रूपेन्द्र पाल पुलिस आरक्षक पर दर्ज हुआ मामला
महिला का शोषण करने के बाद जाने से मारने की दे रहा था धमकी
पुलिस आरक्षक रूपेंद्र पाल पर 376, 376 (2) (एन), 294, 506 के तहत दर्ज हुआ प्रकरण
सिवनी। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के राज में सिवनी शहर की निवासी पीड़ित महिला को सिवनी पुलिस द्वारा कई चक्कर कटवाकर, कई अधिकारियों के कार्यालयों व भाजपा कार्यालय में अपनी आपबीती बताने के बाद भी बहुत दिनों के बाद सुनवाई करते हुये अब जाकर पुलिस आरक्षक रूपेन्द्र पाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
शिवराज सरकार की मंशा और स्पष्ट दिशा निर्देशों के पालन में सिवनी पुलिस के द्वारा लेटलतीफी की गई है क्योंकि महिला को प्रताड़ित व महिला के साथ अन्याय, अत्याचार, शोषण करने वाला पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर तैनात है।
इसलिये पुलिस विभाग के द्वारा किसी भी तरह बचाने का प्रयास किया गया है। वहीं पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस आरक्षक रूपेन्द्र पाल पर तो मामला दर्ज किया गया है लेकिन इसके बाद भी पुलिस विभाग के द्वारा प्रताड़ना के सहभागी पुलिस विभाग का कर्मचारी शेखर बघेल को बचाने का प्रयास किया गया है।
पुलिस आरक्षक रूपेन्द्र पाल के द्वारा महिला के साथ शोषण, अन्याय, अत्यचार करने के खिलाफ महिला के द्वारा साहस दिखाते हुये कानूनी कार्यवाही करवाई गई है। इसके बाद से पीड़ित महिला व उसके नाबालिग पुत्र की सुरक्षा को लेकर भी पीड़ित महिला भयभीत है क्योंकि पुलिस आरक्षक रूपेन्द्र पाल के द्वारा धमकी दी गई थी। ऐसी स्थिित में पीड़ित महिला अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है।
सिवनी पुलिस न्याय दिलाने में आना-कानी करती रही
हम आपको बता दे कि जो महिला पुलिस थाना पीड़ित महिलाओं की शिकवा शिकायत सुनवाई व समाधान के साथ साथ कानूनी कार्यवाही करने के लिये बनाया गया है वहां पर पीड़ित महिला को ताने सुनने के साथ भटकाने के लिये भरसक प्रयास किया गया।
पुलिस विभाग सिवनी में आरक्षक के पद तैनात रूपेन्द्र पाल बैच नंबर 614 सिवनी निवासी महिला के साथ शारीरिक शोषण करने के साथ साथ उसे व उसके नाबालिग पुत्र को जान से मारने की धमकी भी देता रहा इस संबंध में पीड़ित महिला ने प्रताड़ना की हद पार होने के बाद जब पुलिस विभाग में ही शिकायत करते हुये न्याय पाने की अपेक्षा जताते हुये प्रयास किया तो पीड़ित महिला को सिवनी पुलिस न्याय दिलाने में आना-कानी करती रही।
पीड़ित महिला को पुलिस आरक्षक रूपेन्द्र पाल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के लिये अत्याधिक परेशान होना पड़ा, इसके लिये पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को आवेदन पहुंचाने व देने के साथ-साथ सत्ताधारी दल के भाजपा जिला अध्यक्ष से भी शिकवा शिकायत करना पड़ा था। यहां तक मीडियाकर्मी के समक्ष अपने साथ हुई ज्यादती, अत्याचार, अन्याय की वास्तविकता बताने के लिये सामने आना पड़ा।
आरक्षक रूपेन्द्र पाल के खिलाफ ये हुआ प्रकरण दर्ज
पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस द्वारा आरक्षक बैच नंबर 614 रूपेंद्र पाल पर 376, 376 (2) (एन), 294, 506 के तहत 10 सितंबर 2023 को प्रकरण दर्ज किया गया है। पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत व प्रताड़ना पर कानूनी कार्यवाही के लिये कई दिनों पहले आवेदन दिया था लेकिन महिला पुलिस थाना में पीड़ित महिला की सुनवाई नहीं की जा रही थी मजबूरी में पीड़ित महिला को आला अधिकारियों के कार्यालयों के दरवाजे को खटखटाना पड़ा।
कई दिनों तक महिला पुलिस थाना के कार्यालय में पीड़ित महिला का आवेदन फाईलों की शोभा बढ़ाता रहा है, यहां तक कि पुलिस धारा कौन सी लगाये ये भी पता लगाते रही। जिस तरह से कार्यवाही करने में लेट लतीफी की गई है उसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये है। हालांकि अब देर सबेर पुलिस ने आरक्षक रूपेन्द्र पाल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पीड़ित महिला के साथ उसके नाबालिग पुत्र को जान से मारने की देता था धमकी
सिवनी निवासी पीड़ित महिला के साथ शारीरिक शोषण करने, अन्याय, अत्याचार करने वाले पुलिस आरक्षक रूपेन्द्र पाल बैच नंबर 614 के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। दोस्ती करने के बाद शादी का प्रलोभन देकर निरंतर शारीरिक शोषण करता रहा। वहीं जब भी पीड़ित महिला विवाह करने की बात करती थी तो रूपेन्द्र पाल टालते रहता था।
इसके साथ ही रूपेन्द्र पाल ने पीड़ित महिला के साथ की फोटो वीडियों दिखाकर बदनाम करने की धमकी भी दिया था। इसके साथ ही पुलिस आरक्षक रूपेन्द्र पाल ने अपना विवाह कहीं ओर करने की योजना बना लिया था। वहीं इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस विभाग के ही कर्मचारी शेखर बघेल को भी थी।
वहीं पीड़ित महिला के द्वारा पुलिस में शिकायत करने की बात कहने पर रूपेन्द्र पाल आरक्षक पीड़ित महिला को जान से मारने की धमकी देता था। यहां तक पीड़ित महिला के नाबालिग पुत्र को भी जान से मारने की धमकी दे रहा था।
शेखर बघेल को बचाने में पुलिस की कार्यवाही पर उठ रहे सवाल
पीड़ित महिला की शिकायत पर कानूनी कार्यवाही के मामले में आरक्षक रूपेन्द्र पाल पर तो कानूनी कार्यवाही की गई है लेकिन वहीं इस पूरे मामले में सहभागी बनकर रूपेन्द्र पाल का साथ देने वाला पुलिस विभाग का कर्मचारी शेखर बघेल को कानूनी कार्यवाही से बचाने का प्रयास किया गया है।
इस मामले में बताया जाता है कि पीड़ित महिला ने रूपेन्द्र पाल के साथ साथ शेखर बघेल पर भी कानूनी कार्यवाही की मांग की थी लेकिन पुलिस विभाग ने सिर्फ रूपेन्द्र पाल पर ही कार्यवाही करते हुये शेखर बघेल को बचा लिया है।