क्या परिवहन ठेकेदार को बचाया और ताखला सोसायटी प्रबंधक सहित 3 को बलि का बकरा बनाया ?
फर्म का नाम बदल-बदलकर परिवहन की ठेकेदारी करने वालों को भाजपा-कांग्रेस को दोनो है संरक्षण
ईमानारी से काम करता है तो फर्म का नाम क्यों बदलता है परिवहन ठेकेदार
सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताखला कलाँ में 1 करोड़ 61 लाख 452 रूपये की धान गायब पर हुई एफआईआर
सिवनी। गोंडवाना समय।
अनाज परिवहन की ठेकेदारी का कार्य सिवनी जिले में वर्षों से कुछेक परिवार के द्वारा किया जा रहा है बस फर्क इतना ही होता है कि ईमानदारी से परिवहन करने के कारण बार-बार फर्म का नाम बदलना पड़ता है।
खरीदी केेंद्रों से अनाज परिवहन करने वाले ठेकेदारों ने तो अब शराब ठेकेदारों के जैसे अब सिंडीकेट भी बना लिया है राजनेताओं को अपना आका बनाकर संरक्षण प्राप्त कर हिस्सेदार बनाकर लाखों करोड़ो के बारे-न्यारे कर रहे है स्थिति तो अब ये बन गई है कि अनाज परिवहन का कार्य भी अब माफियाराज में तब्दील हो गया है।
सिवनी जिले में परिवहन ठेकेदार इतनी ईमानदारी से कार्य कर रहे है कि ट्रक की ट्रक धान गायब हो जाती है, खरीदी केंद्रों से जुड़े हुये विभागों के उच्चाधिकारियों की भी परिवहन ठेकेदारों के साथ संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है।
अरी पुलिस थाना अंतर्गत सेवा सहकारी सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताखला कलाँ में लगभग 1 करोड़ 61 लाख 452 रूपये की 28 ट्रक धान गायब हो गई है हालांकि संबंधित विभागों की प्रांरभिक जांच के आधार पर समिति प्रबंधक सहित 3 पर एफआईआर दर्ज की गई है।
अरी पुलिस थाना प्रभारी द्वारा की गई कार्यवाही को लेकर अनेक सवाल भी खड़े हो रहे है। परिवहन ठेकेदार को बचाने के लिये कहीं समिति प्रबंधक को बलि का बकरा तो नहीं बनाया गया है।
28 ट्रक धान लगभग 7400 क्विंटल गायब, दर्ज हुई एफआईआर
सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड अंतर्गत अरी पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताखला कलाँ से 8 जनवरी से लेकर 19 जनवरी 2024 तक आॅफ लाइन बिल्टी के माध्यम से 28 ट्रक धान मात्रा लगभग 7400 क्विंटल परिवहन कराई गई थी। वहीं 21 जनवरी के बाद जब जानकारी ली गई तो पता चला कि उक्त धान वेयर हाउस तक पहुंची नहीं है।
उपरोक्त मामले की जानकारी उपायुक्त सहकारिता पुष्पेंद्र कुमार कुशवाहा को लगी तो उन्होंने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने विभागीय अमले को छानबीन में लगा दिया। वहीं स्वयं श्री उपेन्द्र कुशवाहा भी बारीकी से मामले से जुड़े सारे रिकॉर्ड को खंगालने लगे।
बताया जाता है कि लगभग 1 करोड़ 61 लाख 452 रूपये की धान गायब होने के मामले में सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता दिखाते हुए जाँच प्रारंभ किया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार इस पूरे मामले में अरी पुलिस थाना द्वारा समिति प्रबंधक सत्यनारायण बघेल सहित तीन लोगो के विरुद्ध भा.द.वि.की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 66 बी एवं 66 सी के तहत मामला पंजीबद्ध किया।
ईमानदारी से जांच हो तो पता चल जायेगा 28 ट्रक कहां और किसने गायब किया
ताखला कलाँ सोसाइटी में 8 जनवरी से लेकर 19 जनवरी तक चार ट्रकों का माल परिवहन हेतु कई बार उपयोग हुआ है। बताया जाता है की उक्त ट्रक में ड्राइवर का नाम यासीन, राजेश, मोंटू और राज बताए जा रहे है और इन्ही नामों से सोसाइटी के रजिस्टर में हस्ताक्षर भी किए गए।
बताया जाता है की यदि पुलिस जांच का दायरा बढ़ाते हुए बरघाट थाना अंतर्गत ग्राम बोरी में जांच करे तो पता चल जाएगा की धान खरीदी में जिसने ट्रको का उपयोग किया गया है वह ट्रक ग्राम बोरी के है अथवा नहीं और उक्त ट्रको के चालक भी बोरी के है या नही।
अरी पुलिस यदि मामले की बारीकी से छानबीन करें तो कई और लोगों के नाम का खुलासा हो सकता है साथ ही यह भी पता चल जाएगा की 28 ट्रक धान किस जगह खपाई गई है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि डेढ़ करोड़ की धान गबन के मामले में और दोषी कौन कौन है।
ऐसे कई प्रमाण है जो पुलिस के लिये वास्तविक धान चोर तक पहुंचने के लिये काफी है
प्राप्त जानकारी के अनुसार बरघाट विकासखंड के सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताखला कलाँ में लगभग 1 करोड़ 61 लाख 452 रूपये की धान गायब हुई है। जिसमें 18 हजार 500 बारदाने का भी नुकसान हुआ है जो कि 65 रूपये के हिसाब से लगभग 1,20,000 हजार के होते है।
बताया जाता है कि ताखला कलां समिति से मामले की जानकारी लगते समय तक लगभग 183 गाड़ी गई थी जिसमें से 28 ट्रक धान गायब हो गई है। अब सवाल यह उठता है कि खरीदी केंद्र से धान की लोडिंग तो हुई है। वहीं लोडिंग करने के बाद ट्रक का नंबर, वाहन चालक की फोटो, नंबर सहित खरीदी केंद्र में लिया गया है।
ऐसे कई प्रमाण है जो पुलिस के लिये वास्तविक धान चोर तक पहुंचने के लिये काफी है। ये तो तय है कि 28 ट्रक को गायब करने वाले के तार कहीं न कहीं अनाज परिवहन माफियाओं के साथ जुड़े हुये है। ताखला समिति से गायब हुई धान को या तो अन्य खरीदी केंद्र में या राईस मिल खपाने की चर्चा हो रही है।