आदिवासी ही मूल निवासी हैं-मेधा पाटकर
आदिवासियों ने ही जल, जंगल, जमीन और संविधान को बचाकर रखा है
भोपाल। गोंडवाना समय।
देश मे रहने वाले आदिवासी जनजाति के लोग ही सच्चे मूल निवासी हैं। इन्होंने सदियों से जल, जंगल, जमीन और संविधान को बचाकर रखा है लेकिन आज सत्ता के साथ मिलकर पूंजीपति ताकतें इनके संसाधनों पर कब्जा कर रही हैं। इसलिए सभी जाति वर्ग के नागरिकों को एकजुट होकर संवैधानिक और शांति पूर्ण रास्ते से संघर्ष करने की जरूरत है।
उक्त बातें नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री और प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने रवींद्र भवन सभागार मे आयोजित विश्व आदिवासी मूल निवासी दिवस के मौके पर कही। वंचित समाज संघर्ष मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के पूर्व शहर के रानी कमलापति स्टेशन स्थित बौद्ध विहार से रवींद्र भवन तक संविधान अधिकार कर्तव्य सामाजिक एकता रैली निकाली गई।
उक्त आयोजन मे मणिपुर में नागरिकों की हिंसा से सुरक्षा और दोषियों पर कार्यवाही की मांग के साथ ही प्रदेश में वंचित समुदाय के प्रतिनिधियों को राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशी बनाये जाने की मांग उठायी गई। कार्यक्रम के दौरान लगभग 700 समाज बंधुओं की उपस्थिति मे सर्व धर्म समभाव एवं एकता के लिए विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों द्वारा संविधान की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर संविधान को बचाने और अपनाने का सामुहिक संकल्प लिया गया। इस कार्यक्रम का समन्वय वंसम मिशन यूनिटी के शरद सिंह कुमरे द्वारा विविध संस्थाओं के विशेष सहयोग से किया गया।
संविधान वंदना और सामाजिक गीतों की हुई प्रस्तुति
श्री शरद सिंह कुमरे, सामाजिक कार्यकर्ता, वंसम मिशन यूनिटी द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि ने आगे बताया विश्व मूलनिवासी दिवस के अवसर पर बैठक द आर्ट हाऊस और गीतकार राजू भारतीय साथियों द्वारा संविधान वंदना व सामाजिक एकता के गीत प्रस्तुत किए गए वहीं आदिवासी रोहतास समाज के अध्यक्ष हरमन लकड़ा द्वारा पेसा एवं डिलीस्तिटिंग कानून की जानकारी दी गई।
मंचीय कार्यक्रम का संचालन प्रेमशिला मिंज द्वारा किया गया। इस आयोजन मे प्रमुख रूप से केसरी नारायण, आई.एस. मौर्या, आर. के. सिंह, अजय शाह,आर. बी. वट्टी, ज्ञानी दिलीप सिंह, डॉ जगदीश सूर्यवंशी, परमिन्दर कौर,अथनस टोप्पो,चंद्रा सरवटे, प्रकाश ठाकुर, आर. एन. ठाकुर,सुजाता कुंजाम, तेजकुमार तिग्गा, अनिल गोलाइट अशोक ढोके, एडवोकेट बी. पी. बंसल,विजय वट्टी, विजय शंकर श्रवण आदि जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डी. एस. उइके ने आभार व्यक्त किया।
इन संस्थाओं को मिला संविधान प्रहरी सम्मान
वंचित समुदायों के बीच सामाजिक एकता और विकास के लिए कार्य करने और इस आयोजन में मुख्य भूमिका निभाने के लिए वंचित समाज संघर्ष मंच से जुड़ें सामाजिक कार्यकतार्ओं एवं सामाजिक संस्थाओं को संविधान प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया गया।
इनमे गोंड समाज महासभा, आदिवासी रोहतास समाजिक महासभा,मप्र अहिरवार समाज,सम्राट अशोक बौद्ध विहार,मप्र तमिल समाज सेवा समिति, सिक्ख समाज एवं गुरुद्वारा प्रबंधन समिति टी. टी. नगर,धानुक समाज विकास संघ, आदिवासी सेवा मण्डल,गोंडवाना मातृशक्ति ट्राइबल फाउंडेशन, माझी सरकार, कलावती सिंह राष्ट्रीय युवा संगठन, गांधी भवन न्यास भोपाल, पर्यावरण शिक्षा एवं संरक्षण समिति,अति पिछड़ा वर्ग उत्थान समिति , अनुसूचित जाति जनजाति परिसंघ,बैठक आर्ट हाउस,आल इंडिया महिला अधिकार मंच, मप्र सकल वाल्मिकी पंचायत, पनिका महासभा मप्र, बिरसा मुंडा खेल समिति, कुरुख लिटरेरी सोसायटी आॅफ इंडिया भोपाल चैप्टर, कदम संस्था,इंडियन यूथ फोर्स,भारतीय संविधान बचाओ अभियान को सम्मानित किया गया।