दीनू पाठक का अधिसूचित क्षेत्र घंसौर में आंतक, पर्यावरण प्रदुषण बढ़ाने के साथ गांव में फैला रहा अशांति
सिवनीं न्यूज अखबार के संपादक को दीनू पाठक नामक व्यक्ति ने फोन पर दिया धमकी
संपादक ने डुंडा सिवनीं थाने में मय सबूत की दीनू पाठक की शिकायत किया
सिवनी। गोंडवाना समय।
अधिसूचित क्षेत्र घंसौर में जहां पर पेसा एक्ट भी लागू होता है वहां पर दीनू पाठक जो कि राख उठाने फैलाने आदि की ठेकेदारी झाबुआ पॉवर प्लांट के अंतर्गत कर रहा है। वैसे भी अधिसूचित क्षेत्र घंसौर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में नियम विरूद्ध राख परिवहन, उठाव, फैलाने, भण्डारण आदि का कार्य किया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में दीनू पाठक व संबंधित राख के ठेकेदार के द्वारा खुलेआम नियम कानूनों को अंगूठा दिखाया जा रहा है। राख के परिवहन, भण्डारण आदि के संबंध में आवाज उठाने वालों की गला दबाने तक का प्रयास किया जाता है।
राख परिवहन के संबंध में क्षेत्रिय ग्रामीणों व जागरूक नागरिकों के द्वारा शिकवा शिकायत भी की गई है। अधिसूचित क्षेत्र घंसौर मेें राख परिवहन व भण्डारण करने के मामले में शिकवा शिकायत करने वालों के साथ राख परिवहन करने वाले ठेकेदारों के साथ कार्य करने वाले दीनू पाठक जैसे व्यक्तियों के द्वारा धमकाने चमकाने से लेकर आतंकित करने का खेल खुल्लम खेला जा रहा है।
दीनू पाठक नामक व्यक्ति का अधिसूचित क्षेत्र घंसौर में आंतक मचा हुआ है वह गांव-गांव में अशांति फैलाने का कार्य कर रहा है। दीनू पाठक जैसे लोगों का आतंक घंसौर के स्थानीय प्रशासन के संरक्षण कारण इतना बढ़ गया है कि अब वह लोकतंत्र के चौथा स्तंभ को भी धमकाने का साहस कर रहा है।
क्या भाजपा की सरकार में सच लिखना गुनाह है ?
क्या भाजपा की सरकार में सच लिखना, अवैध कार्याें के खिलाफ समाचार प्रकाशित करना, अनियमितता उजागर करना गुनाह हो गया है? अब सच्ची पत्रकारिता करने वाले को सच छापने पर गलत करने वाले कि जांच और कार्यवाही नही बल्कि छापने वाले को धमकी दी जाती है। पत्रकारिता का दमन करने वाले प्रशासन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर धमकी दे रहे है।
जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी यह बात स्पष्ट कर दी है कि पत्रकार भीड़ का हिस्सा नहीं है पत्रकार को सच का आईना दिखाने पर अगर धमकी दी जाती है तो 24 घंटे के अंदर जेल का रास्ता दिखाया जाएगा।
इसके साथ ही 50000 का जुमार्ना लगेगा और 3 साल की सजा सुनाई जाएगी परंतु अपराधी के तरह बात करते हुए पत्रकार के सच्चाई छापने पर अपनी पोल पट्टी उजागर होने पर पैसों का दम दिखाते हुए पहले तो खरीदने की बात की जाती है नहीं बिकने पर कानून का डर दिखाकर उसके खिलाफ पुलिस के साथ मिलकर एफआईआर करने की धमकी दी जाती है।
मानहानि का नोटिस भेजने की धमकी दी जाती है और उस पर भी बात नहीं बनने पर देख लेने की बात करते हुए धमकाया जाता है। ऐसा ही मामला वर्तमान में घटित हुआ जहां एक दैनिक अखबार के संपादक के द्वारा पावर प्लांट के अवशिष्ट पदार्थ रख के परिवहन का ठेका ली कंपनी की अनियमित और रंगदारी की खबर छापने पर कंपनी के नाम से एक दीनू पाठक नामक व्यक्ति संपादक को फोन लगाकर पुलिस थाने में एफआईआर करने की धमकी देता है मानहानि का नोटिस भेजने के लिए चमकाता है और जब संपादक के द्वारा उसे उसकी स्वतंत्रता का हवाला देते हुए यह कहा जाता है कि यह आपका अधिकार है आप इसे कर सकते हैं तो बात ना बनते देख देख लेने की धमकी देता है।
बहरहाल संपादक के द्वारा संबंधित थाने में उक्त दीनू पाठक नामक व्यक्ति की मय रिकॉर्डिंग के साथ शिकायत कर दी गई है। अब देखना यह है कि पुलिस क्या कार्यवाही करती है आवेदन में यह बात स्पष्ट लिखी हुई है कि संपादक के साथ अगर कुछ अनहोनी या घटना कार्य होती है तो जिम्मेदारी दीनू पाठक की मानी जाएगी।
सिवनी न्यूज के संपादक के द्वारा दीनू पाठक के धमकी भरे रिकॉर्डिंग के साथ की गई शिकायत
पुलिस थाना डूण्डासिवनी में सिवनी न्यूज के संपादक के द्वारा शिकायत पत्र देते हुए यह बताया गया की 2 फरवरी की सुबह के वक्त उनके मोबाइल नंबर पर एक मोबाइल से फोन आया जिसमें अपना नाम उसने दीनू पाठक बताते हुए संपादक को मानहानि का नोटिस भेजने और थाने में एफआईआर करने की 100% गारंटी के साथ धमकी दी गई और जब संपादक के द्वारा उक्त दीनू पाठक से यह कहा गया कि यह आपका स्वतंत्र अधिकार है।
आप इसे कर सकते हैं और आपको यह करना चाहिए रही बात सबूत की तो वह सक्षम अधिकारी के सामने पेश कर देंगे। बात ना बनते देखा दीनू पाठक नामक व्यक्ति ने संपादक को देख लेने और अच्छा नहीं होगा। इस तरह की धमकी दी और उसके बाद सिवनी न्यूज के संपादक ने शिकायत पत्र के माध्यम से डूण्डासिवनी पुलिस थाना में शिकायत करते हुए जांच करने की मांग की है।
बता दें कि उक्त दीनू पाठक नामक व्यक्ति पशुपति नाथ कंपनी जो की घंसौर में पावर प्लांट की राख को परिवहन कर रही है। इसकी देखरेख करने वाला व्यक्ति बताया जाता है और सिवनी न्यूज लगातार इस कंपनी की अनियमितता को लेकर समाचार प्रकाशित कर रही है।
इस कंपनी को लेकर क्षेत्रीय ग्रामीण और किसानों ने शिकायत भी किए हैं जिसके प्रमाण सिवनी न्यूज के पास मौजूद हैं और अवैध खनन को लेकर वीडियो रिकॉर्डिंग और कुछ बयान भी हैं जिसे समाचार के रूप में प्रकाशित किए गए थे जिससे बौखला कर किसी दीनू पाठक ने सिवनी न्यूज के संपादक को धमकी दी है।
देख लेने की धमकी देना अपराध की श्रेणी में आता है
अगर किसी को देख लेने की धमकी देते हैं, तो धमकी देने पर जेल की हवा खानी पड़ सकती है, साथ ही जुमार्ना भरना पड़ सकता है। भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 503 के तहत किसी को देख लेने की धमकी देना अपराध है, ऐसा करने पर आईपीसी की धारा 506 के तहत दो साल से लेकर सात साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
अगर आप किसी के शरीर, प्रतिष्ठा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देते हैं, तो आपको दो साल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही आप पर जुमार्ना लगाया जा सकता है, इसके अलावा अगर आप किसी को जान से मारने या आग लगाकर किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या फिर किसी महिला के चरित्र पर लांछन लगाने की धमकी देते हैं, तो आपको सात साल तक की सजा हो सकती है, आईपीसी की धारा 506 के मुताबिक अगर कोई ऐसा अपराध करने की धमकी देता है, जो मृत्यु या आजीवन कारावास या फिर सात साल तक के कारावास से दंडनीय है, तो भी धमकी देने वाले को सात साल की जेल की सजा हो सकती है. साथ ही ऐसी धमकी देने वाले पर जुमार्ना लगाया जाएगा. हालांकि किसी के लिए गंदी भाषा का इस्तेमाल करने या फिर गाली देने को धमकी नहीं माना जाता है।