श्रीगढ़ेवाल सामुदायिक लायब्रेरी का हुआ शुभारंभ, मनाया गया मध्यप्रदेश स्थापना दिवस
शिवपूजन मिश्रा ने फीता काटकर किया लायब्रेरी का शुभारंभ
मां भारती के उदघोष से क्षेत्र गुंजायमान
लालबर्रा। गोंडवाना समय।
ह्यह्णआदर्श आचार संहिता क्या होती है, आदर्श आचार संहिता का पालन करना किस-किस के लिए जरूरी होता है, मतदान प्रक्रिया के दौरान क्या-क्या सावधानी रखी जानी आवश्यक होती है, कैसे रुपए-पैसे आदि से प्रलोभित हुए बगैर निष्पक्ष, निर्भीक मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करें और खुद भी प्रेरित हो।
ह्यह्ण इन तमाम बातों पर लालबर्रा थाना प्रभारी श्री शिवपूजन मिश्रा ने विस्तृत तरीके से प्रकाश डाला। वे बतौर मुख्य वक्ता गढ़वाल समाज द्वारा आयोजित मतदाता जागरुकता रैली के समापन सह श्रीगढ़ेवाल सामुदायिक लायब्रेरी के उदघाटन अवसर पर उपस्थित वरिष्ठजन सहित युवक-युवतियों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज के सबसे वरिष्ठ श्री कपूरदास ब्रम्हे थे, वर्तमान में उनकी आयु 94 वर्ष है।
दो गांवों में घूमी जागरुकता रैली
मतदाता जागरुकता रैली का शुभारंभ गढ़ेवाल समाज मंगल भवन से हुआ। यहां से सभी बच्चों, युवाओं एवं लोगों के द्वारा पंक्तिबद्ध होकर एवं मतदान संबंधी नारे लगाते हुए पहले बड़ी पनबिहरी की गलियों का भ्रमण किया गया। तत्पश्चात् यह रैली छोटी पनबिहरी स्थित शिव मंदिर पहुंची, वहां से पुन: यह मंगल भवन पहुंची। रैली को संचालित करने में औलियाकन्हार फिजिकल क्लब के प्रशिक्षणार्थियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
रैली के सामने-सामने लालबर्रा थाना प्रभारी श्री शिवपूजन मिश्रा एवं सहायक निरीक्षक श्री वैभव शर्मा चल रहे थे। मंगल भवन में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं वक्ता का शॉल एवं श्रीफल से स्वागत किया गया। मां सरस्वती एवं समाज के पितृपुरूष मोरारी बाबू के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर एवं पुष्प अर्पित किया गया। श्री मिश्रा ने फीता काटकर लायब्रेरी का शुभारंभ किया।
पैसा चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से ना ले जाया जाए
इतना भी आसान नहीं पंछी बनकर उड़ जाना, सहनी पड़ेगी धूप कड़ी, क्या तुम धैर्य रखोंगे, इस शेर के साथ बतौर मुख्य वक्ता श्री शिवपूजन मिश्रा ने अपना वक्तव्य शुरू किया। उन्होंने उपस्थितों से मां भारती का उदघोष जोरों से करने का आह्वान किया।
इसके बाद उन्होंने युवाओं से आचार आचार संहिता पर सवाल किए। और कहा कि आप इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से आदर्श आचार संहिता के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज मतदाता जागरुकता रैली निकाली गई, तो एक सवाल सबके मन में होगा कि आदर्श आचार संहिता क्या है।
बताइए आपमें से किस-किसने सुना है, क्या होती है आदर्श आचार संहिता। गलत बताइए, सही बताइए, जैसा आपने सुना है वैसा बताइए। इस पर आरक्षक परीक्षा की तैयारी कर रहे औलियाकन्हार निवासी रितिक कटरे ने बताया कि आदर्श आचार संहिता में क्या होता है, उनके जवाब पर मिश्रा ने उन्हें शाबाशी दी फिर आचार संहिता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों को निष्पक्ष एवं पारदर्शितापूर्ण बनाने के लिए, जो नियमावली बनाई गई है, उसे ही आदर्श आचार संहिता कहते है।
इस आचार संहिता का पालन सभी के लिए जरूरी है, यदि किसी राजनीतिक दल का पोस्टर या झण्डा किसी व्यक्ति के घर में लगा हुआ है, तो उसे जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेना होगा। कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के आपके घर पर झण्डा या पोस्टर नहीं लगा सकता।
ऐसा न हो कि हम सो रहे हो और कोई हमारी दीवार पर पोस्टर चिपकाकर चला जाए और बाद में हमारे खिलाफ कार्यवाही हो जाए। वाहनों की चेकिंग के दौरान पैसों की जब्ती के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यदि आप किसी कार्य से पैसे लेकर जा रहे है, तो उसका विधिवत् दस्तावेज अपने पास रखें कि वो पैसा आपके पास कहां से आया और आप किस मकसद से उसको लेकर जा रहे हो। चुनाव आयोग का मकसद है कि कोई भी पैसा चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से ना ले जाया जाए।
मतदाता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?
श्री मिश्रा ने कहा कि आज मतदाता जागरुकता रैली निकाली गई, आपमें से कितने लोगों को पता है कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है, जिस पर बहुत सारे हाथ जवाब देने के लिए उठ गए।
मिश्रा ने बताया कि 25 जनवरी 1950 को भारत निर्वाचन आयोग का गठन हुआ था, इसीलिए इस तिथि को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। श्री मिश्रा ने आगे सवाल किया कि क्या कोई बता सकता है कि सबसे बड़ी चीज भारतीय संविधान में क्या है, यदि वो ना हो, तो सब शून्य है। युवाओं ने जवाब दिया मौलिक अधिकार, तो उन्होंने कहा कि बिलकुल ठीक परन्तु मेरी समझ के अनुसार सबसे बड़ा अधिकार, मताधिकार का अधिकार है।
लाइब्रेरी में संविधान की पुस्तक एवं एक सुझाव पेटी भी रखे
श्री मिश्रा ने कहा कि मैं लायब्रेरी संचालक से कहना चाहूंगा कि संविधान की एक पुस्तक यहां पर रखें, साथ ही एक सुझाव पेटी भी, ताकि कोई अच्छा सुझाव कोई भी सुझा सके। भारतीय संविधान की किताब से युवा उसका एक-एक अनुच्छेद पढ़ें, युवा जरुर पढ़े कि कैसी हमारी शासन व्यवस्था संचालित हो रही है।
आर्टिकल 226 में व्यस्क मताधिकार लिखा गया है। यदि आपकी आयु 18 वर्ष हो गई है, तो बूथ लेवल अधिकारी के पास जाइए, अपना नाम चेक कीजिए कि उसने आपका नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा है अथवा नहीं जोड़ा है, यदि ना जोड़ा हो, तो जुड़वाइए।
आप वोट देते समय किसी के प्रलोभन में ना आए, ना पैसे के, ना रुपए के और ना ही किसी भी प्रकार से प्रलोभित हुए, अपने विवेक का इस्तेमाल करके वोटों का सदुपयोग करना है, जो आपके मन में है आप उसे वोट देने जाए, जिस दिन मतदान का दिन होता है, उस दिन वे गाड़ी लगा देते है पर आप किसी की सेवाएं ना लें।
लायब्रेरी शिक्षा का द्वार खोलने की है पूंजी
श्री मिश्रा ने कहा कि लायब्रेरी शिक्षा के द्वार खोलने की पूंजी है, आप मोबाइल में कितना भी पढ़ लीजिए लेकिन, जो किताबें आपके हाथ में रहती है, वहीं सच्ची मित्र है। आप उसमें अन्डरलाइन करके, जो भी पढ़ते है, वहीं आपके काम का है।
पुलिस विभाग में भर्ती के तीन लेवल, कैसे होगी मेहनत-बताया फंडा
सवाल पूछने के लिए टीआई श्री मिश्रा ने युवाओं को प्रोत्साहित किया, कहा कि पूछना बहुत जरूरी है, मैं तैयारी करके आया हूं, मुझे मालूम है कि क्या जरूरी है जिस पर शिवराज कुमरे ने पूछा कि मैं पुलिस विभाग में जाना चाहता हूं, कैसे जाऊं जिस पर श्री मिश्रा ने पुलिस विभाग की जानकारी दी। बताया कि इसमें तीन स्तर की परीक्षाएं होती है, पहली कांस्टेबल, दूसरी एसआई एवं तीसरी डीएसपी लेवल की।
कांस्टेबल एवं एसआई लेवल की एग्जाम पीईबी लेता है, अब आनलाईन एग्जाम होता है, पहले एक पेपर होता था, परन्तु अब आनलाइन होने से करोड़ों प्रश्न सर्वर में डाल दिया गया है, अब किसके भाग्य में कौन-सा पेपर आएगा कोई नहीं बता सकता जबकि पहले हम सिलेक्टिव स्टडी करते थे कि यह मोस्ट इम्पार्टेट है, इसे पढ़ लेते है, यह जरूरी नहीं है, इसे छोड़ देते है। तो सीधा सा फंडा यह है कि एक औसत नॉलेज सबको होती है, 100 नम्बर के पेपर में 70 नम्बर का सबसे बन जाएगा।
इसी 70 नम्बर से ऊपर निकलने पर आपका सिलेक्शन होगा, उसमें भी असली काम्पीटीशन मैथ्स में है। 10वीं तक ही मैथ्स आती है, यदि किसी की मैथ्स कमजोर हो, तो आपको लगातार इम्प्रूव करना पड़ेगा, एक टीचर के पास जाना ही पड़ेगा, पढ़ना ही पढ़ेगा, दसवीं की हिन्दी, दसवी की मैथ्स उठा लीजिए। दूसरी कमजोरी है अंग्रेजी।
हम जिस प्रदेश से है वहां पर अंग्रेजी की कमजोरी ज्यादा है। हम अंग्रेजी सीखते-सीखते पूरा जीवन गुजार देते है परन्तु सीख नहीं पाते क्योंकि यह हमारी मदर लैंग्वेज नहीं है। लैंग्वेज सीखने का सबसे आसान माध्यम अखबार पढ़ना है, वेबसीरीज देखें, अंग्रेजी की मूवीज देखें, 100 नम्बर में से 80 से 85 हमेशा सेफ रहता है, 90 अंक पाने वाला एक्स्ट्राआर्डिनरी होता है, हमें 85 का टॉरगेट बनाकर चलना है, इसके लिए आपको नियमित अभ्यास करना है। आपने जो पढ़ा है, उसे सात दिनों के बाद रिवीजन करें, नहीं करेंगे तो, भूल जाएंगे।
उत्साह खत्म नहीं होने देना है
श्री मिश्रा ने कहा कि यदि पड़ोस का कोई सिलेक्शन हुआ, तो हमको जोश आ जाता है परन्तु दो-चार महीनों के बाद वह उत्साह खत्म हो जाता है, यह उत्साह खत्म नहीं होने देना है। मां-बाप को अपना विश्वास दिलवाइए, आप इतना पढ़िए कि वो आपके लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाए, पढ़ने वाले बच्चे के लक्षण दिखाइए। पढ़ने वाला बच्चा दोस्ती भी करेगा, तो पढ़ने वाले बच्चे से ही करेगा।
जिस समय आप टीवी देख रहे है, जिस समय आप खेलकूद रहे है, जिस समय आप भुट्टा खाने चले गए, उस समय कोई पढ़ रहा होता है। यदि हमारा उद्देश्य पढ़ाई है, तो हमें पढ़ना ही पढ़ेगा, उसके अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
दूसरा आता है फिजिकल चाहे सर्दी हो बरसात हो या गर्मी हो, आप सुबह उठकर ग्राउंड में पहुंचिए, छोटा ग्राउंड हो बड़ा ग्राउंड हो, दौड़िए, दौड़िए और दौड़िए। सात घंटे की नींद लीजिए, 10 से 12 घंटे तैयारी कीजिए, एक दिन पूरा रेस्ट कीजिए, और लगातार ग्राउंड जाइए। फैट, चाउमीन, चाट खाने से बचिए। जब तक आप तैयारी कर रहे है, तब तक, जो खाएं हैल्दी खाएं।
गढ़वाल समाज ने दिया शिक्षा का दान
श्री मिश्रा ने गढ़वाल समाज की तारीफ करते हुए कहा कि यह लायब्रेरी खोलकर गढ़वाल समाज ने शिक्षा का दान दिया है, क्योंकि सबसे बड़ा दान शिक्षा का दान होता है। गढ़वाल समाज को साधुवाद है कि उन्होंने युवाओं के लिए शिक्षा का दान दिया, यह अभूतपूर्व दान है अतुलनीय दान है, इसको किसी और अन्य वस्तु से तौला नहीं जा सकता है।
मुझको भारत लिखना है
लालबर्रा के वर्तमान थाना प्रभारी श्री शिवपूजन मिश्राजी एक अच्छे कवि भी है। कार्यक्रम में उन्होंने अपनी एक कविता भी पढ़ी जो इस प्रकार है : किसी को मोहब्बत लिखता हूं, नहीं हिकारत लिखना है, देशभक्ति जनसेवा की नई इबारत लिखना है। जन्मदिवस लिखने से पहले, हिंदुस्तान गणतंत्र लिखूं, खुद के बारे में क्या लिखूं, मुझको भारत लिखना है।
खुद का स्वार्थ परे रखकर, वतन को अपना जानूँ मैं, भारत-भाग्य-विधाताओं को, देवतुल्य फिर मानूं मैं।
स्वातंत्र्य समर में देकर आहुति, जो स्वातंत्र्य बनाया है,
सुखदेव-भगतसिंह-राजगुरु, बलिदानी को पहचानूँ मैं।
भीषण रण के रंगमंच पर, हुए हताहत लिखना है,
खुद के बारे में क्या लिख्खूं, मुझको भारत लिखना है।
अपने हक की लड़ी लड़ाई हर एक भारतवासी ने,
रम्पा, मुंडा, कूका, नील विद्रोह किया सन्यासी ने।
जाने कितने दु:ख हैं झेले, कितना अत्याचार सहा,
देश बचाने के खातिर, बलिदान दिया था झांसी ने।
उस झांसी वाली रानी की, मुझे शहादत लिखना है,
खुद के बारे में क्या लिख्खूं, मुझको भारत लिखना है।
व्यर्थ नहीं बलिदान किसी का, तुमको हरदम याद रहे,
नाज है अपने जम्हूरियत पर, ऐसे ही आबाद रहे।
मूल्यों पर यह टिका रहेगा, विश्वासों के खम्भों पर,
जब तक सूरज-चंदा चमके, देश मेरा आजाद रहे।
चिरस्थायी लोकतंत्र की, अजब इमारत लिखना है,
खुद के बारे में क्या लिख्खूं, मुझको भारत लिखना है।
ये रहे उपस्थित
श्रीगढे़वाल लाइब्रेरी, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस व मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के दौरान श्री वैभव शर्मा उपनिरीक्षक थाना लालबर्रा, श्री हरिशंकर बनवारी जनपद सदस्य, श्री वीरेन्द्र बनवाले सरपंच ग्राम पंचायत पनबिहरी, आकाश नागेश्वर श्रीगढ़ेवाल सामुदायिक लायब्रेरी के चेयरपर्सन, श्री ओपी बिसेन औलियाकन्हार फिजिकल क्लब के चेयरमैन, सामाजिक कार्यकर्ता श्री पिन्टू नागेश्वर, श्री प्रदीप सूर्यवंशी, श्री शीतलप्रसाद हरिद्वाज, श्रीमती पुष्पलता भारद्वाज, संतोष नागेश्वर, भूरिया मामा, श्री नरेन्द्र ब्रम्हे, श्रीमती शीला ब्रम्हे, श्रीमती मीना कुरुम सहित अनेकानेक लोग, प्राथमिक विद्यालय एवं आंगनबाड़ी बड़ी पनबिहरी का स्टॉफ, औलियाकन्हार फिजिकल क्लब के प्रशिक्षणार्थी, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवक-युवतियां शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री भुनेन्द्र सिलेकर व श्री विनय हरिद्वाज द्वारा किया गया। कार्यक्रम को श्री ओपी बिसेन औलियाकन्हार फिजिकल क्लब के चेयरमैन ने भी संबोधित किया।