भीमपाठा पंचायत में 2 लाख 74 हजार का मजदूरी के नाम पर घोटाला
जांच करने वाले भी घोटाला में घुलने मिलने को एक पैर से तैयार
सरकारी सेवा करने वाले से लेकर पंचायत के कर्णधारों ने भी किया मजदूरी
ग्राम पंचायत भीमपाठा में मनरेगा कार्य में हुए अनियमितताओं की जांच करवाने कलेक्टर से की शिकायत
सिवनी। गोंडवाना समय।
शासकीय धनराशि में भ्रष्टाचार, घोटाला कर अपना जेब भरने वालों को रोकना संभवतय: सरकार के वश में भी नहीं है। शासकीय धनराशि में अनियमितता कर घोटाला करने वालों के साथ यदि जांच कर कार्यवाही करने वाले भी घुल मिल जाये तो फिर शासकीय संपत्ति में लाखों क्या करोड़ों का घोटाला करना भी आसाना हो जाता है।
जनपद पंचायत बरघाट में ग्राम पंचायत भीमपाठा में मजदूरी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों ने 2 लाख 74 हजार रूपये से अधिक का घोटाला किया है। जिसकी जांच यदि ईमानदारी से की जाये तो कार्यवाही होना सुनिश्चित है परंतु बताया जाता है कि जांच कर कार्यवाही करने वाले भी घोटालेबाजों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है।
2,74,088 रुपए की फर्जी मजदूरी भुगतान के गबन का लगा आरोप
सिवनी जिले के बरघाट विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत बरघाट की ग्राम पंचायत भीमपाठा एवं ग्राम ताखलाखुर्द में मनरेगा कार्य में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं मेट द्वारा विभिन्न कार्यों में ग्राम के पंच, उपसरपंच और ग्रामीणों की अवैध रूप से मस्टररोल में हाजरी भरकर 2,74,088 (दो लाख चौहत्तर हजार अठासी रुपये) का गबन घोटाला करने का आरोप लगा है।
सिवनी कलेक्टर को दी गई शिकायत में बताया गया कि जो व्यक्ति मनरेगा के विभिन्न कार्यो में कभी भी उपस्थित नहीं रहे एवं कोई कभी पंचायत के विभिन्न कार्यों में नहीं गये उनके नाम पर लाखों रूपये की मजदूरी भुगतान किया गया है। इस संबंध में भीमपाठा ग्राम पंचायत के आवेदक अशोक नायक द्वारा कलेक्टर से आग्रह किया है कि संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा सूक्ष्मता से जांच कराया जावे। जांच के बाद दोषी पाये जाने पर शासन द्वारा उचित कार्यवाही की मांग की है।
इन पर लगा गबन का आरोप
प्राप्त शिकायत के आधार पर यदि आवेदक की माने तो ग्राम पंचायत भीमपाठा में मजदूरी के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है उनमें से प्रमुख रूप से पवन कुमार सहारे, पूजा सहारे, ओमप्रकाश देशमुख, गीतांजलि, शांताबाई, रविता ठाकुर, प्रदीप कोसरे, पुष्पा कोसरे, संगीता चौधरी, लक्ष्मण मर्सकोले, रीना मर्सकोले, यशोदा तेकाम, सरोज मड़ावी, राजेश हरिनखेड़े, उर्मिला शिव, श्यामवती, संतोष सहारे, विद्या सहारे, सालकराम मदनकर, सविता, दिलीप कुडोपे, कीर्तिमा कुडोपे, किलीपचंद देशमुख, प्रभा देशमुख, दिरंग, फरन देशमुख, श्याम सिंह शरणागत, पीपरन, भागरता, देवेंद्र बिसेन, उर्मिला, ईश्वरदयाल व सरोज भलावी के नाम पर फर्जी मजदूरी का भुगतान किया गया है। अब यह तो सूक्ष्मता व ईमानदारी से जांच के बाद ही सुनिश्चित हो पायेगा कि सही क्या है और गलत क्या है।