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महेन्द्र चौकसे दलाल की हुई शिकायत, स्थायी कर्मी करने का भी लाखों मेें हो रहा खेल

महेन्द्र चौकसे दलाल की हुई शिकायत, स्थायी कर्मी करने का भी लाखों मेें हो रहा खेल 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

अंशकालीन भर्ती कराने, स्थायी कर्मी, अनुकंपा नियुक्ति, नौकरी लगवाने, ट्रांसफर, सेटिंग कराने में महारथ हासिल करने वाला महेन्द्र चौकसे शिक्षक है या दलाल ? यह तो जनजातिय कार्य विभाग सिवनी के उच्चाधिकारी व विभाग के अन्य कर्मचारी ही जानते है।
        


भोपाल, जबलपुर, सिवनी के अधिकारियों के यहां चार बिजी गुठली भेंट करने के साथ साथ उनके पैर दबाने से लेकर बुजुर्गों की सेवा करने तक का कार्य करता है। महेन्द्र चौकसे जनजाति कार्य विभाग सिवनी के अंतर्गत शिक्षक के पद पर पदस्थ है लेकिन वसूली और दलाली करने का कार्य करते है।
            यह वसूली और दलाली किसके कहने पर करते है यह भी जनजाति कार्य विभाग सिवनी के भृत्य से लेकर अन्य अधिकारी कर्मचारी भी जानते है। आदिवासी शिक्षित बेरोजगारों का खून चूसने वाला, उन्हें कर्जदार बनाने वाला महेन्द्र चौकसे की शिकायत संबंधित विभाग में ही की गई है। अब देखना यह है कि विभाग के उच्चाधिकारी दलाल महेन्द्र चौकसे का साथ या संरक्षण देते है या फिर आदिवासी बेरोजगार शिक्षित युवक का साथ देते है। 

महेन्द्र चौकसे की अब पुलिस थाना में होगी शिकायत 

आदिवासी बेरोजगार शिक्षित युवको को लूटने वाला, धोखाधड़ी करने वाला, उन्हें मानसिक व जातिगत रूप से अपमानित करने वाला दलाल महेन्द्र चौकसे की शिकायत जल्द ही पुलिस थाना में की जायेगी। डाकु की भूमिका में खुलेआम डाका डालने वाला महेन्द्र चौकसे शिक्षक को जेल की हवा खिलाने के लिये जल्द ही प्रताड़ित आदिवासी युवकों की सेना तैयार हो रही है। जो जनजाति कार्य विभाग सिवनी कार्यालय का भी विरोध करते हुये, कार्यालय द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार को भी उजागर करेंगे। 

स्थायी कर्मी में दो कर्मचारी कर रहे लाखों का खेल


जनजाति कार्य विभाग सिवनी में अंशकालीन भर्ती का भ्रष्टाचार का वार्षिक टर्नओबर लगभग 2 करोड़ रूपये से अधिक का है। इसमें महेन्द्र चौकसे जैसे दलाल सहित अन्य कई ओर भी कर्मचारी शामिल है जो अंशकालीन भर्ती कराने के बदले गरीब, शिक्षित बेरोजगार युवकों को लूटते है।
            इसी तरह जनजाति कार्य विभाग सिवनी में स्थायी कर्मी का खेल भी दो कर्मचारी 70 हजार रूपये लेकर कर रहे है। इसका प्रमाण गोंडवाना समय के पास भिजवाया गया है। दोनों कर्मचारी अपने आपको ईमानदार बताने की कोशिश कर रहे है लेकिन इनकी सच्चाई ये भी जानते है कि स्थायी कर्मी के लिये हम कितना दैनिक वेतन भोगियों को लूट रहे है। जिसके सबूत सामने आने के बाद इनकी ईमानदारी बेईमानी में बदल जायेगी।

गोंडवाना समय की अपील

महेन्द्र चौकसे सहित अन्य कर्मचारी जो आदिवासी समाज के व अन्य युवकों को लूटने का कार्य कर रहे है या नौकरी लगवाने व अन्य कार्य के लिये रूपया लेकर ठग रहे है उसकी शिकायत गोंडवाना समय कार्यालय या संपादक के वाटसएप नंबर पर भेजे। महेन्द्र चौकसे शिक्षक कम दलाल जैसे कर्मचारियों की करतूत को गोंडवाना समय द्वारा उजागर किया जायेगा। 

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