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गलत को गलत और सही को सही कहने की हिम्मत और आजादी हमें संविधान देता है

गलत को गलत और सही को सही कहने की हिम्मत और आजादी हमें संविधान देता है 

सफल आयोजन के लिए हन्नू धुर्वे (धुर्वे कंप्यूटर्स) और सुशील धुर्वे को संविधान की पुस्तक भेंट किया गया

ग्राम निघौरी में मनाया गया संविधान दिवस


निघौरी/डिंडौरी। गोंडवाना समय। 

26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया था, तब से आज तक 26 नवंबर को संविधान दिवस या विधि दिवस के रूप में मनाया जाता है।
            


ग्राम निघौरी एवं क्षेत्रीय युवाओं द्वारा संविधान के प्रति जागरूकता के लिए संविधान दिवश मनाया गया। उठेंगे भारत के वास्ते न्याय समता इंसानियत के रास्ते के थीम पर संविधान दिवस में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। संविधान की उद्देशिका के वाचन एवं मुंबई आंतकी हमला 26 नवंबर 2008 में शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ शुरू की गई। 

संविधान दिवस पर सामाजिक उद्देश्यो को कैसे पूरा किया जाए इस पर चिंतन किया गया


संविधान दिवस का कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से यह चर्चा की गई कि संविधान दिवस पर सामाजिक उद्देश्यो को कैसे पूरा किया जाए इस पर चिंतन किया गया। गलत को गलत और सही को सही कहने का साहस है वो हमें संविधान देता है।
            संविधान दिवस में महत्वपूर्ण भूमिका हन्नू धुर्वे, सुशील धुर्वे, बसंत मसराम, हेमसिह एवं साथियों का रहा। प्रमुख रूप से वरिष्ठ समाजिक कार्यकर्ता विवेक पवार ने संबोधित किया। जयस प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम, जिला पंचायत सदस्य प्रीतम मरावी, निघोरी सरपंच शोभाराम धुर्वे, घेवरी सरपंच रायसिंह मरकाम, जलेगावं सरपंच रायसिंह नेताम, कोको सरपंच प्रतिनिधि ज्ञान सिंह श्याम, समाजिक कार्यकर्ता तोक सिंह मरावी ने संबोधित किया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी संवैधानिक गानों की झलक दिखी 

कार्यक्रम में डिंडोरी की युवा यूट्यूबर जयस जिला प्रवक्ता अर्चना सिंह मार्को ने भी संबोधित किया। माइक संचालन कमलेश मरावी ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी संवैधानिक गानों की झलक दिखी जिसमें संविधान के उद्देश्य को हासिल करने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में घेवरी, कमको मोहनिया जलेगांव खितगांव ढोलबीजा, जुनवानी, मौहारी, भानपुर लखनपुर कोको निघोरी, डूडीसरई के जनता ने योगदान दिया।

 संविधान आपके हमारे हक के लिए मजबूत हिम्मत और हौसला है 

संविधान दिवस के समापन और आभार व्यक्त डॉ दिग्विजय मरावी ने किया और कहा कि संविधान आपके हमारे हक के लिए मजबूत हिम्मत और हौसला है। विभिन्न जाति, धर्मावलंबी और समुदाय क्षेत्र प्रांत भाषा बोली के बाद यदि हमें देश होने का गौरव देता है तो वो हमारा संविधान है।
             संविधान दिवस के माध्यम से देश के कोने-कोने में संदेश देना चाहते हैं कि गलत को गलत और सही को सही कहने की हिम्मत और आजादी हमें संविधान देता है। गलत के खिलाफ साझे संघर्ष के आव्हान के साथ एक समतामूलक समाज बनाने की बात कही गई। 

शोषण अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद का आव्हान किया

रेत कारोबारी द्वारा एक पटवारी की हत्या ट्रेक्टर से कुचल कर दिया गया जिससे उसकी दु:खद निधन हो गया। मंच के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि और आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया गया और शोषण अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद का आव्हान किया।
            कार्यक्रम में मुकेश मरकाम, अवधेश तेकाम, जयस ब्लाक अध्यक्ष सेमवाल धुर्वे, ज.प.सदस्य कमको मोहनिया और विजय पट्टा, जानकी मरावी, लखन मरावी, सावित्री मरावी, खालिद खान, सचिन साहु, लियाकत अली, चेतराम राजपूत एवं सैकड़ों की संख्या में जनता शामिल हुए। सफल आयोजन के लिए हन्नू धुर्वे (धुर्वे कंप्यूटर्स) और सुशील धुर्वे को संविधान की पुस्तक भेंट किया गया

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