वन्य प्राणी के शिकारियों को वन विभाग टीम ने पकड़ा
उगली। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम बरघाट परियोजना मंडल सिवनी के परियोजना परिक्षेत्र पांडिया छपारा के अंतर्गत दिनांक 10 जनवरी 2024 को वन क्षेत्र में किसी वन्य प्राणी के मृत होने की सूचना मुखबिर से प्राप्त हुई।
प्राप्त सूचना के आधार पर परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी पांडिया छपरा, परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी बेहरई, परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी केवलारी द्वारा संभागीय प्रबंधक के मार्गदर्शन में तीन आरोपियों क्रमश: खिलेंद्र कुमार पिता किशन लाल तेकाम जाति गोंड उम्र 35 वर्ष निवासी वाकल, अनिल कुमार पिता सावन लाल बट्टी जाति गोंड उम्र 32 वर्ष निवासी वाकल, भुवन लाल पिता सोमाजी बट्टी जाति गोंड उम्र 45 वर्ष निवासी वाकल को गिरफ्तार कर उनकी निशान देही के आधार पर वन क्षेत्र से वन्य प्राणी के अवशेषों की जप्ती की कार्यवाही की गई।
करंट लगाकर बाघ का शिकार किए जाने का आरोप किया स्वीकार
वन अधिकारियों द्वारा पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा करंट लगाकर बाघ का शिकार किए जाने का आरोप स्वीकार किया गया। आरोपियों की निशानदेही पर वन क्षेत्र से लगे राजस्व क्षेत्र से करंट के तार, खूंटियां चार-पांच मीटर लंबे बांस एवं एक नग कुल्हाड़ी, एक बसूला, एक नग काती जप्त किया गया।
तीनों आरोपियों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 371/ 45 दिनांक 10 जनवरी 2024 दर्ज कर ज्यूडिशियल रिमांड में न्यायालय के शुपर्द कर दिया गया। वहीं दिनांक 11 जनवरी 2024 को डाक स्क्वायड की सहायता से तलाशी करने पर पूर्व में प्राप्त अवशेष के समीप ही अन्य स्थल पर खुदाई करने पर अवशेष प्राप्त हुए। साथ ही एसटीएसएफ जबलपुर में अधिकारी-कर्मचारी भी कार्यवाही के दौरान उपस्थित रहकर सहयोग प्रदान किये। इस प्रकार वन विभाग लगातार दबिश देकर शिकारियों को पकड़ रहा है।
इन्होंने की कार्रवाई
उक्त कार्यवाही में संभागीय प्रबंधक भारतीय ठाकरे के मार्गदर्शन में उप संभागीय प्रबंधक अनिल क्षत्रिय, परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी पांडिया छपारा एच एल दाहिया, परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी बेहरई दिनेश झारिया, परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी केवलारी संतोष कुमार बनवाले, वनपाल बीआर सिरसाम, बीएल आर्मो, पीएल मसराम वनरक्षक, विनयेंद्र मर्शकोले, गणेश मानेश्वर, श्रीमती निधि धुर्वे, श्रीमती स्वाति अग्रवाल अस्थाई कर्मी एवं सुरक्षा श्रमिक के सहयोग से सफलतापूर्वक की गई।