बालाघाट लोकसभा से राष्ट्रीय पार्टियों ने आदिवासी समाज को सांसद बनकर नेतृत्व करने का मौका नहीं दिया
उसी पार्टी को प्राथमिकता मिलेगी जो बालाघाट लोकसभा में आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व देगा
बालाघाट। गोंडवाना समय।
बालाघाट जिला से आदिवासी युवा शुभम उईके ने कतंगझारी बालाघाट में आयोजित आदिवासी धर्म सम्मेलन में सामाजिक चेतना के लिए आवाज उठाते हुये कहा गया।
इस दौरान परसराम मड़ावी, दिनेश कुमार धुर्वे, आशीष कुमार धुर्वे, शरद, राहुल अड़मे सहित अन्य सगाजन मौजूद रहे। मुझे हमारे समाज की एक पीड़ा दिखाई दी प्रतिनिधित्व की अन्यत्र ना समझा जाए मेरी मार्मिक पीड़ा को आदिवासी बाहुल्य जिले में आदिवासी समाज की दशा क्या है।
आप सभी जानते है जब तक आगे बढ़ने का, प्रतिनिधित्व करने का मौका ही नहीं मिलेगा तब तक ये समाज आखिरी पंक्तियों में ही रहेगा। आदिवासियों को नक्सली बोलकर प्रमोशन पाने के लिए आदिवासियों को फर्जी एनकाउंटर में मारा जाता है।
आदिवासियों पर अन्याय, अत्याचार हो रहे है। राष्ट्रीय पार्टियां जिसमें आदिवासी सदैव कांग्रेस पार्टी को अपना जनाधार देता है परंतु आप भी तो उनकी भावनाओं का सम्मान करे।
सांसद बनाना है तो आदिवासी को भेजो लोकसभा
बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को चुनाव जीते कांग्रेस को 30 वर्ष हो गए। इसलिये अब चिंतन जरूरी है कि कांग्रेस को चुनाव जीतना है तो आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व देना ही होगा। सामाजिक कार्यकर्ताओ के समक्ष ही नारा लगा दिया कि उसी पार्टी को प्राथमिकता मिलेगी जो आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व देगा।
आदिवासी सिर्फ वोटर्स ही नही है, नेतृत्व भी कर सकता है। आदिवासी समाज सर्वधर्म और समाज का सम्मान करता है परंतु आज तक बालाघाट जिले में आदिवासी बाहुल्यता होने के बावजूद राष्ट्रीय पार्टियों ने आदिवासी समाज को सांसद बनकर नेतृत्व करने का मौका नहीं दिया।
मंच से अपने अधिकारों की मांग की और अब निश्चित ही बदलाव होगा। आदिवासियों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए अब चाहे कांग्रेस हो या भाजपा, बालाघाट लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनाना है तो आदिवासी को भेजो लोकसभा यही संकल्प ले।