आदिवासी के साथ क्यों हो रही लूट, किडनी निकालने वालों पर हो कानूनी कार्यवाही-अर्जुन काकोड़िया
आदिवासी पीड़ित महिला व परिजनों से मिलने पहुंचे पूर्व विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया
अब्दुल कलाम, शबीना बेगम, अता उल्लाह खान, मोहसीन खान, साहिद मंडल के षड़यंत्र का शिकार हुई आदिवासी महिला
बरघाट। गोंडवान समय।
जो काम मतदाताओं का वोट पाकर सांसद और विधायक बनने वाले कुर्सी का लाभ लेने वालों को करना चाहिये वह जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव हारने वाले अर्जुन सिंह काकोड़िया निभा रहे है।
अपनी पारिवारिक स्वास्थ्य की परिस्थिति के बाद भी गोंड जनजाति वर्ग की पीड़ित महिला के साथ किडनी षड़यंत्रपूर्वक निकाले जाने का मामला सामने आने के बाद समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने पर बरघाट विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर मामले को संज्ञान में लिया है।
गोंड जनजाति की किडनी कांड से पीड़ित महिला से घटनाक्रम का लिया ब्यौरा
पीड़ित परिवार से मिलकर पूर्व विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने गोंड जनजाति महिला के साथ किडनी निकाले जाने की घटना को लेकर गंभीरता से लेते हुये 28 फरवरी को पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी लिया है। मजदूरी करने गये समय से लेकर वर्तमान समय तक की जानकारी लिया है।
इस दौरान पूर्व विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने सोशल मीडिया के माध्यम से शासन, प्रशासन से यह कहा है कि आदिवासियों के साथ लूटपाट, अन्याय, अत्याचार क्यों हो रहा है। किडनी निकाले जाने की घटना को लेकर पुलिस प्रशासन से पूर्व विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने कार्यवाही किये जाने का आग्रह किया है।
सांसद ढाल सिंह बिसेन स्वस्वार्थ से ग्रसित
लगभग 7 लाख से अधिक आदिवासी मतदाता वाला संसदीय क्षेत्र बालाघाट सिवनी लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ ढाल सिंह बिसेन आगामी लोकसभा चुनाव की दावेदारी और पुन: टिकिट लाने में व्यस्त है।
वैसे भी डॉ ढाल सिंह बिसेन संसदीय कार्यकाल के दौरान जनजाति समुदाय के लिये कोई विशेष पहल नहीं कर पाये है या उनका कोई योगदान नहीं है। डॉ ढाल सिंह बिसेन के संसदीय क्षेत्र में आदिवासी महिला की किडनी षड़यंत्रपूर्वक अब्दुल कलाम, शबीना बेगम, अता उल्लाह खान, मोहसीन खान, साहिद मंडल सहित सिवनी जिले के लोगों की सांठगांठ से निकाल लिया गया है।
इसकी जानकारी चुनाव आने के पूर्व सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले डॉ ढाल सिंह बिसेन स्वयं नहीं ले पाये है और न ही उनके सलाहकार जानकारी दे पाये है। हम आपको बता दे कि जब डॉ ढाल सिंह बिसेन कांग्रेस की सरकार में विधायक थे तो सुबह उठकर सबसे पहले अखबार पढ़कर खबरों में निशान लगाकर कटिंग काटकर एकत्र करके रखते थे और विधानसभा में प्रश्न उठाते थे।
भाजपा की सरकार आने के बाद और सांसद बनने के बाद उन्होंने समाचार पत्रों को पढ़ना बंद कर दिया है यह उन्होंने सर्किट हाऊस में पत्रकारवार्ता के दौरान स्वयं कहा था कि अखबार पढ़ने का समय नहीं है। इसका मतलब यह है कि सांसद ढाल सिंह बिसेन को बालाघाट सिवनी संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का वोट तो चाहिये लेकिन उनकी समस्याओं व आवश्यकताओं से कोई देना नहीं है। बालाघाट सिवनी संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ ढाल सिंह बिसेन की कार्यप्रणाली स्वस्वार्थ से ग्रसित नजर आती है।
गोंड समाज के गंभीर मामला को संज्ञान लेने में फेल साबित हो रहे विधायक कमल मर्सकोले
गोंड समाज से आने वाले विधायक कमल मर्सकोले बरघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक है। वहीं गोंड जनजाति समुदाय के सामाजिक संगठनों में राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर पदाधिकारी भी है। बरघाट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मगरकठा में गोंड जनजाति वर्ग की महिला की किडनी निकाल लिये जाने का मामला सामने आया है।
किडनी निकल जाने के बाद पीड़ित गोंड जनजाति वर्ग की महिला अपने पति के साथ जान बचाकर वापस अपने गृह ग्राम वापस आ गई है। हालांकि बरघाट विधायक कमल मर्सकोले को फोन से संपर्क भोपाल पहुंचकर करने का प्रयास पीड़ित परिवार द्वारा किया गया था लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया था।
बरघाट विधायक कमल मर्सकोले के मीडिया प्रभारी जितने सक्रिय चुनाव जीतने के पहले थे जो कि प्रत्येक समाचार मीडिया तक पहुंचाने थे और प्रकाशन होने के बाद कटिंग मांगते थे। भाजपा के विधायक बनने के बाद मीडिया प्रभारी नदारत हो गये है। सिर्फ वाहवाही के समाचार भिजवाते है। इसका मतलब साफ है कि बरघाट विधायक कमल मर्सकोले विधायक बनने के बाद क्षेत्र की जनता की तो छोड़ो अपने जाति वर्ग की गंभीर मामले को संज्ञान लेने का प्रयास नहीं कर पा रहे है।