्थिति में संजय तिवारी सीएमएचओ कार्यालय सिवनी में मलाईदार शाखा में ही पदस्थ रहे है।
संजय तिवारी के पास कैशियर सहित अन्य ऐसी शाखा है जिनमें सिर्फ रूपया कमाना ही उनका उद्देश्य है। नियम विरूद्ध तरीके से कैशियर की कुर्सी पर बैठे हुये है। संजय तिवारी शासन, प्रशासन, सरकार के नियमों को कुचलने का कार्य तो कर रहे है साथ में माननीय न्यायालय के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहे है।
कैशियर बनने के पीछे संजय तिवारी की एक ही मंशा है कि वह अरबपति बनने की ओर अग्रसर होना चाहते है। सूत्र बताते है कि उन्हें माननीय न्यायालय से कैशियर पद से हटाने का आदेश भी हो गया है लेकिन कैशियर पद से लगाव होने के कारण संजय तिवारी दिन के उजाले में नहीं रात के अंधेरे में आकर चोरी छिपे सीएमएचओ कार्यालय में आकर कैशियर की कुर्सी में बैठते है।