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गोंगपा के मेहरू मर्सकोले का नामांकन निरस्त, कांग्रेस प्रत्याशी रजनीश सिंह पर क्यों लग रहे आरोप ?

गोंगपा के मेहरू मर्सकोले का नामांकन निरस्त, कांग्रेस प्रत्याशी रजनीश सिंह पर क्यों लग रहे आरोप ?

कांग्रेस नेता का बिगड़ गया खेला, गोंडवाना आंदोलन को समाप्त करने का षड़यंत्र नहीं हो पाया पूरा


केवलारी। गोंडवाना समय। 

केवलारी विधानसभा क्षेत्र में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी मेहरू मर्सकोले का नाम निर्देशन पत्र निरस्त होने पर कई सवाल उठ रहे है तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर रजनीश सिंह पर आरोप भी लग रहे है।
                 


बीते दिनों गोंडवाना समय ने यह समाचार प्रकाशित किया था कि गोंगपा के प्रत्याशी मेहरू मर्सकोले और कांग्रेस नेता रजनीश सिंह का क्या है कनेक्शन उक्त समाचार केवलारी विधानसभा क्षेत्र में गोंगपा के अधिकृत प्रत्याशी मेहरू मर्सकोले के नामांकन निरस्त होने के बाद सटीक बैठता हुआ नजर आ रहा है।
                 गोंडवाना आंदोलन के सजग सिपाहियों में जहां नाराजगी है तो वहीं इस खेल को खेलने वालों के मंसूबों पर पानी भी फिरता नजर आ रहा है क्योंकि खेला करने वालों का खेल प्रीतम उईके ने फार्म भरकर पहले ही बिगाड़ दिया था।
            

केवलारी विधानसभा में गोंडवाना आंदोलन को समाप्त करने का षड़यंत्र पूरा नहीं हो पाया है हालांकि गोंगपा के अधिकृत उम्मीदवार का फार्म निरस्त कराने की योजना में सफलता जरूर मिली है।
            गोंडवाना आंदोलन को समाप्त करने के पीछे खेला करने वाले खिलाड़ियों के मंसूबे पूरे नहीं हो पायेंगे ऐसा गोंडवाना आंदोलन के कट्टर समर्थक व गोंडवाना आंदोलन के सजग सिपाही निर्दलीय के रूप में अपनी ताकत का एहसास करायेंगे। 

कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर रजनीश सिंह पर लग रहे आरोप 


गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी मेहरू मर्सकोले का नामांकन फार्म निरस्त होने के पीछे कारण भले ही जो भी हो लेकिन सवाल अनेक उठ रहे है। गोंगपा के प्रत्याशी का फार्म निरस्त होने के पीछे आखिर क्या कारण है, किस तरह से और क्यों फार्म भरने में कमी छोड़ी गई।
            इसके पीछे कौन जिम्मेदार है, इसको लेकर गोंडवाना आंदोलन और गोंगपा में चर्चा जोरो पर चल रही है। कुछ लोग गोंगपा के अधिकृत प्रत्याशी मेहरू मर्सकोले के नामांकन निरस्त होने के पीछे सीधे कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर रजनीश सिंह पर आरोप लगा रहे है।
                वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का यह कहना है कि गोंगपा के अधिकृत प्रत्याशी और उनके समर्थकों के द्वारा नामांकन फार्म को किस तरह भरा गया था, आखिर उसमें कमी क्यों छोड़ी गई। 

गोंगपा के प्रत्याशी को चुनावी मैदान से बाहर करने का षड़यंत्र रचने के लग रहे आरोप 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के चुनावी मैदान में खड़े होने से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी को होने की संभावना रहती है। इसी के चलते केवलारी विधानसभा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में मेहरू मर्सकोले को विधानसभा चुनाव में उतारने का खेला किया गया था।
                 सूत्र बताते है कि इस खेला में गोंगपा के भी कुछ प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के नेतागण शामिल है जिन्होंने सांठगांठ करते हुये केवलारी विधानसभा में मेहरू मर्सकोले को गोंगपा की टिकिट दिलवाकर उसका नामांकन फार्म निरस्त कराने तक की योजना बनाया था। केवलारी विधानसभा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी मैदान से बाहर हो जाये इसके लिये बड़ा षड़यंत्र रचे जाने की चर्चा हो रही है। इस खेला में कांग्रेस नेता पर जमकर आरोप लगाये जा रहे है। 

प्रीतम उईके नामांकन नहीं भरते तो केवलारी में गोंडवाना आंदोलन हो जाता चुनावी मैदान से बाहर 


केवलारी विधानसभा क्षेत्र में यदि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन के रूप में कार्य करने वाले गोंगपा के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष प्रीतम उईके द्वारा निर्दलीय के रूप में फार्म नहीं भरा जाता तो केवलारी विधानसभा क्षेत्र से गोंडवाना आंदोलन और गोंगपा को चुनावी मैदान से नामोनिशान मिट जाता।
                गोंगपा के अधिकृत प्रत्याशी मेहरू मर्सकोले का नामांकन फार्म निरस्त होने के बाद प्रीतम उईके ही गोंडवाना आंदोलन के सजग सिपाही के रूप में केवलारी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी मैदान में डटे हुये है। गोंडवाना आंदोलन और गोंगपा के कट्टर समर्थक और सजग सिपाही की उम्मीदे फिर जाग उठी है और केवलारी विधानसभा चुनाव में गोंडवाना आंदोलन का तूफान निर्दलीय उम्मीदवार प्रीतम उईके के साथ नजर आयेगा।  


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