हसदेव बचाओ, जंगल बचाओ नारे के साथ गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन शहडोल ने राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
पक्षियों की 82 प्रजातियाँ, 167 प्रकार की वनस्पतियाँ, जीव जंतु एवं 10000 लोग कहाँ जाएँगे ?
शहडोल। गोंडवाना समय।
आदिवासियों की संवैधानिक अधिकारों की रक्षा एवं हसदेव अरण्य को संरक्षित करने के लिए जीएसयू के विद्यार्थियों ने कलेक्टर कार्यालय शहडोल में राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है।
विद्यार्थियों ने बताया कि हसदेव जंगल में पक्षियों की 82 प्रजातियाँ, 167 प्रकार की वनस्पतियाँ, जीव जंतु एवं 10000 से ज्यादा लोग इसी जंगल में जीवन यापन कर 60-70 प्रतिशत वार्षिक आय इसी जंगल से प्राप्त करते हैं। यदि जंगल की कटाई नही रोकी जाएगी तो उन पशु पक्षियों, जीव जंतुओ और उन 10000 लोग कहाँ जाएँगे ?
पुलिस बल की उपस्थिति में पेड़ों की कटाई की जा रही है
इसका जिÞम्मेदार न केवल आदिवासी समुदाय है बल्कि भारत का सम्पूर्ण नागरिक भी जिÞम्मेदार है क्यूँकि यदि पेड़-पौधे नही रहेंगे तो हम साँस कहाँ से लेंगे। पेड़ काटने और कोयला खदान बनवा लेने से इस राष्ट्र का विकास हो जाता है तो सम्पूर्ण भारत में जंगल को कटवा डालिए।
महामहिम तत्कालीन राज्यपाल छत्तीसगढ़ ने परसा कोल ब्लॉक प्रभावित गाँव में खनन कम्पनी द्वारा फर्ज़ी ग्राम सभा प्रस्ताव की जाँच के लिए मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को दिए थे परंतु अभी तक इसकी जाँच नही हुई है बल्कि पुलिस बल की उपस्थिति में पेड़ों की कटाई की जा रही है।
महामहिम जी से अपील करते हैं कि जंगल की कटाई स्थगित कर पशु पक्षियों,जीव जंतुओ एवं आदिवासी समुदाय का जीवन जो खतरे में मंडरा रहा है उसको अपने संज्ञान में लेते हुए संरक्षित करने की विशेष अनुकम्पा करें।
ज्ञापन के दौरान जीएसयू के निम्न पदाधिकारी मौजूद थे
जिसमें जीएसयू के जिÞला अध्यक्ष चन्द्रभान सिंह मरकाम, पूर्व जिÞला अध्यक्ष अनिल सिंह उईके, उपाध्यक्ष खुलेश्वरी सिंह मरकाम, पूर्व उपाध्यक्ष गणेश उईके, जिÞला महासचिव पुष्पेंद्र सिंह उईके, जीएसयू प्रदेश समन्वयक दलवीर उईके एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।