कुरई कालेज सिर्फ 1 कमरे में हो रहा संचालित, हालत खंडहर जैसी, आदिवासी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़
आदिवासी अंचल में शिवराज सरकार की योजनाओं की खुल रही धरातल पर पोल
सांसदों-विधायकों की नाकामी हो रही उजागर
कॉलेज सालों से बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है, नेता वोट लेकर सिर्फ दे रहे आश्वासन
जान जोखिम में डालकर पठन-पाठन करने को है विवश
सिवनी/ कुरई। गोंडवाना समय।
वर्तमान में शिवराज सरकार की चौथी पारी पूर्ण होने वाली है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के द्वारा विकास कार्यों का ढिंढौरा पीटा जा रहा है। भाजपा संगठन के पदाधिकारी और सत्ता के जनप्रतिनिधि कार्यालयों में बैठकर अफसरों द्वारा तैयार किये गये कागजी आंकड़ों के सहारे अपनी ही पीठ थपथपाने में लगे है।
हम आपको बता दे कि धरातल में शिवराज सरकार की ये स्थिति है कि शैक्षणिक विकास के लिये बच्चों के भविष्य निर्माण के लिये कालेज भवनों का निर्माण कार्य की ये स्थिति है कि शिवराज सरकार की चौथी पारी समाप्त होने वाली हैं लेकिन आदिवासी विकासखंड कुरई कालेज की स्थिति खंडहर से भी बत्तर है।
डॉ ढाल सिंह बिसेन, अर्जुन सिंह काकोड़िया, कमल मर्सकोले की भूमिका पर उठ रहे सवाल
सिवनी जिले की बरघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुरई जनपद के शासकीय महाविद्यालय कुरई की हालत खंडहर से भी बत्तर है। कॉलेज सालों से बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है, कॉलेज में सिर्फ तीन रूम है जिसमें एक स्टाफ रूम है, दूसरा कंप्यूटर रूम और तीसरे नम्बर के रुम यानि सिंगल रुम में कॉलेज संचालित हो रहा है। यहां के वर्तमान विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया एवं पूर्व विधायक कमल मर्सकोले के कार्यकाल के विकास कार्य तस्वीर में आपको साफ नजर आ जाएगी। वहीं कॉलेज भवन की दरों-दीवारे टूट कर गिर रही है, दीवारों में दरारें पड़ गयी हैं।
महाविद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाएं व छात्र- छात्राएं जान जोखिम में डालकर पठन-पाठन करने को विवश हैं। वर्तमान के सांसद डॉ ढाल सिंह बिसेन, कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया और पूर्व विधायक कमल मर्सकोले सहित अन्य जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की गैर जिम्मेदार जनसेवक के रूप में कर्तव्य निभाने के कारण आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र अर्थात सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाला विकासखंड के युवक-युवतियां उच्च शिक्षा से वंचित होने के साथ उनका भविष्य को उच्च शिक्षा की सुविधा दिलाने में कर्तव्यविहिन रहा है।
सामुदायिक भवनो व स्कूलों में जाकर करते हैं पढ़ाई
महाविद्यालय कुरई में एक कमरे में क्लास संचालित होती है। बरसात में बारिश होने पर कमरों में पानी टपकता है। महाविद्यालय में पंखे तक की सुविधा नहीं है। महाविद्यालय के समीप बने सामुदायिक भवनो व स्कूलों में जाकर पढ़ाई करते हैं।
कुरई क्षेत्रवासियो को है नये भवन का इंतजार
कुरई जनपद के कालेज की स्थिति मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियों में से ही लगती है। जैसे-जैसे छात्र- छात्राएं अपनी आपबीती बताते जा रहे थे वैसे-वैसे सरकारी योजनाओं की धरातल पर पोल खुलती जा रही थी। छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों ने बताया कि कुरई कालेज में पढ़ने के लिए भवन ही नहीं है, इसलिए मजबूरी में क्षेत्रवासियो को शैक्षणिक अध्यापन के लिए दूसरे शहर की ओर रुख करना पड़ता है। वहीं कुरई क्षेत्रवासियो को है वर्षों से नये कालेज भवन का इंतजार है।
पैसे आ जाए, तो भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा-बीएस बघेल
कुरई कालेज के प्राचार्य श्री बीएस बघेल इस संबंध में गोंडवाना समय ने चर्चा की, तो उन्होंने कहा कि हमें कालेज भवन के लिए जमीन मिल गई है। जल्द पैसे आ जाए, तो भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। लेकिन हम आपको बता दें अभी तक भवन का निर्माण के पैसे नहीं आए हैं ऐसे में अगर आचार संहिता लग जाती है, तो भवन का निर्माण कार्य में और देरी हो सकती है।
इसे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व कांग्रेस-भाजपा के सांसदों व विधायकों व तमाम जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता कहना गलत नहीं होगा कि शैक्षणिक संस्थाओं की हालत खंडहर जैसी हो गई है।