स्वयं के खर्च से नहर की बंधवाने का कार्य कर रहे किसान, मतदान बहिष्कार की दी चेतावनी
बरघाट क्षेत्र के काचना मण्डी जलाशय क्षेत्र के किसान अधिकारियों, ठेकेदारों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली से हो रहे परेशान
बरघाट। गोंडवाना समय।
विधानसभा क्षेत्र बरघाट के अंतर्गत काचना मण्डी जलाशय का निर्माण करने वाले ठेकेदार व संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते किसानों के लिये परेशानी का कारण बन गया है।
नहर के पानी से सिंचाई की सुविधा के लिये किसान राह ताकते रहता है क्योंकि घटिया निर्माण कार्य के कारण नहर फूट जाती है और नहर अनेक स्थानों पर सफाई न होने के कारण पानी का बहाव पर्याप्त नहर से नहीं हो पाता है। वर्तमान स्थिति में किसानों को सिंचाई के लिये पानी की आवश्यकता है परंतु नहर फूटने के कारण पानी सिंचाई हेतु मिलने में समस्या उत्पन्न हो रही है।
मतदान न करने की बात भी कह रहे किसान
इसी समस्या को लेकर अंजू कुमार तुरकर किसान सहित अन्य परेशान किसानों ने जानकारी देते हुये बताया कि काचना मंडी जलाशय की नहर फूट जाने से क्षेत्र के समस्त किसान आक्रोशित है।
ग्रामीणजनों का कहना है कि उनकी नहर बंधवाने की मांग पर उच्च अधिकारियों द्वारा आचार संहिता की बात कही जा रही है। इसलिये मजबूरन किसानों को स्वयं को चंदा करके नहर बंधवाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में किसान मतदान न करने की बात भी कह रहे है।
धनराशि का चंदा करके एवं स्वयं ही श्रमदान करके नहर बांधने का ग्रामीणों ने लिया निर्णय
काचना मंडी जलाशय की नहर एक बार फिर बारिश के पानी से फूट जाने के कारण किसान परेशान नजर आ रहा है। काचना मंडी जलाशय क्षेत्र के किसानो की मुख्य फसल धान एवं गेहूं है, धान की फसल को एक पानी की जरूरत है किसान नहर की फूटने की शिकायत लेकर अधिकारी के पास पहुंचते है किंतु नहर बंधवाने के कार्य कराने में आचार संहिता लगने की बात कह कर किसानों से को चुप कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में परेशान व बेबस किसान फसल बचाने के लिए चंदा करके एवं स्वयं ही श्रमदान करके नहर बांधने का निर्णय लिया है।
काचना मण्डी जलाशय परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी
काचना मंडी जलाशय में भ्रष्टाचार के कारण जलाशय का निर्माण एवं नहर निर्माण में भारी अनियमितता कर चार-पांच साल पहले ही समाप्त कर दिया गया। किसानों ने नहर की सिंचाई के लिए विद्युत विभाग एवं नहर विभाग को पैसा जमा कर दिया है फिर भी किसानो की कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है ना कोई जनप्रतिनिधि शुद्ध ले रहा है।
भारी अनियमितता के कारण यह काचना मण्डी जलाशय परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। किसानों के खेत से गहरी नहर खोद दी गई है किंतु इसके रखरखाव एवं मरम्मत की जिम्मेदारी से विभाग मुंह मोड़ रहा है।
काचना मण्डी जलाशय से विभाग को बरघाट नगर में पेयजल सप्लाई होती है एवं मत्स्य पालन हेतु यह तालाब बेचा जाता है जिससे विभाग को आय प्राप्त होती है किंतु किसानो की जमीन पर बना जलाशय एवं नहर की जमीन देकर किसान ठगा सा महसूस कर रहा है।
मुख्यमंत्री के सिवनी आगमन पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नहर निर्माण की बात की बात कही थी किंतु आज तक इस क्षेत्र में नहर निर्माण कार्य पर प्रारंभ नहीं हुआ है। आक्रोशित किसान आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं।