आदिवासी बेटी से गैंगरेप के बाद 10 परिवारों ने छोड़ा गांव
ग्वालियर में पिता ने कहा अभी तो आबरु लूटी, ये लोग जान भी ले सकते हैं
ग्वालियर। गोंडवाना समय।
15 साल की आदिवासी मासूम के साथ दरिंदगी करने के लिये कट्टा तानकर हैवानियत करने वालों का भय आदिवासी परिवार को इतना समा गया है कि उनके साथ 10 परिवारों ने गांव ही छोड़ दिया है। सर्वाधिक आदिवासी बाहुल्य वाला राज्य मध्यप्रदेश के ग्वालियर मेंं 29-30 जनवरी की रात को 15 साल की आदिवासी लड़की का गैंगरेप हुआ था। इस गैंगरेप ने पूरे प्रदेश को हिला दिया।
इस बलात्कार कांड में आरोपियों ने कट्टे की नोंक पर माता-पिता और भाई के सामने बच्ची का रेप किया था। हालांकि इस मामले में 24 घंटे के अंदर ही क्राईम ब्रांच ने कार्यवाही करते हुये आरोपियों को पकड़ लिया था। ग्वालियर में नाबालिग आदिवासी से गैंगरेप मामले में चार लोग मौजूद थे।
दरअसल शिवपुरी जिले का रहना वाला एक आदिवासी परिवार मजदूरी के लिए ग्वालियर के गांव बरकोड़ा आया था। यहां यह परिवार झोपड़ी में रहने लगा था। वहीं 29 और 30 जनवरी की देर रात अज्ञात बदमाशों ने 15 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप किया। डरे सहमे परिवार ने मामले की एफआईआर भंवरपुरा थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद एक्टिव हुई क्राइम ब्रांच ने 24 घण्टे में मामले का खुलासा कर दिया था।
गैंगरेप पीड़िता ने एक ही सांस में पूरा वाकया बयां कर दिया
मैं रात को अपने भाई को पेशाब कराने के लिए घर के बाहर ले गई थी। इसी बीच एक अंकल ने मेरा मुंह पकड़कर जमीन पर गिरा दिया। उनके साथ एक और आदमी था, वो मेरे छोटे भाई को पीट रहा था। शोर सुनकर मां-पिताजी बाहर निकले तो उनमें से एक ने बंदूक निकाल ली।
फिर एक अंकल मुझे घर के अंदर ले गए। उन्होंने मेरे साथ गलत काम किया। उनके जाने के बाद दूसरे अंकल आए, उन्होंने भी गलत काम किया। 15 साल की गैंगरेप पीड़िता ने एक ही सांस में पूरा वाकया बयां कर दिया। घटना के बाद पहली बार उसने राष्ट्रीय समाचार पत्र से बात की थी। अब तक वो केवल मां के जरिए ही बात करती थी। पुलिस भी जब उसका बयान लेने पहुंची थीं तो उसने मां के जरिए ही बयान दिया था।
मौज-मस्ती के लिए बच्ची के साथ रेप किया, आरोपी पुलिस से पूछताछ में बताया
आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया है कि 29-30 जनवरी की दरमियानी रात उन्होंने मौज-मस्ती के लिए बच्ची के साथ रेप किया। आरोपी ने बताया कि हम लोग बरकोड़ा गांव में रहने वाले अपने परिचित के घर आए थे। यहां हमने खाना खाया और फिर देर रात गांव में घूमने निकल गए, कुछ दूर बाद उनकी नजर 15 साल की आदिवासी लड़की पर पड़ी, उसके साथ उसका छोटा भाई भी था।
आरोपी ने बताया कि हमने बच्ची को पकड़ लिया, उसे पकड़ते ही उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। उसकी चीख सुनकर उसके माता-पिता झोपड़ी से निकल आए, इस दौरान हमारे एक साथी ने कट्टा निकालकर माता-िपता पर अड़ा दिया। हमारे दो साथी बच्ची का रेप करते रहे, पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बारी बारी से 15 साल की मासूम नाबालिग के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान गांव का रहने वाला उनका परिचित मूकदर्शक बनकर पूरी घटना को देखता रहा।
माता-पिता को बंधक बनाकर किया था रेप
बता दें 29 जनवरी की रात आकाश, संजीव सहित तीन आरोपी बाइक से भंवरपुरा पहुंचे थे। यहां आरोपी किसान बंटी ने इनके रुकने और खाने-पीने का इंतजाम किया था। देर रात तीनों आरोपियों ने आदिवासी की झोपड़ी में जाकर लड़की के माता-पिता को बंधक बनाया, फिर उन पर कट्टा अड़ाकर 15 साल की नाबालिग लड़की से गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। पीड़ित आदिवासी परिवार शिवपुरी से मजदूरी करने के लिए भंवरपुरा इलाके में आया था। पीड़ित परिवार घटना में शामिल एक आरोपी की खदान में मजदूरी करता था।
मेरी बेटी चीख रही थी, मैं कुछ नहीं कर सका
पीड़िता के पिता ने 29 जनवरी की घटना बताते हुए कहा कि रात के 12 से 1 बजे के बीच का समय था। हम सब सो रहे थे। इसी बीच मेरी बेटी अपने छोटे भाई को पेशाब कराने के लिए घर के बाहर ले गई। थोड़ी देर बाद मुझे उसकी चीख सुनाई दी। मैं दौड़कर बाहर पहुंचा, देखा तो बेटा नीचे गिरा हुआ है। उसे एक लड़के ने पकड़ा है। कुछ दूरी पर बेटी जमीन पर पड़ी थी। उसके सीने पर एक लड़का चढ़कर बैठा हुआ था।
वह उसका मुंह दबाने की कोशिश कर रहा था। एक तीसरा लड़का भी था, जो केवल तमाशा देख रहा था। पिता ने कहा- मेरे पांव में तकलीफ है, चलने के लिए लकड़ी का सहारा लेता हूं। जैसे ही मैं बेटी को बचाने के लिए आगे बढ़ा, तमाशा देखने वाले लड़के ने लकड़ी छीन ली। मैं नीचे गिर गया।
पत्नी भी दौड़ कर बाहर आई तो उस लड़के ने मेरे सीने पर कट्टा अड़ा दिया। इसके बाद दो लड़के बेटी को जबरदस्ती उठाकर घर के भीतर ले गए। एक के बाद एक दो लड़कों ने उसके साथ रेप किया। ये सिलसिला एक घंटे तक चलता रहा। मैं और मेरी पत्नी असहाय होकर केवल बेटी की चीख सुन रहे थे।
गोली मार देंगे तो क्या आप लोग बचाने आएंगे ?
जिन तीन आरोपियों ने नाबालिग के साथ रेप किया, उनमें से एक आरोपी खदान मालिक गब्बर सिंह का बेटा आकाश है। पीड़िता के पिता ने कहा कि मैं उनके लिए 15 साल से काम कर रहा हूं। डेढ़ महीने पहले उनकी पत्थर की खदान पर काम करने शिवपुरी से भंवरपुरा आया था। पता नहीं था कि ये सब होगा।
जैसे ही पिता ने आरोपी का नाम लिया तो पत्नी बोली- हां सब बता दो, कल को गोली मार देंगे तो क्या ये लोग बचाने आएंगे ? पत्नी के इतना कहते ही पीड़िता के पिता के चेहरे पर डर दिखाई दिया। थोड़ी दूर पर कुत्ते के बच्चे के साथ खेल रही बेटी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उसे पता ही नहीं कि उसके साथ क्या हुआ है। आप लोग बार-बार जिक्र करेंगे तो वो भी हमसे सवाल करेगी। इतना कहकर पीड़िता के पिता ने बगल में पड़ी लकड़ी उठाई और हाथ जोड़ लिए।
आदिवासी परिवारों ने गांव छोड़ा, बोले- आबरु नहीं लुटा सकते
ये गांव पत्थर खदानों से घिरा हुआ है। सभी खदानों पर गुर्जरों का अधिकार है। आदिवासी इन खदानों पर मजदूरी करते हैं। कुछ लोगों ने दबी जुबां में कहा कि यहां ऐसा ही होता है। वो लोग आते हैं, लूट-पाट करते हैं और चले जाते हैं। इधर कोई पुलिस नहीं दिखती। हमें उन लोगों के साथ ही रहना है।
गांव के 10 घरों पर ताले पड़े हुए थे। लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि कोई रुपया-पैसा लूट ले तो समझ आता है लेकिन जब आबरु ही महफूज ना रहे तो कौन गांव में रहेगा। उन्होंने बताया कि पीड़िता के परिवार के अलावा दस और परिवार गांव छोड़कर जा चुके हैं। एक दो दिन में हम लोग भी चले जाएंगे।
प्रशासन ने जेसीबी से ढहाया घर और 20 बीघा जमीन कराई खाली
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी संजीव गुर्जर और बंटी गुर्जर को 1 फरवरी को गिरफ्तार किया था। संजीव गैंगरेप करने वाले आरोपियों में से एक है। बंटी इनका मददगार है, जिसके घर पर तीनों आरोपी रुके थे। वारदात के समय वह कुछ दूर खड़ा था।
उसने बच्ची के घर का रास्ता आरोपियों को दिखाया था। प्रशासन ने आरोपी बंटी गुर्जर के भंवरपुरा स्थित घर को 2 फरवरी को जेसीबी से ढहा दिया। यहां पता लगा कि आरोपी ने वन विभाग की 20 बीघा जमीन पर कब्जा किया था। प्रशासन ने जमीन भी खाली करा ली। फिलहाल संजीव और बंटी गुर्जर पुलिस रिमांड पर है।
आकाश ने गुर्जरों का नाम खराब किया, गरीब की बेटी के साथ गलत किया
तीसरा आरोपी आकाश गुर्जर 2 फरवरी को पकड़ा गया। वह भंवरपुरा में खदान चलाने वाले गब्बर सिंह का बेटा है। गब्बर सिंह की खदान पर ही पीड़िता का परिवार डेढ़ महीने पहले काम करने आया था। गरीब की बेटी के साथ गलत हुआ है।
हमने खुद पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। वे बोले कि भले ही आरोपी हमारे समाज के हैं, लेकिन हम लोग पीड़ित आदिवासी परिवार के साथ है। आकाश के पिता गब्बर सिंह ने भी कहा- लड़कों ने जो कुछ किया वो गलत किया। आकाश ने गुर्जरों का नाम खराब किया है। हमें नहीं पता था कि वो ऐसा कुछ करेगा। जो भी हुआ है, ऐसा आगे न हो इसके लिए पंचायत बुलाई जाएगी।
शराब पीने के बाद की हैवानियत
पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो उनमें से एक आरोपी संजीव का कहना था कि उस रात हम तीनों सोचकर ही निकले थे कि आज ऐसा कुछ करेंगे। गांव में एक अन्य युवती को टारगेट कर वहां पहुंचे थे। बंटी के खेत पर शराब पी थी। बंटी ने उस युवती को बचा लिया। कहा-गांव में नया परिवार आया है। वहां बहुत कुछ है। नाबालिग के घर का रास्ता भी दिखा दिया।
हमें तो शिकार करना था, फिर कोई भी हो आरोपियों की इस सोच पर ग्वालियर के प्रभारी एसपी डॉ. ऋषिकेश मीणा बोले कि ये कुत्सित मानसिकता है। चारों ने केवल एन्जॉयमेंट और ताकत बताने के लिए नाबालिग को शिकार बनाया।
ऐसी मानसिकता वाले किसी को भी अपना टारगेट बना सकते हैं। उनसे पूछा कि इस घटना के बाद गांव वाले घर छोड़कर जा रहे हैं तो वे बोले कि पीड़ित परिवार ही गांव में नहीं रहना चाहता। जहां तक बाकी लोगों का सवाल है तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, पुलिस उन्हें सुरक्षा देगी।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में एमपी तीसरे नंबर पर
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े कहते हैं कि रेप की घटनाओं के मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे नंबर पर है। साल 2022 में एमपी में 3,046 महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे। वहीं, पॉक्सो एक्ट से जुड़ी धाराओं में कुल 5951 मामले दर्ज किए गए थे।
इनमें से बलात्कार के 3653 मामले, यौन उत्पीड़न के 2233 मामले और 42 मामले उत्पीड़न से संबंधित थे। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ 30673 मामले दर्ज किए थे। वहीं, 2022 में 32765 मामले दर्ज हुए यानी साल भर में 2092 अपराध बढ़ गए।