बड़े बुजुर्गों की सेवा करना पत्नी का धर्म है, सेवा करो और मेवा पाओ
अपने पति बच्चों को एवं सास को अच्छे से रखो यही जीवन का उसूल है
सिवनी। गोंडवाना समय।
परिवार परामर्श केंद्र सिवनी में 15 प्रकरण रखे थे जिसमें से 9 में समझौता हुआ, दो प्रकरण न्यायालय गए, पहला प्रकरण में शादी के 10 वर्ष हुए थे दो बच्चे हैं पत्नी तीन माह से मायके में थी पारिवारिक विवाद के कारण वह अपने मायके में रह रही थी पति ने आवेदन दिया था कि पत्नी मेरी मां को अच्छे से नहीं रखती है, खाना नहीं देती है उसकी देखभाल नहीं करती है और वह पत्नी को काम पर भी नहीं जाने देता था तो पति चाहता था कि वह मां को अच्छा रखें।
खाना समय पर खिलाए बुजुर्ग महिला है उसकी सेवा करें। पत्नी नाराज तो थी उसको बुलाए समझाएं की बड़े बुजुर्गों की सेवा करना पत्नी का धर्म है सेवा करो और मेवा पाओ और अपने पति बच्चों को एवं सास को अच्छे से रखो यही जीवन का उसूल है, इस बात पर पत्नी मानी समझौता हुआ और अपने पति और बच्चों के साथ घर गई।
बातों ही बातों में हम दोनों की नाराजगी दूर हो गई
दूसरे प्रकरण में भी पति ने आवेदन दिया था। इसके शादी के 3 वर्ष हो गए थे एक बच्चा है पत्नी दो माह से अपने मायके में थी। पति और पत्नी के बीच में छोटी-छोटी बातों को लेकर नोकझोंक होते रहता था। दोनों एक दूसरे की बातों को सहन नहीं कर पाते थे।
पत्नी नाराज होकर मायके में बैठी थी पति ने बीच-बीच में बात करते रहा, एक-दो दिन की आड़ में बात करते रहता था तो उससे पत्नी का भी दिल पसीजा और जब पेशी पर आए तो बताएं कि हम दोनों ने बीच-बीच में बात करना शुरू कर दिए थे और बातों ही बातों में हम दोनों की नाराजगी दूर हो गई।
अब हम दोनों अच्छे से रहेंगे नए साल में दोनों एक हुए अब अच्छे से रहने का दोनों ने जन्म सात जन्म का वादा निभाया है कि हम दोनों साथ जन्म तक एक साथ रहेंगे। इस बात पर समझौता किया, परामर्श केंद्र प्रभारी सब इंस्पेक्टर ज्योति चौरसिया, काउंसलर मेंबर छिददिलाल श्रीवास, मीरा नामदेव, कांता ठाकुर और पैरालीगल वैलिंटियर श्रीमती पार्वती डेहरिया उपस्थित थी, बाकी पक्षकारो को अगली पेशी दी गयी।