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केवलारी विधानसभा में गोंगपा के मेहरू मर्सकोले को टिकिट मिलने के पीछे कांग्रेस नेता रजनीश सिंह का क्या है कनेक्शन ?

केवलारी विधानसभा में गोंगपा के मेहरू मर्सकोले को टिकिट मिलने के पीछे कांग्रेस नेता रजनीश सिंह का क्या है कनेक्शन ?

टिकिट वितरण को लेकर गोंगपा में विरोध के स्वर हो रहे बुलंद, बैतुल जिला अध्यक्ष, सिवनी ब्लॉक अध्यक्ष ने दिया त्यागपत्र 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

भाजपा कांगे्रस में टिकिट वितरण के बाद विरोध पार्टी कार्यालय से लेकर सड़Þक तक सामने आया है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी टिकिट वितरण को लेकर विवादों में घिरती नजर आ रही है।
                


गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी के पेनवासी होने के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने वाले तिरू तुलेश्वर सिंह मरकाम के नेतृत्व में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में उनका यह प्रथम चुनाव है।
        मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी राष्ट्रीय नेतृत्व के द्वारा टिकिट की घोषणा की गई है उनमें से कुछ सीटों में घोषित किये गये प्रत्याशी को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में विरोधाभास व विवाद-विरोध अब खुलकर सामने आ रहा है।
        सबसे अहम बात यह है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पास डैमेज कंट्रोल करने जैसी स्थिति कहीं नजर नहीं आ रही है। इससे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वोट बैंक के आकंड़े प्रभावित होने की संभावना नजर आ रही है। 

बैतुल जिला अध्यक्ष व सिवनी ब्लॉक अध्यक्ष ने दिया त्यागपत्र 


गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में मध्यप्रदेश में टिकिट वितरण के बाद बैतुल जिला अध्यक्ष हेमंत सरेआम व सिवनी ब्लॉक अध्यक्ष कृष्ण कुमार धुर्वे ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है।
            

त्याग पत्र देने के पीछे उन्होंने टिकिट वितरण में संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के मंशा व समर्थन को ध्यान नहीं रखे जाने का कारण प्रमुख रूप से बताया है। 

प्रीतम उईके के समर्थन में निर्दलीय के रूप में अपना झण्डा उठाने का फैसला ले लिया है


हम आपको बता दे कि सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा मेहरू मर्सकोले को टिकिट दिया गया है। केवलारी विधानसभा क्षेत्र में अन्य दावेदार भी थे जिनमें प्रीतम उईके का नाम गोंगपा प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा प्रस्तावित भी किया गया था। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में भी प्रीतम उईके को टिकिट दिये जाने की चर्चा आखिरी तक होती रही लेकिन अंतिम समय में राजेन्द्र राय को केवलारी विधानसभा से टिकिट दे दिया गया था।
                

इस दौरान भी प्रीतम उईके ने राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा हीरा सिंह मरकाम जी के आदेश व निर्देश पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का संगठन के हित में कार्य किया था। वहीं वर्ष 2023 के चुनाव में प्रीतम उईके को विधानसभा का प्रत्याशी गोंगपा द्वारा अधिकृत रूप से घोषित नहीं किया गया।
            वरन केवलारी विधानसभा क्षेत्र से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में मेहरू मर्सकोले को बनाया गया है। इसके बाद से ही केवलारी विधानसभा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगे है। केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धनौरा ब्लॉक, केवलारी ब्लॉक व सिवनी ब्लॉक के पदाधिकारियों ने प्रीतम उईके के समर्थन में निर्दलीय के रूप में अपना झण्डा उठाने का फैसला ले लिया है। 

मेहरू मर्सकोले को लेकर चांदनखेड़ा की सामाजिक पंचायत में क्या हुआ था फैसला


विरोध के स्वर में यह आवाज भी उठ रही है कि मेहरू मर्सकोले को केवलारी विधानसभा क्षेत्र में गोंगपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता कम ही जानते पहचानते है। वहीं मेहरू मर्सकोले का गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संगठन में काई योगदान नहीं रहा है।
                संगठन को मजबूत करने या बढ़ाने में कभी सक्रिय योगदान नहीं दिया है। आदिवासी समाज के सामाजिक सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि मेहरू मर्सकोले जिसे प्रत्याशी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा केवलारी विधानसभा में अधिकृत किया गया है।
                केवलारी विधानसभा क्षेत्र के गोंगपा के कुछ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बताया कि लगभग 2 वर्ष पहले की बात है जब चांदन खेड़ा देव ठाना में सामाजिक पंचायती हुई थी तब मेहरू मर्सकोले को लेकर आदिवासी समाजिक संगठन ने उनके विरोध में निर्णय दिया था जिसे मेहरू मर्सकोले द्वारा माना नहीं गया था जिससे आदिवासी समाज के सगाजन नाराज भी हुये थे। 

गोंगपा में फूट डालकर राज करने का ठाकुर रजनीश सिंह पर लगे रहे आरोप 

केवलारी विधानसभा क्षेत्र में मेहरू मर्सकोले को मिली टिकिट को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में फूट मची हुई है और दो फाड़ होने की स्थिति निर्मित हो गई है।
            गोंडवाना गणतंत्र पाटी्र के कुछ पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने सोशल में आरोप लगाया है कि बर्रा के नेता ठाकुर रजनीश सिंह और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के भोपाल व प्रांतीय स्तर के कुछ नेताओं की मिलीभगत व सांठगांठ से केवलारी विधानसभा की टिकिट मेहरू मर्सकोले को दिलाई गई है।
                हालांकि इसमें कितनी सत्यता व वास्तविकता है इसे तो गोंगपा के नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ता ही जानते है। इसके साथ ही गोंगपा के कर्मठ व वफादार कार्यकर्ता कांगे्रस नेता रजनीश सिंह ठाकुर पर गोंगपा में फूट डालकर राज करने का आरोप लगा रहे है। 


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