Type Here to Get Search Results !

बस्तर में बम बारूद बंदूक नहीं बल्कि शांति वार्ता से आएगा अमन चैन

बस्तर में बम बारूद बंदूक नहीं बल्कि शांति वार्ता से आएगा अमन चैन

बस्तर से उठी मांग राज्य सरकार करे घोषणापत्र के अनुरूप शांति वार्ता की पहल


छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय। 

अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ जिला सुकमा की जिला स्तरीय सम्मेलन/बैठक प्रांताध्यक्ष श्री आर एन ध्रुव के मुख्य आतिथ्य, श्री आर.सी. ध्रुव जिलाध्यक्ष बिलासपुर, श्री अकत ध्रुव जिलाध्यक्ष मुंगेली, श्री तामेश्वर ठाकुर के विशेष आतिथ्य में 14 जून को संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुकमा कोमल देव मरकाम द्वारा किया गया। 

मूल निवासी बेरोजगार आवेदकों को ही प्राथमिकता दिए जाने की मांग की गई 


इस अवसर पर आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के संबंध में सभी पदाधिकारियों ने बारी-बारी से विस्तार पूर्वक अपनी अपनी बातें रखे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए 1 मई के अंतरिम राहत के अनुरूप जिला स्तरीय तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के स्थानीय भर्तियों में शत प्रतिशत आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए मूल निवासी बेरोजगार आवेदकों को ही प्राथमिकता दिए जाने की मांग की गई। ज्ञात हो सुकमा जिले में आदिवासियों की जनसंख्या 84% है। यदि स्थानीय स्तर पर तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पदों पर सुकमा जिले में भर्ती होगी तो 100 में 84 आदिवासी समाज के युवाओ को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 

सभी विभागों में विभाग प्रमुखों की पदस्थापना केवल आदिवासी वर्ग से ही करने की मांग 

आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग में शिक्षक भर्ती में आदिवासी वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों के लिए डीएड ,बीएड एवं टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल किए जाने की मांग रखी गई। जिससे सुदूर वनों में रहने वाले, अभाव में जीवन यापन करने वाले स्थानीय बोली भाषा गोंडी, हल्बी, भतरी के जानकार आदिवासी वर्ग के युवाओं को शिक्षक बनने का अवसर मिल सके।
            सर्वसम्मति से संवैधानिक हितों की रक्षा हेतु सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक चौतरफा लड़ाई लड़ने का निर्णय के साथ सामाजिक एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किए। पांचवी अनुसूची क्षेत्र सुकमा जिला के सभी विभागों में विभाग प्रमुखों की पदस्थापना केवल आदिवासी वर्ग से ही करने की मांग की गई। 

विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा परिचर्चा पश्चात सम्मेलन संपन्न हुआ 


छत्तीसगढ़ में हिंसा रोकने के लिए राज्य सरकार के घोषणापत्र के अनुरूप आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग में सुख,शांति एवं सुशासन लाने हेतु माओवादियों से शांति वार्ता की पहल राज्य सरकार द्वारा किए जाने का अनुरोध सुकमा जिला एवं दंतेवाड़ा जिला संगठन द्वारा किया गया।
                सभी ने एक स्वर में कहा कि बस्तर में बम, बारूद, बंदूक नहीं बल्कि शांति वार्ता से ही आएगी अमन चैन आएगी। अविभाजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के मंशा के अनुरूप आदिवासी विकास विभाग बस्तर संभाग के अधीन संचालित छात्रावास /आश्रमों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रावास अधीक्षकों की नियुक्ति की मांग सहित स्थानीय स्तर के विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा परिचर्चा पश्चात सम्मेलन संपन्न हुआ। 

अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे 

स्वागत उद्बोधन जिलाध्यक्ष श्री कोमल देव मरकाम द्वारा किया गया। इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष हिरमा सोड़ी, महिला प्रभात से श्रीमती रेखा अग्रवानी, श्रीमती अंजना पोया, महासचिव मनेश्वर जुर्री, सचिव लखन जुर्री, संयुक्त सचिव श्रीमती जानकी कवासी, हपका मुत्ता, देव सिंह कुंजाम, एस आर नेताम, देवनारायण सलाम, मंगलू राम नाग, पंडा वेंकटेश, महेश ध्रुव, चंद्रभान नेताम, महेंद्र कंवर, पोला राम पोडियामी, कुड़ामी देवाराम, पोड़ियामी कोसा, पोयेचामी चुला, रमेश मंडावी, कोलाराम कलकी, भीमा मढ़कामी, ततपाल सिंह नायक, मेन सिंह ध्रुव, मनोज पोया, श्रीमती जानकी कपासी, श्रीमती हेमलता मरकाम, श्रीमती सरस्वती कोराम, श्रीमती देवी मरकाम, संगीता ओडीयामी, नरेंद्र धुर्वे ,अवध राम मरावी, गंगा सोरी, लखमा कवासी, कलमू गंगा, परवीन कुमार मडकाम, वंजम भीमा के साथ ही अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.