आदिवासी महिला की किडनी निकलवा दिये, जान बचाकर वापस आये सिवनी
शबीना बेगम, अब्दुल कलाम, साहिद मंडल, अता उल्लाह खान, मोहसीन खान व अन्य साथी है शामिल
बरघाट क्षेत्र के एक ग्राम के है पीड़ित आदिवासी परिवार
सिवनी। गोंडवाना समय।
शबीना बेगम, अब्दुल कलाम, साहिद मंडल, अता उल्लाह खान, मोहसीन खान व अन्य साथियों ने मिलकर सिवनी के बरघाट ब्लॉक के एक ग्राम की आदिवासी महिला की किडनी निकालने का मामला सामने आया है।
मजदूरी का कार्य कराने के बहाने बुलाकर बंधक बनाकर कल्कत्ता में किडनी निकाल ली गई है अब जान बचाकर आदिवासी दंपत्ति वापस सिवनी पहुंचे है।
सबिना बेगम ने काम देने के बहाना बुलाया था कल्कत्ता
https://youtu.be/mfD0IGXoylk?si=fJlWWCa5lJZQRjTM
पीड़ित आदिवासी महिला संध्या इनवाती पति राजीव इनवाती, पुलिस थाना बरघाट, क्षेत्र की निवासी है। गोंडवाना समय चर्चा में उन्होंने बताया कि आदिवासी महिला अपने पति राजीव इनवाती के साथ मजदूरी का कार्य करने नागपूर जनवरी 2023 में गये थे जहां पर कलमना में ईंटगारा का कार्य करते थे।
इस दौरान सबीना बैगम का फैशबुक में एड देखे थे जहां पर लिखा था कि जिसे कार्य की आवश्यकता है उसे ज्यादा से ज्यादा मजदूरी व रुपए मिलेंगे। उसमें जो मोबाईल नंबर था उसमें पीड़ित आदिवासी दंपत्ति ने फोन किया तो उन्होंने कहा कि आपको हमारे पास हमारे पते पर आना पड़ेगा।
इसके बाद सबीना बेगम ने अपना पता बताया और हम उसके अनुसार पीड़ित परिवार वर्धमान गये जहां पर सबीना बेगम ने हमें अब्दुल कलाम से मिलाया उसने हमें गुराप लेकर गया।
तुम किडनी नहीं दोगी तो मैं तुम्हारे पति और तुमको जान से मार डालुंगा
https://youtu.be/mfD0IGXoylk?si=fJlWWCa5lJZQRjTM
पीड़ित परिवार को अब्दुल कलाम ने गुराप में मकान मालिक शंकर हाजरा के यहां पर हमें रखा और कोई काम नहीं करवा रहा था हम जब भी काम के लिये बोलते थे तो वह कहता था कि एक दो दिन में काम चालू हो जोयगा। इस दौरान खाना बनाने के लिये गैस सिलेण्डर भोजन बनाने की सामग्री देता था।
इसके बाद अब्दुल कलाम कहने लगा कि संध्या इनवाती की किडनी दे दो वहीं जब अब्दुल कलाम को किडनी से देने से मना कर दिया और वापस अपने गांव जाने के लिये कहा तो उसने आदिवासी दंपत्ति को बंधक बना लिया और उनके मोबाईल छुड़ाकर रख लिया था और कमरे में बंद कर दिया था। इस दौरान पीड़ित परिवार ने अपने घर वालों से मई व जून महिने में संपर्क नहीं कर पाये थे और जब भी बात करते थे तो सामने खड़े रहकर बात कराता था।
मोमीनपुरा नागपूर में लॉज के कमरे में बंधक बनाकर रखे
इसके बाद अब्दुल कलाम ने कहा कि यदि तुम किडनी नहीं दोगी तो मैं तुम्हारे पति और तुमको जान से मार डालुंगा। नही ंतो तुम्हें मैं मेरे भांजा जो कि पुलिस में है उससे बोलकर तुम्हें झूठे कैस में फंसवा जेल भिजवा दुंगा। इस तरह की धमकी देते रहता था। इस दौरान आदिवासी दंपत्ति के साथ मारपीट भी करते रहता था।
इसके बाद एक बार पीड़ित आदिवासी परिवार अगस्त माह में वहां से भागकर आये थे लेकिन हम जैसे ही नागपूर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो वहां पर हमें अताउल्ला खान और मोहसीन खान ने पकड़ लिया वहां से जान से मारने की धमकी देकर मोमीनपुरा नागपूर लेकर गये जहां पर हमें शिवराज लॉज के एक कमरे में बंद करके रखे हुये थे।
बरघाट तहसील में रात्रि में 7-8 बजे के बीच कोरे कागज में हस्ताक्षर करवाया
फिर वहां पर अब्दुल कलाम वहां पर किडनी निकालने से संबंधित फार्म लेकर आया। इसके बाद रक्षाबंधन के 1 या 2 दिन पहले नागपूर से वाहन में चार-पांच लोगों के साथ और सुकतरा थाना कुरई का एक वकील जो मुसलमान है वह सिवनी में मिला था उसके साथ संध्या इनवाती और राजीव इनवाती दोनों को बरघाट तहसील कार्यालय लेकर आये थे जहां पर हमलोग 2 से 3 बजे बरघाट तहसील पहुंच गये थे लेकिन हम दोनो पति पत्नि को वाहन में बैठाले रखे थे हमें न तो बाथरूम जाने दिया और न ही कुछ खाने पीने दिया था ।
इसके बाद रात्रि में लगभग 7-8 बजे के बीच में जब वहां पर भीड़ कम होने के बाद तहसील कार्यालय बरघाट के अंदर लेकर गये तहसीलदार और अन्य 1-2 कर्मचारी थे उनके सामने हमें अंदर लेकर गये कोई पूछताछ नहीं करें तहसीलदार ने हमसे एक कोरा कागज में हस्ताक्षर करने को कहा हस्ताक्षर करवाकर हमें कहा कि आप चले जाओ।
बब्लू ड्रायवर सिवनी में और वकील सुकतरा में उतर गया
इसके बाद अब्दुल कलाम और सुकतरा सिवनी का वकील सहित साथ आये अता उल्लाह खान, मोहसीन खान, अन्य लोग शामिल थे जिन्होंने हमें बरघाट तहसील कार्यालय से फिर गाड़ी में लेकर निकले तो सिवनी में नजीर हॉटल में सिवनी के रहने वाले एक दो और मुसलमान थे जो अताउल्ला खान से मिले थे वे एक दूसरे को पहचानते है। वहां पर सबने खाना खाये थे हमें भी खाना खिलाये थे।
इसके बाद यहां पर एक व्यक्ति जिसका नाम बब्लू ड्रायवर कह रहे थे वह सिवनी में उतर गया था। इसके बाद नागपूर जाते समय सुकतरा ग्राम में वकील था वह व्यक्ति भी उतर गया। इसके बाद हम पति पत्नि को अता उल्लाखान व उसके साथ आये हुये लोगों ने हमें नागपूर लेकर चले गये थे। इसके बाद हमें अब्दुल कलाम ने 29 अगस्त 2023 में गुराप पश्चिम बंगाल लेकर चला गया था। इसके बाद हमें गुराप में कमरे बंद करके बंधक बनाकर रखा।
किडनी निकल जाने के बाद जान बचाकर वापस आये सिवनी
किडनी का प्रत्यारोपण सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के तहत किया जाता है
भारत में किडनी प्रत्यारोपण सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के तहत किया जाता है। भारत के ये नियम और विनियम मुख्य रूप से मौद्रिक लाभ के लिए अंगों की अवैध बिक्री को रोकने और उपचार के उद्देश्य से अंगों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण को विनियमित करने के लिए हैं। 1994 में पारित पहला अधिनियम मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम (टीएचओए) कहा गया। बाद में इस अधिनियम को 1995, 2008, 2011 और 2014 में संशोधित किया गया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2014 में मानव अंगों और ऊतक प्रत्यारोपण नियमों को अधिसूचित किया, जिसका वर्तमान में पूरे देश में पालन किया जाता है। दाता अंग के स्रोत के आधार पर, किडनी प्रत्यारोपण को जीवित दाता प्रत्यारोपण या कैडवेरिक (मृत दाता) प्रत्यारोपण के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। इसके साथ ही विस्तृत रूप में इसकी नियमावली है, इसके आधार पर किडनी का प्रत्यारोपण किया जा सकता है। आदिवासी महिला की किडनी निकाले जाने के मामले में क्या सरकार के द्वारा बनाये गये नियमों का पालन किया गया है या नहीं यह तो जांच के पश्चात ही सामने आएगा।