Type Here to Get Search Results !

अमर प्रेम की निशानी, चांदागढ़ के महाराजा बिरशाह जी की समाधि

अमर प्रेम की निशानी, चांदागढ़ के महाराजा बिरशाह जी की समाधि 



दैनिक गोंडवाना समय अखबार, आपके विचार
लेखक-विचारक
प्राध्यापक डॉक्टर हिद्रय शाह आत्राम
चंद्रपुर महाराष्ट्र राज्य

आज हमारे समाज और अन्य समाज भी प्यार की निशानी मतलब ताजमहल को देखने को दूर-दूर से आगरा को जाते हैं। मगर हमारे समाज को यहां आज तक नहीं पता कि चांदा गढ़ में प्यार की एक भव्य निशानी प्यार की याद में बनाई हुई है। आज भी अनेक सालों से मौजूद है हमारा समाज उसे भूल बैठा है।
             


मगर वह आज भी अपने अमर प्यार को प्रेम को दुनिया के सामने ला रही है। यूं तो आज तक बहुत से ऐसे उदाहरण है जो प्यार में एक पति ने या अब एक प्रेमी ने अपने पत्नी के लिए या अपने प्रेमिका के लिए अनेक स्मारक बनाए हैं परंतु यहां बहुत कम जगह हुआ है कि एक पत्नी ने अपने पति की याद में कोई स्मारक बनाया हो यह इतिहास में बहुत कम बार हुआ है चांदा गढ़ में यहां इतिहास बना है जो हमें आज भी प्रेरणा दे रहा है।
             

चांदा गढ़ यहां दक्षिण गोंडवाना की राजधानी था गोंडवाना चार विभागों में बटा हुआ था उसमें चांदा गढ़ यहां एक भरा पूरा साम्राज्य था चांदा गढ़ केवल आज के चंद्रपुर तक सीमित नहीं था चांदा गढ़ का पूरा इतिहास पढ़ने  पर यहां हमें पता लगता है कि आज के तेलंगाना छत्तीसगढ़ का कुछ हिस्सा और महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा इतना बड़ा साम्राज्य चांदा गढ़ का हुआ करता था उसे चांदा गढ़ में अनेक राजा हुए मगर केवल दो ही रानियां चांदागढ़में हुई हैं।

अपने पति की याद में उन्होंने यह स्मारक समाधि का निर्माण करवाया 


उनमें से एक रानी है रानी हिराई जो राजा बिर शाह जी की पत्नी थी उनकी मृत्यु के पश्चात उन्होंने अनेक सालों तक राज्य किया और बखूबी अपना शासन चलाया। अपने पति की याद में उन्होंने यह स्मारक समाधि का निर्माण करवाया।
            यह वास्तु कला का अत्यंत सुंदर नमूना है ऐसी वस्तु शिल्पकार चांदागढ़ के अलावा आसपास के इलाकों में मौजूद नहीं है। यह वास्तु कला प्रेमियों और उसके विद्यार्थियों के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक और संशोधन चीज है।
            इस जगह का इतिहास अंग्रेजों के जमाने से आज तक के सभी गजेटियर में दिया गया है। इसके साथ ही अनेक इतिहासकारों ने इस समाधि का उल्लेख अपने इतिहास में किया है। 

गोंडवाना की धरोहर देखने के लिए चांदा गढ़ नहीं आते है 

इस दिवस को सही सही तरीके से समझे प्यार क्या होता है प्यार त्याग का निशानी होता है और हमारे समाज में प्यार का क्या महत्व है यहां भी हमारे समाज के बुजुर्गों और युवा साथियों ने समझना बहुत जरूरी है उसके लिए हमारे समाज के राजा रानियां और सरदारों का इतिहास हमारे समाज के विद्यार्थियों ने आज की वह पीढ़ी ने पहले पढ़ना जरूरी है।
            उसके बाद ही हम सही दिशा को पकड़ सकते हैं हमारा ज्ञान ही हमें आगे लेकर जाए सकता है हम केवल दूसरों के महलों को और समाधि स्थलों को और वार्डन को देखते रहते हैं। मगर हमारे समाज में जो गोंड लोगों ने अपने राज्य के लिए गोंडवाना के लिए जो कुछ कार्य किया उनके बारे में हमारे समाज की नई पीढ़ी को कुछ भी पता नहीं है।
            हम तो ताजमहल देखने के लिए आगरा जरूर जाते हैं मगर हमारे गोंडवाना की धरोहर देखने के लिए चांदा गढ़ नहीं आते है। मैं तो सभी युवा साथियों से निवेदन करूंगा कि आप इस साल छुट्टियों को बर्बाद ना करते हुए जरूर चांदा गढ़ पधारिए और अपने समाज की प्रेम की निशानी को जरूर देखिए। 

हम और हमारा समाज जो काम नहीं कर रहा है 

रानी हिराई ने अपने पति के युद्ध में वीरगति प्राप्त होने के बाद उन्होंने रानी ने अपने पति बिर शाह राजे की याद में यहां एक भव्य स्मारक बनाया। आज चांदा गढ़  वर्तमान में चंद्रपुर के अनेक कॉलेज और स्कूलों के अध्यापक शिक्षक अपने बच्चों को विद्यार्थियों को लेकर 14  फरवरी वैलेंटाइन डे के दिन इस समाधि स्थल पर आते हैं और अपने विद्यार्थियों को सही इतिहास की जानकारी देते हैं।
                यह उनके लिए बहुत जरूरी है। हम और हमारा समाज जो काम नहीं कर रहा है। वह काम अन्य समाज के लोग कर रहे हैं, अन्य समाज के शिक्षक और प्राध्यापक लोग वेलेंटाइन डे के दिन अपने विद्यार्थियों को इस प्रेम के प्रतीक को अपने विद्यार्थियों को बताने के लिए उसका इतिहास समझाने के लिए यहां पर आते हैं। यह बहुत ही अच्छी बात है पर हमारा गोंड समाज क्या कर रहा है। कुछ भी नहीं कर रहा यह बहुत ही दुख की बात है।

इंटरनेट पर चांदा गढ़  के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है 

तो हमें आज इस अवसर पर यहां प्रतिज्ञा लेनी होगी कि हम लोग इस समाधि स्थल पर जरूर आएंगे और अपना इतिहास जानेंगे चांदा गढ़ वर्तमान में चंद्रपुर यहां महाराष्ट्र में स्थित है। नजदीक का एयरपोर्ट नागपुर है और रेलवे और बस से चंदगड जुड़ा हुआ है। 
            आप इंटरनेट पर चांदा गढ़  के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तो यहां न्यूज पढ़ने वाले सभी गोंडवाना के लोगों से निवेदन है कि वह जरूर इस पवित्र अमर प्रेम की निशानी को देखने के लिए जरूर लिए आपका चांदा गढ़ में सहर्ष स्वागत है।

गोंडवाना के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्थान है 

चांदा गढ़ के वर्तमान राजा बीर शाह कृष्णा शाह आत्राम जी और उनके बेटे प्राध्यापक डॉक्टर हिद्रय शाह आत्राम जी वहां इस विषय पर काफी प्रयत्नशील रहते हैं और समाज को अपना पुराना इतिहास बताने के लिए अनेक किताबें के माध्यम से कार्य कर रहे हैं, उन्होंने  चांदा गढ़के इतिहास के बारे में अनेक महत्वपूर्ण किताबें लिखी है।                 उन्होंने और उनके बेटे ने पुराने स्मारकों का नुतनीकरण और देखभाल के लिए महाराष्ट्र शासन को अनेकों खत लिखकर और मंत्रियों से प्रत्यक्ष मुलाकात कर फंड निकलवाया है और आज गोंडवाना के चांदा गढ़ के अनेक स्मारकों का नवीनीकरण का कार्य  चल रहा है।
             यहां गोंडवाना के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्थान है। राजा साहब अनेक वर्षों से यह कार्य कर रहे हैं और उनके अथक प्रयास से ही चांदा गढ़ के अनेक स्मारक किले और घड़ी यहां गवर्नमेंट आफ महाराष्ट्र उसका देखभाल कर रही है।



दैनिक गोंडवाना समय अखबार, आपके विचार
लेखक-विचारक
प्राध्यापक डॉक्टर हिद्रय शाह आत्राम
चंद्रपुर महाराष्ट्र राज्य

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.