प्रकृति का विनाश करके, विकास पाना असल में विकास नहीं है
हसदेव जंगल बचाओ-इनर वॉइस सोसायटी
ऐंसा विकास हमें नहीं चाहिए
छत्तीसगढ़/ मंडला। गोंडवाना समय।
छत्तीसगढ़ के सरगूजा ज़िले में हसदेव जंगल जो लगभग 1,70,000 वर्ग स्क्वेयर फीट में फैला है। इस जंगल पर सामान्य कोयला से अधिक बेसकीमती कोयला पाये जाने का अनुमान है। सरकार ने इस जंगल को काटकर कोयला खदान बनाने का आदेश दिया है।
इस जंगल पर सरकारी आंकड़े में लगभग 2.5 लाख वृक्षों को काटा जाना है और पता नहीं इससे अधिक कितने वृक्षों की कटाई होगी। इस जंगल में लगभग 10,000 आदिवासी व्यक्ति निवास करते हैं। अनेकों पशु,जीव जंतु, जड़ी बूटी पायी जाती हैं। एक खोज में पाया गया कि जो तितली विश्व से लुप्त हो गईं वो इस जंगल पर हैं कटाई के बाद यह भी समाप्त हो जायेंगे। एक जंगल का कटना किसी व्यक्ति, समुदाय, प्रदेश ही नहीं सम्पूर्ण जीव जगत के लिए हानिकारक है।
पृथ्वी का तापमान गर्मियों में 50°C हो जाता है अगर ये जंगल कटे तो भविष्य सुरक्षित नहीं है। माना कि कोयला प्राप्त देश की अर्थव्यवस्था में सहयोग करेगी जिससे विकास होगा लेकिन प्रकृति का विनाश करके विकास पाना असल में विकास नहीं है।
दिनांक 6 जनवरी 2024 को "इनर वॉइस सोसायटी" मण्डला के सदस्यों ने एक शांत रैली कर जनमानस को सचेत कराया कि वह भी हसदेव जंगल को कटने से बचने के लिए आवाज उठायें और इस रैली से सरकार से आग्रह भी किया कि ऐंसा विकास हमें नहीं चाहिए।
भविष्य में उग्र व बड़े आंदोलन की करेंगे तैयारी
सरकार को चेतावनी भी दिया कि अगर यह आदेश वापस नहीं लिया जाता है, तो भविष्य में उग्र व बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे। सोसायटी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ललित कुशराम ने बताया कि अभी एक छोटी शुरूआत है प्रकृति के संरक्षण के लिए आगे जरूरत पड़ी, तो हर संभव आंदोलन सोसायटी द्वारा जनहित, प्रकृति हित में किया जायेगा।
हम प्रकृति को ईश्वर मानते हैं जल, वायु, पृथ्वी, भूमि को हमने वंदनीय माना है इसलिए इनकी रक्षा प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। इस आंदोलन में शहर के प्रकृति प्रेमी व सोसायटी के सभी सदस्य शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए अपने हाथों में "हसदेव बचाओ" नारे की तख्ती लिए रेवांचल पार्क रपटा में समापन किये। रेवांचल पार्क में सभी अपने सुझाव व विचार रखकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की रूपरेखा बनायी। पूरे आंदोलन में सामाजिक कार्यकर्ता पी.डी. खैरवार भी उपस्थित रहकर सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दिये व जल, जंगल, जमीन की लड़ाई में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सोसायटी के सचिव नवीन झारिया ने रैली में उपस्थित सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया।