विजय सूर्यवंशी भाजपा नेता की जमानत हुई खारिज, आदिवासी की जमीन हड़पने का रचा था षड़यंत्र
आदिवासी युवक को अमानवीयता की हद पार करते हुये जल्लादों की तरह मारा
सिवनी। गोंडवाना समय।
भूमाफिया विजय सूर्यवंशी और उनके परिवारजनों ने आदिवासी की जमीन को हड़पने की नियत से आदिवासी युवक संतोष काकोड़िया को जल्लादों की तरह मारा था। इस पूरे प्रकरण का मास्टर मार्इंड विजय सूर्यवंशी है जो कि वर्तमान में जेल अभिरक्षा में अन्य आरोपियों के साथ है।
पुष्पा उर्फ माया तेकाम के द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में जेल में बंद विजय सूर्यवंशी के द्वारा जमानत याचिका सम्माननीय विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति, जनजाति सिवनी में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें सम्माननीय न्यायाधीश ने पीड़ित पक्ष की आपत्ति अधिवक्ता सुरेन्द्र बारमाटे की ओर प्रस्तुत दलील के आधार पर विजय सूर्यवंशी की जमानत याचिका खारिज कर दिया है।
28 फरवरी को विजय सूर्यवंशी की जमानत याचिका हुई प्रस्तुत
संतोष काकोड़िया और पुष्पा तेकाम के द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के आधार पर अजाक थाना सिवनी में 294, 323, 355, 342, 506, 34, 386, 120 बी, 347, 348, 327, 365, 354 (क) भा.द.वि. 3(1) द, ध, 3(2)(व्ही), 3(2)(व्हीए), 3(1)डब्ल्यू (आईआई) एससी एसटी एक्ट का प्रकरण में आरोपी (1) भोला उर्फ राजेन्द्र सूर्यवंशी (2) अजय सूर्यवंशी (3) सांतम सूर्यवंशी (4) विक्की उर्फ सौरभ सूर्यवंशी (5) मन्नू सूर्यवंशी (6) संजय सूर्यवंशी (7) विजय सूर्यवंशी के विरुद्ध पंजीबद्ध कर आरोपीयों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के आदेश से न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल किया गया है। आरोपी विजय सूर्यवंशी द्वारा स्वयं की जमानत आवेदन पत्र माननीय विशेष न्यायाधीश महोदय विशेष न्यायालय सिवनी जिला सिवनी के समक्ष 28 फरवरी 2024 को प्रस्तुत किया गया था।
चर्चित कांड में 3 दिनों तक न्यायालय के आदेश की ओर टिकी रही सबकी निगाहे
सम्माननीय न्यायालय में आरोपी विजय सूर्यवंशी की ओर से सिवनी के वरिष्ठ अधिवक्तागण सहित विदेश से अध्ययन करने वाली सूर्यवंशी परिवार की बेटी भी जो वकालत कर रही है वह स्वयं भी जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय में 28 फरवरी से 1 मार्च 2024 तक जमानत याचिका खारिज होने के आदेश तक पैरवी के दौरान मौजूद रही।
सिवनी जिले का चर्चित प्रकरण होने के कारण माननीय न्यायालय के आदेश की ओर सभी की निगाहे टिकी हुई थी। आरोपी विजय सूर्यवंशी की ओर से अधिवक्तागणों की कमी नहीं थी वहीं पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र बारमाटे मौजूद रहे। आरोपी विजय सूर्यवंशी की जमानत याचिका 28 फरवरी को प्रस्तुत की गई थी जिसमें दोनो पक्षों की दलील सुनने व निर्णय दिये जाने में माननीय न्यायालय में 1 मार्च तक सबकी नजर जमानत खारिज होने तक वहीं टिकी रही।
राजनैतिक, व जनचर्चा में रहा आदिवासी की जमीन हड़पने व आदिवासी युवक के साथ अमानवीयता के साथ क्रूरतापूर्वक मारने पीटने के मामले ने इसे चर्चित बना दिया था। माननीय न्यायालय ने आरोपी विजय सूर्यवंशी की जमानत याचिका खारिज कर दिया है। जिससे पीड़ित पक्ष को राहत मिली है वहीं आरोपी पक्ष अब माननीय उच्च न्यायालय की ओर रूख करने की तैयारी कर रहा है।
सुरेन्द्र बारमाटे अधिवक्ता ने पीड़ितों का रखा पक्ष
माननीय न्यायालय में आदिवासी पीड़ित संतोष काकोड़िया और पुष्पा उर्फ माया तेकाम की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र बारमाटे ने पीड़ितों की ओर से पक्ष रखा। वहीं आरोपी वियज सूर्यवंशी की जमानत याचिका पर आपत्ति प्रस्तुत करते हुये, आरोपी को जमानत न दिये जाने के संबंध में विस्तृत रूप से दलील प्रस्तुत किया। पीड़ित पक्ष की आपत्ति व अधिवक्ता सुरेन्द्र बारमाटे की ओर प्रस्तुत दलील व प्रकरण के आधार पर सम्माननीय न्यायालय ने आरोपी विजय सूर्यवंशी की जमानत याचिका खारिज कर दिया है।